देवगिरि के यादव (Yadav of Devagiri) इस परिवार का पहला व्यक्ति दृधप्रहार था। उनके पुत्र सेउनाचंद्र I ने सर्वप्रथम परिवार के लिए सामंतों का स्तर प्राप्त किया था। उनके महत्त्व
पूर्वी चालुक्य शासक (Eastern Chalukya Ruler) बादामी के राजा पुलकेषिन II ने पिशहतापुर के राजा तथा विष्णुकुंदीन को पराजित कर इस नए जीते गए क्षेत्र का वाइसराय अपने भाई विष्णुवर्धन
कल्याणी के चालुक्य शासक (Chalukya Ruler of Kalyani) तैल II (Tail II) तैल II ने अपना जीवन राष्ट्रकूट राजा कृष्ण III केस के रूप में प्रारंभ किया था, परन्तु शीघ्र
चोल राजवंश (Chola Dynasty) विजयलया (Vijayalaya) पांड्यों के सहयोगी गुत्तरयार से 850 ई०पू० के लगभग विजयलया द्वारा तंजौर छीनना तथा उसके द्वारा निशुंभसुदीनी (दुर्गा) के मंदिर की स्थापना-चोलों (Chola) के
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश तोमर राजवंश (Tomar Dynasty) तोमरों (Tomar) को 36 राजपूत वंशों में से एक माना जाता है। पारम्परिक स्रोतों के अनुसार अनंगपाल तोमर ने 736 में
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश कालचुरी या हयहयों राजवंश (Kalchuri or Hayahayon Dynasty) कालचुरी अथवा हयहयों (Kalchuri or Hayahayon) का उल्लेख महाकाव्यों तथा पुराणों में मिलता है। चेदी राज्य से
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश चंदेल राजवंश (Chandel Dynasty) प्रतिहारों के राज्य के बिखरने के बाद बुंदेलखंड में चंदेल (Chandel) राज्य का उदय हुआ। अधिकांश मध्यकालीन राजवंशों की तरह चंदेल
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश गहदवाल राजवंश (Gahadavala Dynasty) ग्यारहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में गहदवालों (Gahadavala) का उदय इस शीघ्रता से हुआ कि उनके उदय के बारे में पता करना बहत कठिन
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश चाहमन राजवंश (Chahamana Dynasty) चाहमन राजवंश (Chahman Dynasty) वंश की कई शाखाएं थीं। मुख्य शाखा, शाकंभरी (आधुनिक सांभर) जयपूर तथा अन्य जगहों पर शासन करने
मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश सोलंकी राजवंश (Solanki Dynasty) मूलराज I (Mulraaj – I) चालक्य अथवा सोलंकियों ने गुजरात तथा काठियावाड में लगभग साढ़े तीन सौ वर्षों तक (950-1300 ई०प०)
SOCIAL PAGE