UGC NET January 2017 Paper 1 (Answer Key)

UGC NET January 2017 Paper 1 (Answer Key)

UGC द्वारा आयोजित की गई UGC-NET (National Eligibility Test) की परीक्षा (Exam) के अंतर्गत  Junior Research Fellowship और Assistant Professor की परीक्षा 22 जनवरी, 2017 को आयोजित कराई गई थी। इस परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र (Paper 1) व उत्तर कुंजी (Answer Key) यहाँ उपलब्ध है – 

परीक्षा (Exam) – UGC NET January 2017
आयोजक (Organizer) – UGC
दिनाकं (Date) – 22 January, 2017
कुल प्रश्नों की संख्या (Total Question) – 60

UGC-NET for Junior Research Fellowship & Assistant Professor Exam January 2017 Answer Key
Paper – I (General Paper on Teaching and Research Aptitude) 

1. किसी विद्यालय का प्राचार्य विद्यालय के कार्यक्रमों में शिक्षकों तथा छात्रों के प्रतिभाग को अभिवद्ध करने की सम्भावना का पता लगाने के लिए उनके साथ साक्षात्कार सत्र आयोजित करता है । यह प्रयास अनुसंधान के किस प्रकारता से संबंधित है ?
(1) मूल्यांकन अनुसंधान
(2) मौलिक अनुसंधान
(3) क्रियात्मक अनुसंधान
(4) व्यवहृत अनुसंधान

Show Answer/Hide

Answer – (3)

2. क्रियात्मक अनुसंधान करने में सोपानों का सामान्य अनुक्रम क्या होता है ?
(1) विमर्श, प्रेक्षण, योजना निर्माण, क्रियान्वयन
(2) योजना निर्माण, क्रियान्वयन, प्रेक्षण, विमर्श
(3) योजना निर्माण, विमर्श, प्रेक्षण, क्रियान्वयन
(4) क्रियान्वयन, प्रेक्षण, योजना निर्माण, विमर्श

Show Answer/Hide

Answer – (2)

3. निम्नांकित में अनुसंधान चरणों का कौन सा क्रम तार्किक है ?
(1) समस्या स्थापन, विश्लेषण, शोध अभिकल्प का विकास, परिकल्पना निर्माण, प्रदत्त एकत्रीकरण, सामान्यीकरण और निष्कर्ष निरूपण
(2) शोध अभिकल्प का विकास, परिकल्पना निर्माण, समस्या स्थापन, प्रदत्त विश्लेषण, निष्कर्ष निरूपण, प्रदत्त एकत्रीकरण
(3) समस्या स्थापन, परिकल्पना निर्माण, शोध अभिकल्प का विकास, प्रदत्त एकत्रीकरण, प्रदत्त विश्लेषण, सामान्यीकरण तथा निष्कर्ष निरूपण
(4) समस्या स्थापन, प्रतिदर्श तथा प्रदत्त एकत्रीकरण उपकरणों के बारे में निर्णय करना, परिकल्पना निर्माण, शोध साक्ष्य का संकलन एवं निर्वचन ।

Show Answer/Hide

Answer – (3)

4. नीचे दो समुच्चय दिए गए हैं : अनुसंधान विधियाँ (समुच्चय – I) तथा प्रदत्त संकलन उपकरण (समुच्चय – II) । दोनों समुच्चय का मिलान करें तथा सही उत्तर का चयन करें ।

समुच्चय-I
(प्रदत्त संकलन उपकरण) 
समुच्चय -II
(अनुसंधान विधि)
a. प्रयोगात्मक विधि i. प्राथमिक तथा द्वितीयक स्रोतों का उपयोग करना
b. कार्योत्तर विधि ii. प्रश्नावली
c. विवरणात्मक सर्वेक्षण विधि iii. मानकीकृत परीक्षाएँ
d. इतिवृत्तात्मक (ऐतिहासिक) विधि iv. विशेष अभिलक्षण परीक्षाएँ

कूट :
.     a b c d
(1) ii ii iii iv
(2) iii iv ii i
(3) ii iii i iv
(4) ii iv iii i

Show Answer/Hide

Answer – (2)

5. “शोध नैतिकता” का विषय शोध के किस चरण में संगत माना जाता है ?
(1) समस्या स्थापन तथा इसकी परिभाषा के चरण में
(2) शोध के समग्र के निर्धारण के चरण में
(3) प्रदत्त-संकलन तथा विवेचन के चरण में
(4) निष्कर्षों को प्रस्तुत किए जाने के चरण में

Show Answer/Hide

Answer – (3)

