CTET July 2019 Language - II Hindi Answer Key Archives | TheExamPillar

CTET July 2019 Language - II Hindi Answer Key

CTET July 2019 – Paper – II Language – II (Hindi) Official Answer Key

CBSE conducted the CTET (Central Teacher Eligibility Test) Exam Paper held on 07th July 2019 Evening Shift. Here The CTET Paper – II Part – V Language – II (Hindi) Question Paper with Answer Key. CTET July 2019 Answer Key. 

CTET (Central Teachers Eligibility Test)
Paper – II Junior Level (Class 6 to Class 8)

परीक्षा (Exam) – CTET Paper II Junior Level (Class VI to VIII) 
भाग (Part) – Part – V भाषा – II हिन्दी (Language – II Hindi)
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE 
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
Paper Set – Y
परीक्षा तिथि (
Exam Date) – 07th July 2019 (Evening Shift 02:00 PM – 04:30 PM)

Read Also … 

CTET Exam July 2019 Paper – 2 (Junior Level)
Part – V – भाषा – II हिन्दी (Language – II Hindi)

 

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्र.सं. 121 से 128 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

आज शिक्षा के क्षेत्र में भी बाज़ारीकरण हो जाने के कारण शिक्षा महँगी और गरीबों की पहुँच से बाहर हो चुकी है । एक ओर तो रुचि और उपयोगिता के अनुसार उपयुक्त शिक्षा पाने के लिए गरीबों के पास धन उपलब्ध नहीं है, तो वहीं जो संपन्न हैं उनके पास समय का अभाव है। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था एक बेहतर विकल्प के तौर पर उभरी है । पिछले वर्ष देश के गरीब और स्कूल न जा सकने वाले बच्चों के लिए सरकार की ओर से प्रभावी कदम उठाते हुए ई-शिक्षा व्यवस्था की शुरुआत करते हुए ‘स्वयं डॉट जीओवी डॉट इन’ वेब पोर्टल की शुरुआत की गई है । इससे बच्चे ऑनलाइन शिक्षा पा सकेंगे और उन्हें किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा। इस पोर्टल की विशेषता यह है कि इससे छात्र मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग सहित तमाम पाठ्यक्रमों की पढ़ाई घर बैठे कर सकेंगे। इससे छात्रों को घर बैठे ही सर्टिफिकेट और डिग्री भी हासिल होंगे, जो किसी भी विश्वविद्यालय में मान्य होंगे।

ऑनलाइन एजुकेशन के प्रति लोगों का बढ़ता उत्साह देखकर कहा जा सकता है कि भारत में इसका भविष्य उज्वल है । यही कारण है कि अब अधिकतर शिक्षण संस्थान इस व्यवस्था को अपना रहे हैं । पढ़ाई का बढ़ता खर्च और किसी भी प्रोफेशनल कोर्स की डिग्री प्राप्त करने के लिए कॉलेजों का चुनाव, प्रवेश परीक्षा और फिर एक साथ मोटी फीस चुकाना युवाओं की बढ़ती संख्या के लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा है । भारत में केवल बारह प्रतिशत छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश मिलता है । ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा देने वाली कंपनियों के लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार बन गया है । आज एक-दूसरे को समझने-जानने की जिज्ञासा भी लोगों में बढ़ी हुई देखी जाती है। ऐसे में किसी देश की भाषा सीखना आवश्यक हो जाता है क्योंकि भाषा सीखने से उस देश की संस्कृति तथा अन्य बातें समझी जा सकती हैं। इसीलिए भारत के प्रति भी रुचि बढ़ी है और हिंदी खिने-सिखाने की माँग भी बढ़ी है । यह भारत के लिए, विशेषकर हिंदी भाषा के लिए शुभ संकेत है ।

121. गद्यांश में प्रयुक्त निम्नलिखित वाक्य को चार भागों में बाँटा गया है जिनमें से किसी एक भाग में अशुद्धि है। अशुद्ध भाग को पहचानकर चिह्नित कीजिए ।
आज एक दूसरे को (i) / समझने-जानने की जिज्ञासा भी (ii) / लोगों में बढ़ी हुई (iii) / देखी जाती है । (iv)
(1) (iii)
(2) (iv)
(3) (i)
(4) (ii)

Show Answer/Hide

Answer – (3)

122. उत्पत्ति की दृष्टि से ‘ऑनलाइन’ और ‘शिक्षा’ शब्द हैं क्रमशः
(1) आगत, तत्सम
(2) तद्भव, तत्सम
(3) तत्सम, तद्भव
(4) तद्भव, आगत

