61. किसने कहा है, “संहिताकारी कानून का तात्पर्य किसी विशिष्ट वस्तु पर संम्पूर्ण कानून की विस्तारपूर्वक व्याख्या करना होता है, जिसमें प्रारुपकार द्वारा पूर्ववर्ती सभी विधिक प्रावधानों एवं विषयों से सम्बन्धित सामान्य कानून के नियमों को सम्मिलित करने का प्रयास किया जाता है” ?
(1) मैक्सवेल
(2) सामण्ड
(3) कूले
(4) लाई हाल्सबरी
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62. प्राधिकार के अधीन (Intra vires) से तात्पर्य है।
(1) प्राधिकार के बिना किया गया कार्य
(2) विधि के द्वारा दिये गये प्राधिकार के अन्तर्गत किया गया कार्य
(3) विवेकानुसार किया गया कार्य
(4) इनमे से कोई नहीं
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63. विधि के संशोधन से तात्पर्य है
(1) विधि संशोधित है।
(2) विधि अस्तित्व में नहीं है ।
(3) विधि अस्तित्व में है।
(4) इनमें से कोई नहीं
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64. संविधि निर्वचन के आन्तरिक सहायक हैं :
(1) पार्श्व टिप्पणी
(2) शीर्षक
(3) दृष्टान्त
(4) ये सभी
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65. एक संविधि में किसी ‘परन्तुक’ का अभिप्राय है
(1) सामान्य नियम का अपवाद ।
(2) सामान्य नियम का अपवाद नहीं है ।
(3) सामान्य नियम की व्याख्या ।
(4) सामान्य नियम का विश्लेषण ।
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66. निम्नलिखित में से कौन से निर्वचन के बाह्य सहायक है ?
(1) शब्दकोष और पाठ्य पुस्तकें
(2) संसदीय कार्यवाहियाँ और लोक नीति
(3) न्यायिक निर्णय और विदेशी न्यायालयों के निर्णय
(4) ये सभी
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67. डेलिगेट्स नान प्रोटेस्ट डेलिगेरे (delegatus non protest delegare) से आप क्या समझते हैं ?
(1) प्रत्यायोजिति अपनी प्रत्यायोजित शक्ति को पुन: प्रत्यायोजित कर सकता है।
(2) प्रत्यायोजित शक्ति का और आगे प्रत्यायोजन नहीं हो सकता ।
(3) प्रत्यायोजित शक्ति कार्यपालिका को प्रत्यायोजित की जा सकती है।
(4) ये सभी
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68. आप उद्देशिका का क्या अर्थ समझते हैं ?
(1) संविधियों के प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन ।
(2) प्रस्तावना एक परिचयात्मक कथन है ।
(3) संविधि के निर्वचन का आन्तरिक सहायक है।
(4) ये सभी
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69. निम्नलिखित में से कौन सा संविधियों के निर्वचन का बाह्य सहायक है ?
(1) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
(2) उद्देशिका
(3) परिभाषाएँ
(4) परन्तुक
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70. किस दिनांक से एक संविधि लागू समझी जायेगी ?
(1) उस दिनांक से जिसको विधायिका ने बिल पास किया है।
(2) गजट में प्रकाशित होने के दिनांक से ।
(3) कार्यपालिका के विवेक पर निर्भर करता है ।
(4) विधायिका में बिल पेश करने की तिथि से ।
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71. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में आच्छादन के सिद्धान्त से सम्बन्धित प्रावधान दिये गये हैं ?
(1) अनुच्छेद-13(1)
(2) अनुच्छेद-14
(3) अनुच्छेद-15
(4) अनुच्छेद-13(2)
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72. सार और तत्त्व का सिद्धान्त सम्बन्धित है
(1) एक ही क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के विषयों से सम्बन्धित विधायकों की समस्याओं को हल करने हेतु विधियों की व्याख्या
(2) मौलिक अधिकारों से अधित्यजन की समस्याओं को हल करने के लिए विधियों का निर्वचन
(3) प्रादेशिक क्षेत्राधिकार से उत्पन्न समस्याओं को हल करने के लिए विधियों का निर्वचन
(4) उपरोक्त सभी
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73. निम्नलिखित में से कौन सा सांविधिक निर्वचन में आन्तरिक सहायक नहीं है ?
(1) शीर्षक
(2) विरामचिह्न
(3) प्रसिद्ध ला-जर्नल
(4) अनुसूची
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74. हितकारी व्याख्या से आप क्या समझते हो ?
(1) आपराधिक विधि में संदेह का लाभ अभियुक्त को दिया जाना चाहिए।
(2) यदि शब्द स्पष्ट रूप से कुछ बातों को छोड़ते हैं तो उन्हें सम्मिलित करने के लिए शब्दों को खींचना नहीं चाहिए।
(3) एक व्यक्ति पर कर नहीं लगाया जा सकता जब तक भाषा स्पष्ट रूप से आरोपित न करे।
(4) यदि भाषा उद्देश्य को प्राप्त करने में असफल रहती है तो आशय को प्राप्त करने हेतु उसे विस्तारित अर्थ दिया जा सकता है, यदि भाषा में ऐसी संभावना हो ।
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75. उच्चतम न्यायालय ने कौन से मामले में यह सिद्धांत प्रतिपादित किया है कि संसद को संविधान में संशोधन करने की सार्वभौम शक्ति प्राप्त है, परन्तु इसको संविधान के मूल ढाँचे को नष्ट करने की शक्ति नहीं है ?
(1) मेनका गांधी बनाम् यूनियन ऑफ इण्डिया ए.आई.आर. 1978 सुको 597
(2) गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य ए.आई.आर. 1967 सुको 1643
(3) केशवानन्द भारती बनाम केरल राज्य ए.आई.आर. 1973 सुको 1461
(4) इनमें से कोई नहीं
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76. किसी अधिनियम की संवैधानिकता के बारे में उपधारणा होती है कि
(1) यह संवैधानिक है।
(2) यह असंवैधानिक है।
(3) सब कुछ अधिनियम के प्रयोजन पर निर्भर करता है।
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं।
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77. एक वाद के विनिश्चय आधार से आप क्या समझते हैं ?
(1) वाद के तथ्य
(2) वाद का विधिक कारण
(3) वाद का प्रथम पैराग्राफ
(4) किसी विधि के बिन्दु पर न्यायाधीश के विचार
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78. वाद विधि क्या है ?
(1) संसद द्वारा निर्मित विधि ।
(2) कार्यपालिका द्वारा निर्मित विधि ।
(3) न्यायालयों द्वारा निर्मित विधि ।
(4) कार्यपालिका द्वारा निर्मित विधि और न्यायालयों द्वारा निर्मित विधि दोनों
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79. अवधारणा की आवश्यकता कब नहीं होती ?
(1) जब विधायिका का आशय स्पष्ट न हो
(2) जब विधायिका का आशय स्पष्ट हो
(3) किसी भी स्थिति में इसका प्रयोग किया जा सकता है
(4) ये सभी
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80. स्टैर डेसाइसिस (stare decisis) का सिद्धान्त क्या है ?
(1) पूर्वन्याय का सिद्धान्त
(2) माफी का सिद्धान्त
(3) संविधात्मक अर्थान्वयन का सिद्धान्त
(4) वर्तमान विधि मौलिक अधिकार से असंगत है
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