सुदर्शनशाह (1815 – 1859 ई0) (Sudarshan Shah) प्रद्युम्नशाह गढ़वाल राज्य के अन्तिम पंवार शासक थे। खुड़बुड़ा के युद्ध में उनकी मृत्यु हुई । सुदर्शनशाह ने…
Read Moreगढ़वाल नरेश प्रद्युम्नशाह खुड़बुड़ा के युद्ध में गोरखों से अन्तिम रूप से पराजित हुए और वीरगति को प्राप्त हुए। राजकुमार प्रीतमशाह बन्दी बनाकर नेपाल भेज…
Read Moreउत्तराखंड सड़क तंत्र (Uttarakhand Road Network) उत्तराखंड की जटिल भौगोलिक संरचना (Complex Geological Structure) के कारण लगभग 40% भू-भाग पर अभी भी सड़कों का विकास न…
Read Moreट्रेल लिखते है कि ”कुमाऊँ में आम स्कूल नहीं हैं। और निजी स्कूलों में केवल उच्च वर्ण के लोगों को ही शिक्षा मिलती है। पढ़ाने…
Read Moreचंद राजाओं के समय में पुलिस प्रबन्ध थोकदारों व प्रधानों के हाथों में होता था। तराई क्षेत्र में मेवाती व हेड़ी मुस्लमान पुलिस का कार्य…
Read Moreहेनरी रामजे हेनरी रामजे ने लगभग 44 वर्षों तक विभिन्न पदों पर ब्रिटिश कुमाऊँ में कार्य किया। इसमें से 28 वर्ष वे कुमाऊँ के छठे…
Read Moreकर्नल जार्ज गोबान कुमाऊँ के तृतीय कमिश्नर के रूप में कर्नल जार्ज गोबान की अप्रैल 1836 में नियुक्ति हुई। शीतकालीन भ्रमण पर आए बोर्ड के…
Read Moreउत्तराखण्ड राज्य को गोरखों से हस्तगत करने के पश्चात् अंग्रेजों ने अपनी पूर्व नियोजित योजना के तहत इस विजित क्षेत्र का विभाजन दो भागों में…
Read Moreउत्तराखण्ड हिमालय के उत्तर में ट्रान्स हिमालयी जैक्सर श्रेणियाँ, भारत तथा तिब्बत की जल – विभाजक रेखा बनाती हैं। इन श्रेणियों के मध्य आर-पार जाने…
Read Moreबमशाह एवं अंग्रेजो में मध्य हुई संधि पत्र पर 15 मई 1815 का अमर सिंह थापा ने हस्ताक्षर कर दिए थे किन्तु नेपाल पहुँचते ही…
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