CTET July 2019 - Paper - I (Language - I Hindi) Answer Key | TheExamPillar
CTET July 2019 Answer Key

CTET July 2019 – Paper – I (Language – I Hindi) Official Answer Key

CBSE conducted the CTET (Central Teacher Eligibility Test) Exam Paper held on 07th July 2019 Morning Shift. Here The CTET Paper – I Part – IV Language – I Hindi Question Paper with Answer Key. CTET July 2019 Answer Key.

CTET (Central Teachers Eligibility Test)
Paper – I Primary Level (Class 1 to Class 5)

परीक्षा (Exam) – CTET Paper I Primary Level (Class I to V) 
भाग (Part) – Part – IV – भाषा – I हिंदी (Language – I Hindi)
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE 
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
Paper Set – R
परीक्षा तिथि (
Exam Date) – 07th July 2019

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CTET Exam July 2019 Paper – 1 (Primary Level)
Part – IV भाषा – I हिंदी (Language – I Hindi)

 

निर्देश – नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्ना (91 से 99 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाल विकल्प को चुनिए ।

मानव के मर्मस्थल में परोपकार और त्याग जस सद्गुणों की जागृति तभी हो पाती है, जब वह अपने तुच्छ भौतिक जीवन को नगण्य समझकर उत्साह-उमंग के साथ दसरों की सेवा-सुश्रूषा तथा सत्कार करता है। यह कठोर सत्य है कि हम भौतिक रूप में इस संसार में सीमित अवधि तक ही रहेंगे । हमारी मृत्यु के बाद हमारे निकट संबंधी, मित्र, बंधु-बांधव जीवन भर हमारे लिए शोकाकुल और प्रेमाकुल भी नहीं रहेंगे । दुख मिश्रित इस निर्बल भावना पर विजय पाने के लिए तब हमारे अंतर्मन में एक विचार उठता है कि क्यों न हम अपने सत्कर्मों और सद्गुणों का प्रकाश फैलाकर सदा-सदा के लिए अमर हो जाएँ।

सेवक-प्रवृत्ति अपनाकर हम ऐसा अवश्य कर सकते हैं। अपने नि:स्वार्थ व्यक्तित्व और परहित कर्मों के बल पर हम हमेशा के लिए मानवीय जीवन हेतु उत्प्रेरणा बन सकते हैं। अनुपम मनुष्य जीवन को सद्गति प्रदान करने के लिए यह विचार नया नहीं है। ऐसे विचार सज्जन मनुष्यों के अंतर्मन में सदां उठते रहे हैं तथा इन्हें अपनाकर वे दुनिया में अमर भी हो गए । इस धरा पर स्थायी रूप में नहीं रहने पर भी ऐसे परहितकारी कालांतर तक पूजे जाते रहेगे। अमूल्य मनुष्य जीवन की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा यही है। यही सीखकर मनुष्य का जीवन आनंदमय और समृद्धिशाली हो सकता है।

यदि इस प्रकार मानव जीवन उन्नत होता है तो यह बार स्वर्गिक विस्तार ग्रहण कर लेगा । किसी भी के आध्यात्मिकता का जो अंतिम ज्ञान मिलेगा, यही शिक्षा देगा कि धर्म-कर्म का उद्देश्य सत्कर्मों और सद्गुणों की ज्योति फैलाना ही है।

91. ‘नि:स्वार्थ’ शब्द का उपयुक्त विपरीतार्थी शब्द है।
(1) परार्थी
(2) परोपकारी
(3) नि:स्वार्थी
(4) स्वार्थी

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Answer – (4)

92. पाठांश में प्रयुक्त ‘आध्यात्मिकता’ शब्द किन उपसर्ग-प्रत्ययों से बना है ?
(1) आध्य क, ता
(2) आ इ, कता
(3) अधि इक, ता
(4) आधि इक, ता

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Answer – (3)

93. ऐसे परोपकारी लोग सदा पूजे जाते रहेंगे, जो
(1) धरती पर स्थायी रूप से नहीं रहे ।
(2) आनंदमय जीवन जीते रहे ।
(3) अमूल्य मानव जीवन में श्रेष्ठ शिक्षक रहे।
(4) सेवक वृत्ति अपनाकर परहित करते रहे।

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Answer – (4)

