निर्देश (प्रश्न सं. 81 से 85) दिए गए गद्यांश निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश-1
साहित्योनति के साधनों में पुस्तकालयों का स्थान अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इनके द्वारा साहित्य के जीवन की रक्षा, पुष्टि और अभिवृद्धि होती है। पुस्तकालय सभ्यता के इतिहास का जीता-जागता गवाह है। इसी के बल पर वर्तमान भारत को अपने अतीत गौरव पर गर्व है। पुस्तकालय भारत के लिए कोई नयी वस्तु नहीं है। लिपि के आविष्कार से आज तक लोग निरन्तर पुस्तकों का संग्रह करते रहे है। पहले देवालय, विद्यालय और नृपालय इन संग्रहों के प्रमुख स्थान होते थे। इनके अतिरिक्त, विद्वज्जनों के अपने निजी पुस्तकालय भी होते थे। मुद्रणकला के आविष्कार से पूर्व पुस्तकों का संग्रह करना आजकल की तरह सरल बात न थी। आजकल साधारण स्थिति के पुस्तकालय में जितनी सम्पत्ति लगती हैं, उतनी उन दिनों कभी-कभी एक-एक पुस्तक की तैयारी में लग जाया करती थी। भारत के पुस्तकालय संसार भर में अपना सानी नहीं रखते थे। प्राचीन काल से लेकर मुगल सम्राटों के समय तक यही स्थिति रही। चीन, फारस प्रभृति सुदूर स्थित देशों के झुण्ड विद्यानुरागी लम्बी यात्राएँ करके भारत आया करते थे।
81. पुस्तकालयों के द्वारा किसके जीवन की रक्षा, पुष्टि और अभिवृद्धि होती है ?
(A) साहित्य की
(B) धर्म की
(C) राजनीति की
(D) समाज की
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82. साहित्य की उन्नति के साधनों में महत्वपूर्ण स्थान किसका है ?
(A) देवालय
(B) विद्यालय
(C) नृपालय
(D) पुस्तकालय
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83. सभ्यता के इतिहास का जीता-जागता गवाह है
(A) पुस्तकालय
(B) नृपालय
(C) देवालय
(D) विद्यालय
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84. मुद्रण कला के आविष्कार के पहले कौन-से कार्य कठिन था ?
(A) पुस्तकों का लेखन
(B) लेखन के साधन जुटाना
(C) पुस्तकों का संग्रह
(D) पठन-पाठन
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85. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है
(A) पुस्तकालय और भारत
(B) पुस्तकालय और विद्यालय
(C) पुस्तकालय और देवालय
(D) पुस्तकालय और नृपालय
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निर्देश (प्रश्न सं. 86 से 90) : दिए गए गद्यांश के आधारः निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश – 2
भील एक निर्धन जनजाति है। इनका मुख्य व्यवसाय कृषि है। इसके अतिरिक्त खेतों में मजदूरी, पशुपालन, जंगली वस्तुओं का विक्रय तथा शहरों में भवन निर्माण में दिहाड़ी मजदूरी पर काम कर अपनी जीवन नैया चलाते हैं। भीलों की आर्थिक विपन्नता का एक प्रमुख कारण आय से अधिक व्यय करना है। भील वध मूल्य रूपी पत्थर से बंधी शराब के अथाह सागर में डूबती जा रही जनजाति है। ऊपर से साहूकारों व महाजनों द्वारा दिए गए ऋण का बढ़ता ब्याज इस समन्दर में बबण्डर का काम करता है, जिसके कुचक्र से ये लोग कभी बाहर नहीं निकल पाते। भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का भी एक प्रमुख कारण यह है कि सामान्य आय से अपनी देनदारियाँ पूरी नहीं कर पाते। फलत: धन उपार्जन की आशा में गैर वैधानिक तथा अनैतिक कामों में भी संलिप्त हो जाते हैं।
86. भील जनजाति का मुख्य व्यवसाय क्या है ?
(A) व्यापार
(B) कृषि
(C) पशुपालन
(D) मजदूरी
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87. भीलों की आर्थिक विपन्नता का प्रमुख कारण क्या है ?
(A) अकर्मण्यता
(B) कामचोरी
(C) आलस्य
(D) आय से अधिक व्यय करना
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88. भील लोग किस कुचक्र से बाहर नहीं निकल पाते ?
(A) व्यसनों में लिप्तता
(B) साहूकारों का ऋण और उसका ब्याज
(C) अवैधानिक कार्य
(D) अपराधवृत्ति
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89. भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का एक मुख्य कारण है
(A) देनदारियाँ पूरी न कर पाना
(B) ईमानदारी से काम करना
(C) अनैतिक कार्य करना
(D) गाँव से पलायन करना
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90. धन उपार्जन के लिए भील कैसे कामों में संलिप्त हो जाते हैं ?
