मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश – (तोमर राजवंश) | TheExamPillar
Tomar Dynasty

मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश – (तोमर राजवंश)

मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश

तोमर राजवंश (Tomar Dynasty)

तोमरों (Tomar) को 36 राजपूत वंशों में से एक माना जाता है। पारम्परिक स्रोतों के अनुसार अनंगपाल तोमर ने 736 में दिल्ली की नींव डाली तथा तोमर वंश की स्थापना की। तोमरों ने हरियाणा पर अपनी राजधानी दिल्लिका अथवा दिल्ली से शासन किया। जौला राजा तोमर वंश का एक छोटा सामंत था। इस वंश का अगला महत्त्वपूर्ण शासक वजरत था जो 9वीं शताब्दी के मध्य में हुआ था।

वजरत के बाद उनका पुत्र जिज्जुक आया जिसके तीन पुत्र थे – गोग्गा, पुर्णराजा तथा देवराजा। इन तीनों भाइयों ने करनाल जिले के पृथुदक में सरस्वती नदी के किनारे विष्णु के तीन मंदिरों का निर्माण करवाया। 11वीं शताब्दी के प्रारंभ में तोमर मुस्लिम आक्रमणकारियों से भिड़े। शाकंभरी के चाहमनों के उदय के साथ ही उन पर दबाव बढ़ने लगा। रुद्रसेन नामक एक तोमर प्रधान की मृत्यु चाहमन राजा चंदनराजा II के साथ युद्ध में हुई थी। यह संघर्ष 12वीं शताब्दी के मध्य में चाहमनों ने विग्रहराजा के नेतृत्व में दिल्ली पर अधिकार कर हमेशा के लिए समाप्त कर दिया।

 

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