94. ‘कठोर सत्य’ किसे कहा गया है ?
(1) भौतिक शरीर की नश्वरता
(2) भावनाओं पर नियंत्रण न कर पाना
(3) निकट संबंधियों का अस्थायी प्रेम
(4) भौतिक संसार की तुच्छता

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Answer – (1)

95. निर्बल भावनाओं पर विजय पाने के लिए क्या किए जाने की आवश्यकता बताई गई है ?
(1) सदा-सदा के लिए अमर हो जाना
(2) विजय पाने के लिए योजना बनाना
(3) ऐसी भावनाओं को मन में न आने देना
(4) अच्छे कर्मों से नाम अमर कर लेना

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Answer – (4)

96. हमारा जीवन सदा प्रेरणा बन सकता है, यदि हम :
(1) परसेवा के लिए सबको प्रेरित करें।
(2) सेवक प्रवृत्ति का प्रचार-प्रसार करें ।
(3) परहित और परोपकार करें ।
(4) नि:स्वार्थ भाव से परोपकार करें।

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Answer – (4)

97. धर्म के आचरण का उद्देश्य है
(1) आध्यात्मिकता की शिक्षा प्रदान करना
(2) अच्छे कर्मों और गुणों का प्रकाश फैलाना
(3) कर्म पर आस्था रखना
(4) अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करना

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Answer – (2)

98. “ऐसे विचार (क) / सज्जन मनुष्यों के (ख) / अंतर्मन में (ग) / सदा उठते रहे हैं।” (घ)
अनुच्छेद में प्रयुक्त उपर्युक्त अशुद्ध वाक्य को चार भागों में बाँट दिया गया है, जिनमें एक भाग पहचानिए जिसमें अशुद्धि हो ।
(1) (ग)
(2) (घ)
(3) (क)
(4) (ख)

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Answer – (4)

99. शेष शब्दों से भिन्न शब्द पहचानिए ।
(1) सत्कर्म
(2) सत्यवादी
(3) सद्गुण
(4) सद्गति

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Answer – (2)

निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न 100 से 105 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

विविध प्रांत हैं अपनी-अपनी भाषा के अभिमानी हम,
पर इन सबसे पहले दुनियावालो हिन्दुस्तानी हम् ।
रहन-सहन में, खान-पान में, भिन्न भले ही हों कितने,
इस मिट्टी को देते आए, मिल-जुलकर कुरबानी हम ।

सदियों से कुचले लाखों तूफ़ान हमने पद तल से,
आज झुके कुछ टकराकर तो कल लगते फिर जागे से ।
अंडमन से कश्मीर भले ही दूर दिखाई दे कितना,
पर हर प्रांत जुड़ा है अपना अगणित कोमल धागों से ।

जिस ओर बढ़ाए पग हमने, हो गई उधर भू नव मंगल ।
आज़ाद वतन के बाशिंदे, हर चरण हमारा है बादल ।।

100. हम भारतीय जिधर भी अपने कदम बढ़ाते हैं वहाँ
(1) देश स्वतंत्र हो जाते हैं।
(2) शुभ कार्य होते हैं।
(3) क्रांति हो जाती है।
(4) शांति हो जाती है।

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Answer – (2)

101. ‘पैर’ शब्द का समानार्थी नहीं है ?
(1) पद
(2) चरण
(3) नव
(4) पग

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Answer – (3)

102. कविता के अनुसार विविधताओं के बीच भी हम एक हैं, क्योंकि सबसे पहले हम
(1) वीर-बहादुर हैं।
(2) स्वतंत्र हैं।
(3) स्वाभिमानी हैं।
(4) भारतीय हैं।

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Answer – (4)

103. समास की दृष्टि से शेष से भिन्न पद है –
(1) खान-पान
(2) मिलना-जुलना
(3) अपनी-अपनी
(4) रहन-सहन

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Answer – (3)

104. “सदियों से कुचले लाखों तूफ़ान हमने पद तल से कथन में तूफ़ान’ का भाव है –
(1) आक्रमण
(2) लड़ाइयाँ
(3) आँधियाँ
(4) कठिनाइयाँ

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Answer – (4)

105. ‘अंडमन से कश्मीर’ हैं भारत में
(1) बलिदानी राज्य
(2) क्रांतिकारी राज्य
(3) निकटस्थ राज्य
(4) दूरस्थ राज्य

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Answer – (4)

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