6. निम्नांकित में किस प्रारूप में प्रतिवेदन प्रारूप औपचारिक रूप से निर्दिष्ट होता है ?
(1) डॉक्टरेट स्तरीय शोधपत्र
(2) शोधकर्ताओं का सम्मेलन
(3) कार्यशालाएँ एवं संगोष्ठियाँ
(4) संवादपरक प्रस्तुतियाँ

Show Answer/Hide

Answer – (1)

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रश्न संख्या 7 से 12 तक के उत्तर दीजिये :

अंतिम महायुद्ध जिसने आधुनिक विश्व की आधारशिला को लगभग विकंपित कर दिया, भारतीय साहित्य पर स्वल्प प्रभाव ही डाल सका है । यह हिंसा के विरुद्ध आम रूप से बढ़ावा देने की प्रवृत्ति तथा पश्चिमी दुनिया की ‘मानवीय विज्ञप्तियों’ के बारे में मोहभंग की स्थिति को प्रखरता से अभिव्यक्ति देने में ही सिमटा रहा । इसकी मुखर अभिव्यक्ति टैगोर की अंतिम कविताओं एवं उनके अंतिम महाग्रंथ ‘क्राइसिस इन सिविलाइजेशन’ के माध्यम से हुई । इस समय भारत का बुद्धिजीवी वर्ग एक नैतिक अंतर्द्वन्द्व की दशा से गुजर रहा था । एक ओर जहाँ वह संकट की घड़ी में इंग्लैंड के अदम्य साहस के प्रति सहानुभूति व्यक्त किए बगैर नहीं रह सका, जिसमें रूसी लोग निष्ठुर नाजी सैन्य शक्ति से लोहा ले रहे थे, चीन, जापान की सेनाओं को बूटों तले रौंदा जा रहा था; वहीं दूसरी ओर उनका अपना ही देश अपनी धरती की सैन्य शक्ति के नियंत्रण में था, भारतीय सेना, सुभाष बोस के नेतृत्व में दूसरी ओर से उनके देश की मुक्ति का प्रयास कर रही थी । निष्ठाओं के ऐसे द्वन्द्व में किसी भी प्रकार की सृजनात्मक प्रवृत्ति के प्रस्फुटन की कल्पना नहीं की जा सकती । यह सहज ही अनुमानित किया जा सकता है कि 1947 में भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति जो ‘मित्र राष्ट्रों’ के आविर्भाव क्रम में महत्त्वपूर्ण है तथा जो पड़ोसी देशो, जैसे दक्षिण-पूर्व एशिया में उपनिवेशवाद के अंत के रूप में फलित हुआ, सृजनात्मक ऊर्जा के विस्फोट को गतिमान कर सकता था । नि:संदेह ऐसा हुआ किंतु शीघ्र ही देश के विभाजन की यंत्रणा, नरसंहार तथा लाखों लोगों का अपने ही देश से विस्थापित होने और महात्मा गांधी की शहादत की घटना के साथ कश्मीर पर पाकिस्तानी आक्रमण तथा बाद में बांग्लादेश में उसके अत्याचारों ने मर्मस्पर्शी लेखन को प्रेरित किया था । इस कारण बंगला, हिंदी, कश्मीरी, पंजाबी, सिंधी तथा उर्दू में महत्त्वपूर्ण लेखन सामने आया । किंतु केवल मर्मस्पर्शी अथवा भावपूर्ण लेखन अपने आपमें साहित्य को महानता प्रदान नहीं करता । इन आपदाओं के उपरान्त भी जो उत्साह एवं आत्मबल का कोश बना रहा वो राष्ट्रीय पुनर्निर्माण तथा आर्थिक विकास में आत्मसात हुआ । महान् साहित्य का अभ्युदय सर्वदा ही खलबलियों की श्रृंखलाओं से प्रस्फुटित हुआ है । आज का भारतीय साहित्य पहले के सापेक्ष अपने परिमाण, विस्तार एवं विविधता में कहीं अधिक समृद्ध है।

गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों (7 से 12) के उत्तर दें:

7. पिछले महायुद्ध का भारतीय साहित्य पर क्या प्रभाव पड़ा था ?
(1) इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा था ।
(2) इसने हिंसा के विरुद्ध जनाक्रोश बढ़ा दिया था ।
(3) इसने साहित्य के नींव को हिला दिया था ।
(4) इसने पश्चिमी दुनिया को प्रबल समर्थन दिया ।

Show Answer/Hide

Answer – (2)

