उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद् (UBSE – Uttarakhand Board of School Education) द्वारा 24 मार्च 2021 को UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) की परीक्षा का आयोजन किया गया। UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) Exam 2021 Paper 2 – भाषा – I : हिंदी की उत्तरकुंजी (Language – I : Hindi) यहाँ पर उपलब्ध है।
UBSE (Uttarakhand Board of School Education) Conduct the UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) 2021 Exam held on 24 March 2021. Here UTET Paper 2 (Language – I : Hindi) Paper with Official Answer Key.
UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) Junior Level
(Class 6 to Class 8)
Exam :− UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) Paper 2
Part :− भाषा – I : हिंदी (Language – I : Hindi)
Organized by :− UBSE
Number of Question :− 30
SET – D
Exam Date :– 24th March 2021
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UTET Exam 2021 Paper – 2 (Junior Level)
भाग – II – भाषा – I : हिंदी
(Part – II – Language – I : Hindi)
निर्देश: निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों (प्रश्न संख्या 31 से 35 तक) के सर्वाधिक उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए।
बिखरी अलकें ज्यों तर्क जाल वह विश्व मुकुट सा उज्ज्वलतम शशिखंड सदृश था स्पष्ट भाल दो पद्म घलाश चषक से दृग देते अनुराग विराग ढाल गुंजरित मधुप से मुकुल सदृश वह आनन जिसमें भरा गान वक्षस्थल पर एकत्र धरे संसृति के सब विज्ञान ज्ञान।
31. कवि ने नायिका के ललाट की उपमा किससे दी।
(A) कमल
(B) अर्द्धचंद्र
(C) तर्कजाल
(D) भीरा
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32. उपर्युक्त पद्यांश का प्रतिपाद्य है
(A) रूप-वर्णन
(B) प्रकृति-वर्णन
(C) बारहमासा-वर्णन
(D) बिरह-वर्णन
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33. ‘बिखरी अलकें ज्यों तर्क जाल’ पंक्तियों में कौन सा अलंकार है?
(A) उपमा
(B) श्लेष
(C) यमक
(D) उत्प्रेक्षा
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34. उपर्युक्त पद्यांश में नायिका के किन-किन अंगों का वर्णन है?
(A) पाँव, ललाट, गर्दन, मुख एवं केश
(B) केश, ललाट, आँखें, मुख एवं वक्षस्थल
(C) हाथ, कमर, केश, मुख एवं वक्षस्थल
(D) ललाट, पाँव, हाथ, मुख एवं गर्दनShow Answer/Hide
35. ‘मुकुल’ शब्द का अर्थ है
(A) खिलती हुई कली
(B) सुंदर मुख
(C) किनारा
(D) भ्रमर
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36. निम्नांकित में कौन-सी भाषा अधिगम की विशेषता नहीं है?
(A) भाषाई आदतों का निर्माण
(B) भाषाई अंतर्दृष्टि का निर्माण
(C) भाषा के शब्दों का निर्माण
(D) भाषा के मानक रूप का ग्रहण
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37. भाषा-अर्जन के संबंध में कौन-सा कथन अनुचित है?
(A) विद्यालय गये बिना भी भाषा-अर्जन संभव है।
(B) व्याकरण की पुस्तक पढ़े बिना भाषा-अर्जन संभव नहीं है।
(C) बालकों में भाषा-अर्जन की स्वाभाविक क्षमता होती है।
(D) भाषा-अर्जन को सहज बनाने के लिए समृद्ध भाषिक परिवेश की आवश्यकता होती है।
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38. भाषा-शिक्षण का आदर्श वातावरण है
(A) व्याकरणगत शुद्धता पर जोर
(B) छात्रों को अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता
(C) पुस्तकीय ज्ञान पर अतिरिक्त बल
(D) केवल व्याख्यान विधि का सहारा लेना
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39. ‘वह नौ दो ग्यारह हो गया’ वाक्य में कौन-सी शब्द शक्ति है?