Show Answer/Hide

Answer – (1)

123. ‘उपयोगिता’ शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय क्रमश: हैं।
(1) उ, गिता
(2) उप, ता
(3) ता, उप
(4) उप, इता

Show Answer/Hide

Answer – (2)

124. आज शिक्षा गरीबों की पहुँच से बाहर होती जा रही है। इसका कारण है।
(1) उपयुक्त व्यवस्था का सरकारीकरण हो गया है।
(2) बाज़ारीकरण के कारण शिक्षा महँगी हो गई है।
(3) गरीब अधिक.गरीब होते जा रहे हैं।
(4) गरीब आरक्षण का लाभ नहीं उठा पाते ।

Show Answer/Hide

Answer – (2)

125. ‘ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था’ का तात्पर्य है।
(1) मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग आदि की शिक्षा
(2) गरीब और साधनहीन लोगों के लिए शिक्षा
(3) किसी भी प्रकार के शुल्क से मुक्त शिक्षा
(4) घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा

Show Answer/Hide

Answer – (4)

126. भारत के लिए शुभ-संकेत है।
(1) हिंदी सीखने-सिखाने की माँग बढ़ना
(2) निःशुल्क शिक्षा व्यवस्था
(3) ऑनलाइन शिक्षा शिक्षा का बाज़ारीकरण

Show Answer/Hide

Answer – (1)

127. भारत में ऑनलाइन शिक्षा में निरंतर रुचि बढ़ने का उपयुक्त कारण नहीं है।
(1) महँगी होने के कारण पढ़ाई में खर्च बढ़ता जा रहा है ।
(2) विश्व के अनेक देशों की भारत में रुचि बढ़ रही है।
(3) अधिकतर छात्रों को विश्वविद्यालयों में प्रवेश नहीं मिलता ।
(4) अधिकतर शिक्षण संस्थान ऑनलाइन व्यवस्था अपना रहे हैं।

Show Answer/Hide

Answer – (2)

128. भारत ऑनलाइन शिक्षा देने वाली कंपनियों के लिए बहुत बड़ा बाज़ार बन गया है, क्योंकि
(1) ऑनलाइन शिक्षा पाने का फैशन युवक युवतियों को आकर्षित करता है।
(2) लोगों को कोई कष्ठ उठाए बिना डिग्री मिल जाती है।
(3) अधिकांश युवक, किन्हीं कारणों से विश्वविद्यालयी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
(4) आज एक-दूसरे को समझने की जिज्ञासा बढ़ी है।

Show Answer/Hide

Answer – (3)

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न संख्या 129 से 135 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चिह्नित कीजिए :

हमारे व्यावहारिक अथवा वास्तविक जीवन में भी यही सिद्धांत काम करता है कि हम समाज अथवा लोगों को जो देते हैं वही हमारे पास लौटकर आता है। हम लोगों से प्यार करते हैं तो लोग भी हमें प्यार करते हैं। लेकिन यदि हम लोगों से घृणा करते हैं तो वे भी हमसे घृणा ही करेंगे इसमें संदेह नहीं । यदि हम सबके साथ सहयोग करते हैं अथवा ईमानदार बने रहते हैं तो दूसरे भी हमारे प्रति सहयोगात्मक और ईमानदार हो जाते हैं । इसे आकर्षण का नियम कहा गया है । हम जैसा स्वभाव विकसित कर लेते हैं वैसी ही चीजें हमारी ओर आकर्षित होती हैं। गंदगी मक्खी को आकर्षित करती है तो फूल तितली को आकर्षित करते हैं । यदि हम स्वयं को फूल जैसा सुंदर, सुवासित, मसृण व रंगीन अर्थात् सुंदर गुणों से युक्त बना लेंगे तो स्वाभाविक है कि समाज के सुंदर गुणी व्यक्ति हमारी ओर आकर्षित होंगे ही।

यदि हम चाहते हैं कि हमारे संपर्क में केवल अच्छे लोग ही आएँ तो हमें स्वयं को उनके अनुरूप बनाना होगा – दुर्गुणों में नहीं, सद्गुणों में । अपने व्यवहार को व्यवस्थित व आदतों को अच्छा करना होगा । अपनी वाणी को कोमल व मधुर बनाना होगा । केवल मात्र बाहर से नहीं, मन की गहराइयों में स्वयं को सुंदर बनाना होगा । यदि हम बाहरी रूप-स्वरूप से नहीं, वरन मन से सुंदर बन पाते हैं तो विचार और कर्म स्वयं सुंदर हो जाएँगे । जीवन रूपी सितार ठीक बजने लगेगा । जीवन के प्रति सत्यम्, शिवम् और सुंदरम् का आकर्षण बढ़ने लगेगा।

