उत्तराखंड में 26 मार्च, 1974 को चमोली जिले के रैणी गाँव में एक आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जिसे नाम दिया गया था चिपको आंदोलन (Chipko Andolan)। इस आंदोलन का
उत्तराखंड में वन संपदा (Forest Wealth in Uttarakhand) का अतुल भंडार है, उत्तराखंड की वन संपदा के नवीनतम आकड़ें (वन रिपोर्ट – 2019) के आधार पर इस प्रकार है –
मैती आन्दोलन (Maiti Andolan) उत्तराखण्ड में मैत का अर्थ होता है मायका, और मैती का अर्थ होता है, मायके वाले। मैती आन्दोलन (Maiti Andolan) में पहाड़ की नारी का उसके
उत्तराखंड में हमेशा चुनाव से पूर्व सत्ताधारी सरकार व विपक्ष की पार्टी लोगों को लुभाने के लिए किसी न किसी मुद्दे को जनता के सामने प्रस्तुत करती है और चुनाव
उत्तराखंड में भूमि बन्दोबस्त (Land Settlement in Uttarakhand) क्षेत्र भूमि बन्दोबस्त सम्बंधित अधिकारी भूमि बन्दोबस्त का वर्ष कुमाऊँ पहला गार्डनर 1815-16 गढ़वाल पहला ट्रेल 1816 टिहरी गढ़वाल पहला सुदर्शनशाह 1823
गोरखा शासन के कुछ महत्वपूर्ण कर (Some Important Taxes of Gorkha Rule) 1790 ई0 में गोरखों ने जब कुमाऊँ पर आक्रमण कर अपना आधिपत्य स्थापित किया था। 1804 ई0 में
उत्तराखंड में चंद शासकों द्वारा लगाए गए कर (Tax System of Chand Rulers in Uttarakhand) उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में चंद शासकों का शासन था। जिन्होंने सम्पूर्ण कुमाऊँ क्षेत्र को
उत्तराखंड पृथक राज्य निर्माण आंदोलन के प्रमुख घटनाक्रम 5 – 6 मई 1938 – श्रीनगर (गढ़वाल) में राष्ट्रीय कांग्रेस का विशेष अधिवेशन (अध्यक्ष – जवाहर लाल नेहरू) इस अधिवेशन में
सुन्दरलाल बहुगुणा की जीवनी (Biography of Sundarlal Bahuguna) सुन्दरलाल बहुगुणा (Sundarlal Bahuguna) जन्म 09 जनवरी, 1927 जन्म स्थान मरोडा, टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड मृत्यु 21 मई, 2021 माता श्रीमती पूर्णादेवी पिता
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