8. अपने अंतिम महाग्रंथ (टेस्टामेंट) में टैगोर ने किसकी अभिव्यक्ति की ?
(1) सुभाष बोस को समर्थन दिया था ।
(2) पश्चिमी दुनिया की ‘मानवीय-विज्ञप्तियों’ की पोल खोली ।
(3) इंग्लैंड के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की।
(4) देशों की मुक्ति को प्रोत्साहन प्रदान किया ।

Show Answer/Hide

Answer – (2)

9. महायुद्ध के समय भारतीय बुद्धिजीवियों की क्या सोच थी ?
(1) वे रूसी लोगों के कष्टों के प्रति उदासीन थे ।
(2) वे जापानी सैन्य शक्तिवाद के पक्ष में थे ।
(3) उनकी अनिश्चित निष्ठावान्ता ने सृजनात्मकता को बढ़ावा दिया ।
(4) उन्होंने इंग्लैंड के दृढ़-साहस के प्रति सहानुभूति जताई ।

Show Answer/Hide

Answer – (4)

10. भारतीय साहित्य में सृजनात्मक ऊर्जा को सन्निहित करने वाले कारक की पहचान कीजिये ।
(1) अपनी ही धरती का सैन्य आधिपत्य ।
(2) औपनिवेशिक आधिपत्य का प्रतिरोध ।
(3) विभाजन फलस्वरूप अनुभूत तीव्र यंत्रणा ।
(4) मित्र राष्ट्रों की विजय ।

Show Answer/Hide

Answer – (3)

11. कश्मीर तथा बांग्लादेश की त्रासदी से जनित प्रभाव क्या थे ?
(1) दूसरे देशों का शंका-भाव
(2) प्रतिद्वन्द्विता की निरन्तरता
(3) युद्ध का खतरा
(4) राष्ट्रीय पुनर्निर्माण

Show Answer/Hide

Answer – (4)

12. प्रस्तुत गद्यांश का कथ्य (संदेश) क्या है ?
(1) आपदाएँ अवश्यंभावी होती हैं ।
(2) संक्षौभ-शृंखलाओं से महान साहित्य का अभ्युदय होता है ।
(3) भारतीय साहित्य का कोई विशिष्ट परिदश्य नहीं है।
(4) युद्ध और स्वतंत्रता से साहित्य का कोई लेना-देना नहीं है ।

Show Answer/Hide

Answer – (2)

13. प्रभावी संप्रेषण में पहले से यह माना जाता है
(1) तटस्थता
(2) प्रभुत्व
(3) उदासीनता
(4) बोध

Show Answer/Hide

Answer – (4)

14. जब मौखिक तथा अमौखिक संदेश परस्पर-विरोधी हैं, तो यह कहा जाता है कि अधिकांश लोग विश्वास करते हैं
(1) अनियत संदेशों में
(2) मौखिक संदेशों में
(3) अमौखिक संदेशों में
(4) उग्र संदेशों में

Show Answer/Hide

Answer – (3)

15. किसी सूचना समृद्ध कक्षा व्याख्यान की सामान्य विशेषता इसके किस प्रकृति के होने में होती है ?
(1) गतिरहित
(2) सांतरित
(3) तथ्यात्मक
(4) खंडात्मक

Show Answer/Hide

Answer – (3)

16. भावबोधक संप्रेषण किसके द्वारा प्रेरित होता है ?
(1) उदासीन उग्रता
(2) कूट लेखक (एनकोडर) के व्यक्तित्व की विशेषताएँ
(3) बाह्य संकेत
(4) कूट लेखक-कूटानुवादक (डिकोडर) अनुबंध

Show Answer/Hide

Answer – (2)

17. सकारात्मक कक्षा संप्रेषण का परिणाम निम्नांकित में से क्या होता है ?
(1) दबाव/अवपीड़न
(2) समर्पण
(3) आमना-सामना
(4) अनुनय

Show Answer/Hide

Answer – (4)

18. कक्षा संप्रेषण किसका आधार है ?
(1) सामाजिक पहचान का
(2) बाह्य निरर्थकताओं का
(3) पूर्वाग्रही-उदासीनता
(4) सामूहिक उग्रता

Show Answer/Hide

Answer – (1)

19. श्रृंखला 1, 4, 27, 16, ?, 36, 343, ____ में छूटा हुआ पद है
(1) 30
(2) 49
(3) 125
(4) 81

Show Answer/Hide

Answer – (3)

20. श्रृंखला YEB, WED, UHG, SKI, _?_ में अगला पद होगा
(1) TLO
(2) QOL
(3) QLO
(4) GQP

Show Answer/Hide

Answer – (2)

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!