129. हमारे व्यवहार और कार्य स्वयं ठीक हो जाएँगे यदि हम
(1) सबसे अच्छा व्यवहार करें।
(2) बाहर से ही नहीं, भीतर से भी अच्छे बनें ।
(3) वीणा और वाणी से मधुर स्वर निकालें ।
(4) सुखी जीवन व्यतीत करें।

Show Answer/Hide

Answer – (2)

130. लेखक द्वारा ‘आकर्षण का नियम’ किसे कहा गया हैं ?
(1) अच्छा-बुरा स्वभाव वैसे ही लोगों को आकर्षित करता है।
(2) गंदगी मक्खियों को आकर्षित करती है।
(3) चुंबक लोहे को आकर्षित करता है।
(4) फूल गुणवानों को आकर्षित करते हैं।

Show Answer/Hide

Answer – (1)

131. फूल के लिए कौन-सा विशेषण अनुपयुक्त है ?
(1) मसृण
(2) आकर्षित
(3) सुवासित
(4) रंगीन

Show Answer/Hide

Answer – (2)

132. निम्नलिखित शब्द-युग्मों में उस युग्म को पहचानिए जो शेष से भिन्न हो :
(1) आकर्षण-विकर्षण
(2) सुंदर-असुंदर
(3) रूप-स्वरूप
(4) सद्गुण-दुर्गुण

Show Answer/Hide

Answer – (3)

133. फूल और तितली का उदाहरण देकर लेखक सिद्ध करना चाहता है कि
(1) भले लोगों को फूल और तितलियाँ प्रिय होते हैं।
(2) गुणी जनों को गुणवान ही आकर्षित करते हैं।
(3) तितली फूलों की ओर ही आकर्षित होती है।
(4) हमें जीवन को तितली जैसा बनाना चाहिए ।

Show Answer/Hide

Answer – (2)

134. अनुच्छेद के निम्नलिखित वाक्य को चार भागों में बाँटा गया है जिनमें एक भाग में अशुद्धि है । उस भाग को पहचानिए :
“केवल मात्र बाहर से नहीं, (i) / मन की गहराइयों में (ii) / स्वयं को सुंदर (iii) / बनाना होगा ।” (iv)
(1) (iii)
(2) (iv)
(3) (i)
(4) (ii)

Show Answer/Hide

Answer – (3)

135. अपने व्यवहार को व्यवस्थित और आदतों को अच्छा करने से क्या होगा ?
(1) वाणी कोमल और मधुर हो जाएगी।
(2) दुर्गुण सद्गुणों में बदल जाएँगे ।
(3) जीवन सुखी और संपन्न हो जाएगा।
(4) अच्छे लोग ही हमारे संपर्क में आएँगे।

Show Answer/Hide

Answer – (4)

CTET July 2019 – Paper – I (Language – II Hindi) Official Answer Key

CBSE conducted the CTET (Central Teacher Eligibility Test) Exam Paper held on 07th July 2019 Morning Shift. Here The CTET Paper – I Part – V Language – II Hindi Question Paper with Answer Key. CTET July 2019 Answer Key.

CTET (Central Teachers Eligibility Test)
Paper – I Primary Level (Class 1 to Class 5)

परीक्षा (Exam) – CTET Paper I Primary Level (Class I to V) 
भाग (Part) – Part – V – भाषा – II हिंदी (Language – II Hindi)
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE 
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
Paper Set – Q
परीक्षा तिथि (
Exam Date) – 07th July 2019

Read Also ….

 

CTET Exam July 2019 Paper – 1 (Primary Level)
Part – V भाषा – II हिंदी (Language – II Hindi)

 

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 121 से 128 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तरवाले विकल्प को चिह्नित कीजिए।

