UTET Exam 2021 Paper 2 (Language 2 Hindi) (Official Answer Key)

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद् (UBSE – Uttarakhand Board of School Education) द्वारा 24 मार्च 2021 को UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) की परीक्षा का आयोजन किया गया। UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) Exam 2021 Paper 2 – भाषा – II : हिंदी  की उत्तरकुंजी (Language – II : Hindi) यहाँ पर उपलब्ध है।

UBSE (Uttarakhand Board of School Education) Conduct the UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) 2021 Exam held on 24 March 2021. Here UTET Paper 2 (Language – II : Hindi) Paper with Official Answer Key.

UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) Junior Level
(Class 6 to Class 8)

Exam :−  UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) Paper 2
Part :− भाषा – II : हिंदी (Language – II : Hindi)
Organized
by : UBSE

Number of Question : 30
SET – D
Exam Date :– 24th March 2021

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UTET Exam 2021 Paper – 2 (Junior Level)
भाग – III – भाषा – II : हिंदी
(
Part – III – Language – II : Hindi)

निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों (प्रश्न संख्या 61 से 65 तक) के सर्वाधिक उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए।

आधुनिक मानव की चिंतन-प्रक्रिया पर भी विज्ञान ने गहरा प्रभाव डाला है। आस्था और श्रद्धा के स्थान पर तर्क और बुद्धि की प्रतिष्ठा से ही परम्परागत मूल्यों पर प्रश्न-चिह लगा है, किन्तु इस तथ्य का एक दूसरा पहलू भी है। वैज्ञानिक चिंतन ने देश की जो दूरियाँ कम कर दी हैं, उससे मानव-मानव में अन्तर घटा है जिससे कई पुराने मूल्यों को ही नए आयाम मिले हैं। जो सहयोग छोटे-से ग्राम या समाज तक सीमित था, अब विश्वव्यापी बनता जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप अतंरराष्ट्रीयतावाद पर अधिक बल दिया जाने लगा है। युद्ध पहले से अधिक गर्हित ठहराया जाने लगा है। समता भी अधिक महत्वपूर्ण । मूल्य हो गया है। इसलिए यह कहना तो उचित नहीं जान । पड़ता कि नए मूल्यों का विकास नहीं हुआ, किंतु संप्रति इतना अवश्य है कि कोई नया मूल्य इतना व्यापक नहीं हो सका कि पूरी मूल्य-व्यवस्था दे सके। अधिकांश नवीनता। पुरातन के संशोधन में ही रही है।

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61. विज्ञान ने हमारी चिंतन-प्रक्रिया पर किस प्रकार प्रभाव डाला है?
(A) हम अपने परंपरागत मूल्यों को तर्क और बुद्धि की कसौटी पर परखने लगे हैं। (B) हमारा विश्वास सभी परंपरागत मूल्यों से उठ गया है।
(C) हमारी सोच शुद्ध भौतिकवादी बन गई है।
(D) हम पूर्णतः आत्मकेंद्रित हो गए हैं।

62. वैज्ञानिक चिंतन से क्या परिवर्तन हुआ है?
(A) हमें अधिक भौतिक लाभ मिलने लगे हैं।
(B) हमारी भौतिक दूरियाँ सिमट जाने से विश्व मानवता की परिकल्पना साकार हुई है, फलस्वरूप अंतरराष्ट्रीयता की भावना का विकास हुआ है।
(C) अब हम ग्राम तक सीमित न रहकर विश्व भ्रमण करना चाहते हैं।
(D) विश्व के भौतिक सुखों के प्रति अधिक आकृष्ट हुए हैं।

63. क्या आज के सभी मूल्य नव-निर्मित ही हैं?
(A) आज मूल्य ही महत्वहीन हो गए हैं।
(B) आज सभी मूल्यों के नव-निर्माण में ही हम विश्वास करते हैं।
(C) नहीं, अधिकांश पुरातन ही संशोधित रूप से आ रहे हैं।
(D) हम पुरातन मूल्यों को बदलना नहीं चाहते

64. विज्ञान ने किन नए मूल्यों के निर्माण में सहयोग दिया है?
(A) विज्ञान ने भौतिक सुख-सुविधाओं को महत्वपूर्ण बना दिया है।
(B) रंगभेद व नस्लवाद को बढ़ावा दिया है।
(C) मनुष्य को आत्मकेंद्रित बना दिया है।
(D) मनुष्य-मनुष्य के बीच सभी प्रकार के भेद भाव मिटाकर समता के धरातल पर ला खड़ा किया है।

65. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है
(A) विज्ञान का महत्व
(B) मूल्य चिंतन
(C) पुरातन मूल्यों का महत्व
(D) अंतरराष्ट्रीयता की परिकल्पना

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Answer – (C)

66. जब शब्द से गुण, क्रिया आदि के आधार पर अन्य अर्थ ग्रहण किया जाए, तब वहाँ होती है
(A) अभिधा
(B) लक्षणा
(C) व्यंजना
(D) इनमें से कोई नहीं

67. ‘अमानुषी भूमि अबानरी करौं।’ वाक्य में कौन-सा काव्य-दोष हैं?
(A) शब्द दोष
(B) वाक्य दोष
(C) अर्थ दोष
(D) अलंकार दोष

68. वीभत्स रस का स्थायी भाव है
(A) क्रोध
(B) भय
(C) जुगुप्सा
(D) विस्मय

69. ‘कमल से नैन, अरू नैन-से कमल हैं।’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(A) उपमेयोपमा
(B) पूर्णोपमा
(C) लुप्तोपमा
(D) मालोपमा

70. हंस! छोड़ आये कहाँ मुक्ताओं का देश? यहाँ बंदिनी के लिए लाये क्या संदेश? में कौन सा छन्द है?
(A) सोरठा
(B) दोहा
(C) बरवै
(D) छप्पय

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों (71 से 75 तक) के सर्वाधिक उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए।

हिमालय इस देश की जगदधात्री शक्ति का पिता है, इसलिए इस देश का कुलगुरु है। ज्ञान, योग और तप के प्रतिमान विश्व को ऐश्वर्य जिस शक्ति के कारण मिलना है, वह शक्ति हिमालय की दुहिता है। पार्थिव शक्ति का ही दूसरा पर्याय है-पार्वती और उस पार्वती से अविभक्त होकर शिव इस देश के जीवन दर्शन के साक्षात् प्रतीक बन गए हैं। यह जीवन दर्शन न केवल देवताओं के सेनानी कुमार को जन्म देता है बल्कि समस्त विद्याओं, कलाओं और संस्कृति की विभिन्न परंपराओं को भी जन्म देता है, भारतीय संस्कृति अखण्ड जीवन में विश्वास रखती है। उसमें विरोध नहीं है। उसमें गजाजिन भी दुकूल है, भस्म ङ्के) घन्दा राम जा इस समग्र दृष्टि का स्मरणे है क्योंकि यह दृष्टि हिमालय के वात्सल्य से उभरी हुई दृष्टि है। भारतीय साहित्य में गंभीरता के लिए समुद्र और धैर्य के लिए हिमवान, अमान के रूप में बारबार दोहराये गए हैं।

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71. लेखक ने हिमालय को इस देश का कुलगुरु क्यों माना है?
(A) देश के शीर्ष पर सुशोभित होने से
(B) नगाधिराज की गरिमा प्राप्त करने से।
(C) आदिकाल से सिद्ध पुरुषों की तपस्थली होने से
(D) जगतधात्री शक्ति का जनक होने से।

72. जगत्धात्री शक्ति किसे कहा गया है?
(A) ब्रह्मा की आदि शक्ति को
(B) दैत्यवधकारिणी दुर्गा को
(C) शिव की शक्ति स्वरूपा पार्वती को
(D) हिमालय की वात्सल्यमयी दृष्टि को

73. भारतीय संस्कृति की विशेषता है कि वह 
(A) सर्वजन हिताय की भावना से प्रेरित है।
(B) सर्वधर्म समभाव पर आस्था रखती है।
(C) अखण्ड जीवन में विश्वास रखती है।
(D) जीवन की नश्वरता पर विश्वास रखती है।

74. हिमालय जनमानस को किस बात के लिए प्रेरित करता है?
(A) श्रेष्ठतम चिन्तन के लिए
(B) पवित्र भावना से पूर्ण समग्र दृष्टि के लिए
(C) उच्चतम आदर्शों के निर्वहन के लिए
(D) आत्मविश्वास के लिए

75. साहित्यिक जगत में हिमालय को किसका उपमान जाना जाता है?
(A) अविचल धैर्य का
(B) गंभीरता का
(C) पवित्रता का
(D) श्रेष्ठता का

1 Comment

  1. Why you are not updating answers of language I (English ) and language II ( Hindi) of UTET Paper 2 (2021)

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