इस्लाम की उत्पत्ति तथा विकास (Origin and Development of Islam) इस्लाम (Islam) जिसका शाब्दिक अर्थ ‘समर्पण’ है, की उत्पत्ति अरब मक्का में हुई थी। व्यस्त व्यावसायिक मार्गों के संगम पर बसे होने के कारण मक्का अत्यंत समृद्ध हो गया था। इस्लाम के संस्थापक मुहम्मद अब्दुल्ला तथा अमीना के पुत्र थे जिनका पालन-पोषण उनके चाचा अबु…
Category: Medieval History
देवगिरि के यादव (Yadav of Devagiri)
देवगिरि के यादव (Yadav of Devagiri) इस परिवार का पहला व्यक्ति दृधप्रहार था। उनके पुत्र सेउनाचंद्र I ने सर्वप्रथम परिवार के लिए सामंतों का स्तर प्राप्त किया था। उनके महत्त्व को इस बात से समझा जा सकता है कि यादवों के राज्य को सेउना-देश के नाम से जाना गया। भील्लम II के समय राष्ट्रकूट राज्य…
पूर्वी चालुक्य शासक (Eastern Chalukya Ruler)
पूर्वी चालुक्य शासक (Eastern Chalukya Ruler) बादामी के राजा पुलकेषिन II ने पिशहतापुर के राजा तथा विष्णुकुंदीन को पराजित कर इस नए जीते गए क्षेत्र का वाइसराय अपने भाई विष्णुवर्धन को बना दिया। जल्दी ही यह एक स्वतंत्र राज्य बन गया तथा विष्णुवर्धन ने वेंगी के पूर्वी चालुक्य वंश की स्थापना की। यह मुख्य राज्यवंश…
कल्याणी के चालुक्य शासक (Chalukya Ruler of Kalyani)
कल्याणी के चालुक्य शासक (Chalukya Ruler of Kalyani) तैल II (Tail II) तैल II ने अपना जीवन राष्ट्रकूट राजा कृष्ण III केस के रूप में प्रारंभ किया था, परन्तु शीघ्र ही उसने राष्ट्रकट राजा करक्का II को मारकर अपने को मुक्त कर लिया। वह गुजरात छोड पूरे राष्ट्रकूट राज्य का मालिक बन गया। तैल II…
दक्षिण भारत के चोल शासक (Chola Ruler of South India)
चोल राजवंश (Chola Dynasty) विजयलया (Vijayalaya) पांड्यों के सहयोगी गुत्तरयार से 850 ई०पू० के लगभग विजयलया द्वारा तंजौर छीनना तथा उसके द्वारा निशुंभसुदीनी (दुर्गा) के मंदिर की स्थापना-चोलों (Chola) के उदय से पहले चरण थे जो उस समय पल्लवों के सामंत थे। आदित्य (Aditya) आदित्य ने अपने पल्लव अधिराज को युद्ध में पराजित कर उसकी…
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश – (तोमर राजवंश)
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश तोमर राजवंश (Tomar Dynasty) तोमरों (Tomar) को 36 राजपूत वंशों में से एक माना जाता है। पारम्परिक स्रोतों के अनुसार अनंगपाल तोमर ने 736 में दिल्ली की नींव डाली तथा तोमर वंश की स्थापना की। तोमरों ने हरियाणा पर अपनी राजधानी दिल्लिका अथवा दिल्ली से शासन किया। जौला राजा तोमर…
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश – (कालचुरी या हयहयों राजवंश)
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश कालचुरी या हयहयों राजवंश (Kalchuri or Hayahayon Dynasty) कालचुरी अथवा हयहयों (Kalchuri or Hayahayon) का उल्लेख महाकाव्यों तथा पुराणों में मिलता है। चेदी राज्य से संबंध स्थापित होने के बाद इन्हें चेदी नाम से भी जाना गया। छठी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में कालचुरी राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरे। उनके…
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश – (चंदेल राजवंश)
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश चंदेल राजवंश (Chandel Dynasty) प्रतिहारों के राज्य के बिखरने के बाद बुंदेलखंड में चंदेल (Chandel) राज्य का उदय हुआ। अधिकांश मध्यकालीन राजवंशों की तरह चंदेल भी अपना उदय चंद्रवंशी चंद्रात्रेय से मानते थे। चंदेलों की पहली राजधानी शायद खजुराहो थी, जो 10वीं शताब्दी में अपने वैभव के शीर्ष पर पहुंच…
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश – (गहदवाल राजवंश)
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश गहदवाल राजवंश (Gahadavala Dynasty) ग्यारहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में गहदवालों (Gahadavala) का उदय इस शीघ्रता से हुआ कि उनके उदय के बारे में पता करना बहत कठिन है। प्रारम्भिक शासक इस वंश की स्थापना यशोनिग्रह के द्वारा किया गया था। यशोनिग्रह का पुत्र महिचद्र, जिसे महिन्द्र तथा महितल के नाम से भी…
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश – (चाहमन राजवंश)
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश चाहमन राजवंश (Chahamana Dynasty) चाहमन राजवंश (Chahman Dynasty) वंश की कई शाखाएं थीं। मुख्य शाखा, शाकंभरी (आधुनिक सांभर) जयपूर तथा अन्य जगहों पर शासन करने वाले संगोत्री थे। इनमें से कुछ प्रतिहारों के सामंत थे। वासुदेव (Vasudev) वासुदेव ने छठी शताब्दी के मध्य में मुख्य शाखा की स्थापना की। इनकी…