सुप्रसिद्ध गीतकार गोपालदास ‘नीरज’ ने अपनी एक रचना में कहा है:
जैसा हो आघात रे वैसा बजे सितार
तेरी ही आवाज़ की प्रतिध्वनि है संसार ।
हम वाद्ययंत्रों पर जैसा आघात करते हैं वैसी ही ध्वनि उनसे निकलती है। यदि कठोरता से आघात करते हैं तो कठोर ध्वनि उत्पन्न होती है, लेकिन यदि कोमलता से आघात करते हैं तो कर्णप्रिय कोमल ध्वनि उत्पन्न होती है । यदि हम किसी वाद्ययंत्र को नियमपूर्वक ठीक से बजाते हैं तो सही राग उत्पन्न होता है, अन्यथा सही राग उत्पन्न होने का प्रश्न ही नहीं उठता । सही राग उत्पन्न न होने की स्थिति में गुणीजन हमारे गायन अथवा वादने की ओर आकर्षित ही नहीं होंगे । हमारे जीवन रूपी सितार की भी यही स्थिति होती है । यदि हम अनुशासन में रहते हुए प्रत्येक कार्य नियमानुसार करते हैं तो जीवन रूपी सितार से उत्पन्न होने वाला प्रत्येक राग रूपी कार्य हमें सार्थकता है और आनंद ही प्रदान करेगा।

इस संसार में हम जो कुछ सोचते, कहते अथवा करते हैं वही हमारे पास लौटकर आता है । न कम, न अधिक जब हम किसी खंडहर अथवा वादी में कोई अच्छा शब्द या वाक्य बोलते हैं तो कुछ देर बाद वही अच्छा शब्द या वाक्य पूँजता हुआ हमें सुनाई पड़ता है। और यदि हम कोई बुरा, अपमानजनक अथवा घृणास्पद शब्द या वाक्य बोलते हैं तो कुछ देर बाद वही बुरा, अपमानजनक अथवा घृणास्पद शब्द या वाक्य हमें सुनाई पड़ता है। यदि हम सुरीली आवाज निकालते हैं तो वैसी ही सुरीली आवाज लौटकर हमारे पास आती है, लेकिन यदि हम डरावनी आवाज निकालते हैं तो वैसी ही डरावनी आवाज लौटकर आती है । हम जैसा एक बार बोलते हैं। वैसा ही कई बार सुनने को अभिशप्त होते हैं । पर यह बात अनुभव करते हुए भी इसका आशय हम समझते नहीं ।

चूँकि आवाज के लौटकर आने में थोड़ा वक्त लगता है, इसलिए हम उसे स्वतंत्र घटना मान लेते हैं। यह अहसास नहीं कर पाते कि हमारे ही किए हुए काज, हमारे ही सोचे हुए भाव अलग दिशा से हमारे पास आते दिख रहे है।

121. जीवन के साथ सितार की तुलना किसलिए की गई है ?
(1) सितार बजाने की भाँति जीने का भी एक सलीका होता है।
(2) जीवन तो सुरीला ही होता है।
(3) तुलना ही असंगत है।
(4) जीवन सितार की भाँति संगीतमय होना चाहिए ।

Show Answer/Hide

Answer – (1)

122. हम जैसा करते हैं वैसा पाते हैं – यह समझाने के लिए लेखक ने किसका उदाहरण दिया है ?
(1) आघात का
(2) गूँज का
(3) अनुशासन का
(4) सितार का

Show Answer/Hide

Answer – (1)

123. प्रत्यय की दृष्टि से उस शब्द को पहचानिए जो शेष शब्दों से भिन्न हो।
(1) निकलता
(2) सार्थकता
(3) कठोरता
(4) कोमलता

Show Answer/Hide

Answer – (1)

124. ‘यदि कोई अच्छा शब्द या वाक्य बोलते हैं तो…’ की कर्मवाच्य में रचना होगी –
(1) यदि कोई अच्छा शब्द या वाक्य बोला जाए तो…
(2) यदि कोई अच्छा शब्द या वाक्य बोलेंगे तो…
(3) यदि कोई अच्छा शब्द या वाक्य बोलते रहेंगे तो…
(4) यदि कोई अच्छा शब्द या वाक्य बोलें तो…

Show Answer/Hide

Answer – (1)

125. ‘घृणास्पद’ का संधि-विच्छेद होगा
(1) घृणा + स्पद
(2) घृणा + आस्पद
(3) घृणा + पद
(4) घृणाः + पद

Show Answer/Hide

Answer – (2)

126. कौन सा विशेषण गोपालदास ‘नीरज’ के लिए उपयुक्त नहीं है ?
(1) रचनाकार
(2) कवि
(3) गीतकार
(4) संगीतकार

Show Answer/Hide

Answer – (4)

127. एक ही वाद्ययंत्र से कोमल और कठोर ध्वनि निकलना किस पर निर्भर होता है ?
(1) श्रोता की रुचि पर
(2) हलके या तेज आघात पर
(3) वाद्ययंत्र पर
(4) बजाने वाले की कला पर