(A) सामाजिक काम
(B) धार्मिक काम
(C) गैर वैधानिक तथा अनैतिक काम
(D) कठिन से कठिन काम
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निर्देश (प्रश्न सं. 91 से 95) : दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश – 3
पुराणानुसार श्रृंगी ऋषि के शाप के कारण तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को डसा था, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। इससे क्रुद्ध होकर प्रतिशोध की भावना से उसके पुत्र जनमेजय ने सर्पयज्ञ किया। मंत्राहूत होकर सर्प यज्ञकुण्ड में आ-आकर गिरने लगे। इसी बीच वासुकि की बहन नाग कन्या, जरत्कात का पुत्र आस्तीक आकर जनमेजय और उसके यज्ञ अनुष्ठान की छलपूर्वक प्रशंसा करने लगा। उससे प्रसन्न होकर जनमेजय ने उससे वर माँगने को कहा। ऋत्विजों ने राजा को वर देने से मना किया। तक्षक मंत्राहूत होकर मण्डप के पास आ ही गया था कि तभी आस्तीक ने वर माँगा कि यज्ञ बन्द कर दिया जाए। बचन बद्ध होकर जनमेजय को यज्ञ बन्द कर देना पड़ा और जनमेजय को इसका पश्चाताप बना रहा कि वह अपने पिता की मृत्यु का बदला न ले सका । वास्तविक शत्रु तक्षक बच ही गया।
91. परीक्षित को किस ऋषि ने शाप दिया था ?
(A) गर्ग
(B) भारद्वाज
(C) वशिष्ठ
(D) श्रृंगी
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92. जनमेजय ने कौन-सा यज्ञ किया ?
(A) सर्पयज्ञ
(B) विष्णुयज्ञ
(C) सोमयज्ञ
(D) महारुद्र यज्ञ
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93. जनमेजय के यज्ञ की प्रशंसा किसने की?
(A) श्रृंगी ऋषि
(B) आस्तीक
(C) शुकदेव
(D) नारद
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94. जनमेजय को वर देने से किसने मना किया।
(A) मुनियों ने
(B) व्यासजी ने
(C) ऋत्विजों ने
(D) देवों ने
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95. जनमेजय के पिता का नाम क्या था ?
(A) परीक्षित
(B) अर्जुन
(C) जरत्कात
(D) अभिमन्यु
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निर्देश (प्रश्न सं. 96 से 100) : दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश-4
राजा दशरथ के तीन विवाह होने पर भी उनके यहाँ कोई उत्तराधिकारी नहीं हुआ। राजा के वानप्रस्थ का समय समीप आता जा रहा था, उनकी चिन्ता बढ़ती जा रही थी। इस हेतु उन्होंने ऋषि-मुनियों से संपर्क कर उपाय हेतु सलाह करना आरंभ कर दिया । महर्षि वशिष्ठ ने उनसे कहा-राजन आपकी कुल-परम्परा में पूर्व में भी इस प्रकार का समय आ चुका है । महाराज दिलीप को जब संतान प्राप्ति नहीं हुई थी, तब उन्होंने भी आयुर्वेद के आचार्यों को बुलाकर पुत्र यज्ञ कराया था, जिसके परिणामस्वरूप आपके कुल पिता रघु का जन्म हुआ था । अब पुनः वही परिस्थिति उत्पन्न हुई है । आप पुत्र यज्ञ का आयोजन करें । आपको अवश्य सुखद फल प्राप्त होगा। वर्तमान में आपके ही दामाद महर्षि श्रृंगी आयुर्वेदाचार्य व यज्ञों के ज्ञाता है । हम उन्हें ही आमंत्रित कर यज्ञ का आयोजन करें, तब श्रेष्ठ होगा।
96. राजा दशरथ के कितने विवाह हुए ?
(A) सात
(B) तीन
(C) चार
(D) पाँच
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97. महर्षि वशिष्ठ ने राजा दशरथ को क्या सलाह दी?
(A) पुत्र यज्ञ करने की
(B) सन्यास लेने की
(C) वानप्रस्थ की
(D) सोमयज्ञ करने की
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98. महर्षि वशिष्ठ ने यज्ञ कराने के लिए किस महर्षि व सुझाया ?
(A) विश्वामित्र
(B) श्रृंगी
(C) भारद्वाज
(D) पाराशर
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99. राजा दशरथ ने किससे सलाह लेना आरंभ किया ?
(A) मंत्रियों से
(B) सभासदों से
(C) ऋषि मुनियों से
(D) ज्योतिषियों से
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100. राजा दशरथ के कुल पिता कौन थे ?
(A) जनक
(B) रघु
(C) परीक्षित
(D) जनमेजय
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