निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्न संख्या 46 से 50 तक के उत्तर दीजिए :
मनुष्य का मन सदैव गतिशील रहता है । ऐसा होता है कि विरोधी शक्तियाँ उसे अपनी ओर खींचती हैं । जो मनुष्य मन की विपरीत परिस्थितियों में अपने को मजबूती से खड़ा नहीं रख सकते और उस धारा के साथ बह जाते हैं, वे कभी उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकेंगे । उनके लिए तो यह कहना चाहिए कि वे जीवित रहते हुए मुर्दे के समान हैं । मन की अवस्था तो सभी को पलटती है । जो व्यक्ति समय एवं परिस्थिति को समझ लेते हैं, वे कभी धोखा नहीं उठा सकते और कठिनाइयों के बीच भी अपना रास्ता निकाल लेते हैं । कारण जानकर वे उसके विषैले और दूषित प्रभाव से भी बचने का प्रयत्न करते हैं । लेकिन, ऐसे लोगों की भी संख्या मिलेगी जो अपनी मनोदशा से त्रस्त हो जाते हैं और ऐसे काम कर बैठते हैं, जिनसे उनके शांतिमय जीवन में अशांति का विष घुल जाता है । प्रत्येक मनुष्य के जीवन में उद्देश्य होना चाहिए । यदि तुम्हारा कोई उद्देश्य नहीं है, तो तुम सफल न होगे । ‘क्या करोगे ?’ इसको तुम्हें जानना आवश्यक है । उद्देश्यहीन मनुष्य बिना पतवार की नाव की तरह है।
46. ‘सदैव’ शब्द का सही संधि-विच्छेद है :
(A) सद् + एव
(B) सदा + ऐव
(C) सद् + ऐव
(D) सदा + एव
Show Answer/Hide
47. निम्नलिखित में से ‘विष’ शब्द का पर्यायवाची शब्द है :
(A) वसु
(B) अर्णव
(C) उरग
(D) गरल
Show Answer/Hide
48. ‘विरोधी’ शब्द का विलोम होगा :
(A) वाहक
(B) अवरोधी
(C) शत्रु
(D) समर्थक
Show Answer/Hide
49. गद्यांश में प्रयुक्त ‘मनोदशा’ शब्द से आशय है :
(A) मन से दशा।
(B) मन पर दशा।
(C) मन की दशा।
(D) मन को दिशा।
Show Answer/Hide
50. ‘मनुष्य’ शब्द है :
(A) अव्यय
(B) भाववाचक संज्ञा
(C) जातिवाचक संज्ञा
(D) व्यक्तिवाचक संज्ञा
Show Answer/Hide
निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्न संख्या 51 से 55 तक के उत्तर दीजिए :
इस भूमि, भूमि पर बसने वाला जन और उसकी संस्कृति – इन तीनों के सम्मिलित रूप से राष्ट्र का स्वरूप बनता है । भूमि के मौखिक रूप और समृद्धि के प्रति सचेत होना हमारा कर्तव्य है । जो राष्ट्रीयता पृथ्वी के साथ जुड़ी नहीं होती, वह निर्मूल होती है । धरती माता की कोख में जो अमूल्य निधियाँ भरी पड़ी हैं, उन्हीं के कारण वह वसुंधरा कहलाती है। मातृभूमि पर निवास करने वाले मनुष्य राष्ट्र का दूसरा अंग हैं । उनके कारण ही पृथ्वी मातृभूमि की संज्ञा प्राप्त करती है । पृथ्वी माता है और जन सच्चे अर्थों में पृथ्वी का पुत्र है । जहाँ यह भाव नहीं है, वहाँ जन और भूमि का संबंध अचेतन और जड़ बना रहता है । माता अपने सब पुत्रों को समान भाव से चाहती है । इस प्रकार पृथ्वी पर बसने वाले सभी जन बराबर हैं। उनमें ऊँच और नीच का भाव नहीं है । ये जन अनेक प्रकार की भाषा बोलने वाले और अनेक धर्मों को मानने वाले हैं, फिर भी ये मातृभूमि के पुत्र हैं।
51. ‘अमूल्य’ का अर्थ है :
(A) जिसका कोई मूल्य न हो ।
(B) जिसका मूल्य बहुत कम हो ।
(C) जिसका मूल्य लागत से अधिक हो।
(D) जिसका मूल्य न आँका जा सके।
Show Answer/Hide
52. ‘निधियाँ’ शब्द का एकवचन होगा :
(A) नीधी
(B) नीधि
(C) निधि
(D) निधी
Show Answer/Hide
53. “उन्हीं के कारण पृथ्वी मातृभूमि की संज्ञा प्राप्त करती है।” वाक्य में कौन सा काल है ?
(A) संभाव्य भविष्य
(B) सामान्य वर्तमान
(C) संदिग्ध वर्तमान
(D) आसन्न भूत
Show Answer/Hide
54. ‘भाव’ शब्द है :
(A) स्त्रीलिंग
(B) नपुंसकलिंग
(C) पुल्लिंग
(D) उभयलिंग
Show Answer/Hide
55. ‘अचेतन’ शब्द का उपयुक्त अर्थ है :
(A) निश्चित
(B) एकत्र
(C) चकित
(D) निर्जीव
Show Answer/Hide
56. वाक्य के कितने अंग माने गए हैं ?
(A) चार
(B) एक
(C) दो
(D) तीन
Show Answer/Hide
57. रचना के आधार पर वाक्य का प्रकार है :
(A) विधानार्थक वाक्य
(B) कर्तृवाच्य वाक्य
(C) संयुक्त वाक्य
(D) भाववाच्य वाक्य
Show Answer/Hide
58. दो शब्दों को जोड़ने के लिए प्रयुक्त विराम चिह्न कहलाता है :
(A) विवरण चिह्न
(B) योजक चिह्न
(C) अवतरण चिह्न
(D) लोप चिह्न
Show Answer/Hide
59. ‘ढाक के तीन पात’ लोकोक्ति का सही अर्थ है :
(A) सबसे अलग विचार रखना ।
(B) समयानुसार कार्य करना ।
(C) सदा एक सी स्थिति बने रहना।
(D) पीमातीत कल्पना करना ।
Show Answer/Hide
60. ‘बहुत लज्जित होना’ के अर्थ में उपयुक्त मुहावरा है :
(A) घड़ों पानी पड़ना।
(B) टोपी उछालना।
(C) घोड़े बेचकर सोना ।
(D) डंका बजाना।
Show Answer/Hide
Read Also : |
---|