(A) रुदा लक्षणा
(B) गौणी लक्षणा
(C) उपादान लक्षणा
(D) लक्षण लक्षणा
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40. ‘यह देख,गगन मुझमें लय है, यह देख, पवन मुझमें लय है, मुझमें विलीन झंकार सकल मुझमें लय है संसार सकल। इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
(A) करुण रस
(B) अद्भुत रस
(C) बीभत्स रस
(D) शांत रस
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41. ‘वह ऐसी बातें बनाता है, मानो उसने कुछ भी न देखा हो।’ वाक्य में कौन-सा काल है?
(A) सामान्य भूतकाल
(B) सम्भाव्य भूतकाल
(C) पूर्ण भूतकाल
(D) आसन्न भूतकाल
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42. ‘परमेश्वर’ शब्द में कौन-सी संधि है?
(A) गुण संधि
(B) वृद्धि संधि
(C) अयादि संधि
(D) दीर्घ संधि
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निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों संख्या 43 से 47 तक के सर्वाधिक उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए।
मैं साहित्य को मनुष्य की दृष्टि से देखने का पक्षपाती है। जो बाग्जाल मनुष्य को दुर्गति, हीनता और परमखापेक्षिता से बचा न सके, जो उसकी आत्मा को तेजोद्वीप्त न बना सके, जो उसके हृदय को पर दःख कातर और संवेदनशील न बना सके, उसे साहित्य कहने में मुझे संकोच होता है। मैं अनुभव करता हूँ कि हमलोग एक कठिन समय के भीतर से गुजर रहे हैं। आज नाना भांति के संकीर्ण स्वार्थो । ने मनुष्य को कुछ ऐसा अन्धा बना दिया है कि जाति-धर्म-निर्विशेष मनुष्य के हित की बात सोचना असम्भव-सा हो गया है। ऐसा लग रहा है कि किसी विकट दुर्भाग्य के इंगित पर दलगत स्वार्थ के प्रेत ने मनुष्यता को दबोच लिया है। दुनिया छोटे-छोटे संकीर्ण स्वार्थों के आधार पर अनेक दलों में विभक्त हो गई है। अपने दल के बाहर का आदमी सन्देह की दृष्टि से देखा जाता है। उसके तप और सत्यनिष्ठा का मजाक उड़ाया जाता है। उसके प्रत्येक त्याग और बलिदान के कार्य में भी ‘चाल’ का संधान पाया जाता है।
43. ‘जाति-धर्म-निर्विशेष’ मनुष्य की पहचान क्या है?
(A) जाति की सीमा में बद्ध, परंतु धर्म की सीमा से मुक्त
(B) धर्म की सीमा में बद्ध, परंतु जाति की सीमा से मुक्त
(C) जाति और धर्म की सीमा में बद्ध
(D) जाति और धर्म की सीमा से मुक्त
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44. उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार हमारा समय कठिन है।
(A) दुनिया भर में हो रहे युद्धों के कारण
(B) विभिन्न प्रकार के संकुचित स्वार्थों के कारण
(C) विश्व में फैली महामारी के कारण
(D) राजनीति में विद्यमान भ्रष्टाचार के कारण
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45. निम्नांकित में कौन-सा दलगत राजनीति का दुष्परिणाम नहीं है?
(A) संसार का संकीर्ण स्वार्थों में बँट जाना
(B) सच्चे त्याग और बलिदान पर संदेह करना
(C) विरोधी दल के नेता का योगदान स्वीकार करना
(D) केवल अपने ही दल के व्यक्ति को नेता मानना
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46. साहित्य को किस दृष्टि से देखा जाना चाहिए?
(A) राष्ट्र की दृष्टि से
(B) समाज की दृष्टि से
(C) विश्व की दृष्टि से
(D) मनुष्य की दृष्टि से
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47. साहित्य वह है
(A) जो मनुष्य की आत्मा को प्रकाशित करता
(B) जिसमें कल्पना का विलास होता है।
(C) जिसमें शब्दों का चमत्कार होता है।
(D) उपर्युक्त सभी
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