Show Answer/Hide

Answer – (2)

128. ‘कर्णप्रिय’ ध्वनि का आशय है
(1) कानों को प्रिय
(2) कानों से प्रिय
(3) कानों पर प्रिय
(4) कानों में प्रिय

Show Answer/Hide

Answer – (1)

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 129 से 135 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तरवाले विकल्प चुनिए :

हमारा जीवन जिन मानवीय सिद्धांतों, अनमों सांस्कृतिक संस्कारों के संबल से समस्त सृष्टि के महत्वपूर्ण बना है, परोपकार की भावना उन्हीं में है । मानव को दूसरे मानव के प्रति वैसा ही संवेदनात्मक उत्तरदायित्व निभाना चाहिए, जैसे वह स्वयं के प्रति निभाता है । जीवन को केवल परोपकार, पर सेवा औ नि:स्वार्थ प्रेम के लिए ही वास्तविक समझना चाहिए क्योंकि नश्वर शरीर जब नष्ट हो जाएगा तो उसके बाद हमारा कुछ भी इस दुनिया के जीवों की स्मृति में नहीं रहेगा। हम जग जीवों की स्मृति में सदा-सदा के लिए तभी बने रह सकते हैं, जब हम अपने नश्वर शरीर को वैचारिक, बौद्धिक और आत्मिक चेतना से पूर्ण कर नि:स्वार्थ भाव से स्वयं को जीव सेवा में समर्पित करेंगे।

हमें स्थिरता से और शांतिपूर्वक यह विचार करते रहना चाहिए कि हमारे जीवन का सर्वश्रेष्ठ उद्देश्य और एकमात्र लक्ष्य हमारे द्वारा किया जाने वाला त्याग है। त्याग योग्य व्यक्तित्व प्राप्त करने के लिए गहन तप की आवश्यकता है । त्याग का भाव किसी मनुष्य में साधारण होते हुए नहीं जन्म लेता । इसके लिए मनुष्य को जीवन जगत और इसके जीवों के संबंध में असाधारण वैचारिक रचनात्मकता अपनाकर निरंतर योग, ध्यान, तप व साधना करनी होगी । उसे इस स्थिति से विचरते हुए विशिष्ट आध्यात्मिक अनुभवों से लैस होना होगा । आवश्यकता होने पर उसे जीवों की वास्तविक सेवा करनी होगी । जब ऐसी विशेष मानवीय परिस्थितियाँ उत्पन्न होंगी, तब ही मानव में त्याग भाव आकार ग्रहण करेगा।

129. त्याग के योग्य व्यक्तित्व प्राप्त करने के लिए आवश्यक है
(1) साधारण पात्रता
(2) सर्वोच्च मानवीयता
(3) सद्गुणों की प्राप्ति
(4) असाधारण रचनात्मकता

Show Answer/Hide

Answer – (4)

130. ‘आध्यात्मिक अनुभवों से लैस’ होना होगा ।
रेखांकित शब्द का अर्थ है –
(1) पूर्ण
(2) रिक्त
(3) सतर्क
(4) सज्जित

Show Answer/Hide

Answer – (4)

131. ‘आध्यात्मिक’ शब्द का निर्माण किस उपसर्ग की सहायता से हुआ है ?
(1) अधि
(2) आधि
(3) आध्य
(4) अ

Show Answer/Hide

Answer – (1)

132. रचना की दृष्टि से शेष से भिन्न शब्द को कीजिए :
(1) वैचारिक
(2) बौद्धिक
(3) वास्तविक
(4) मालिक

Show Answer/Hide

Answer – (4)

133. शरीर को ‘नश्वर’ कहा जाता है, क्योंकि वह
(1) अल्पायु होता है।
(2) नाशवान होता है।
(3) छोटा होता है।
(4) अत्यल्प होता है।

Show Answer/Hide

Answer – (2)

134. लोग हमें तभी याद रखेंगे जब हम –
(1) वास्तविक ज्ञान अर्जित करेंगे।
(2) नि:स्वार्थ भाव से सेवा करेंगे।
(3) वैचारिक उन्नति करेंगे।
(4) नश्वर शरीर को त्याग देंगे।

Show Answer/Hide

Answer – (2)

135. जीवन का श्रेष्ठ उद्देश्य किसे बताया गया है ?
(1) तप
(2) त्याग
(3) रचनात्मकता
(4) शिक्षा

Show Answer/Hide

Answer – (2)

error: Content is protected !!