UTET 2018 Answerkey

UTET Exam 2018 – Paper – 2 (Language Second – Hindi) Official – Answer Key

16. प्रेमचन्द द्वारा रचित कहानी ‘ईदगाह’ की विषयवस्तु का सर्वाधिक उपयुक्त उद्देश्य है –
(A) ईद पर्व के सम्बन्ध में बताना

(B) गरीबी के दुष्प्रभाव को दर्शाना
(C) बाल-मनोविज्ञान की अभिव्यक्ति
(D) बचपन की मित्रता का महत्व दर्शाना

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उत्तर – (C)

17. आदिकाल को ‘चारण-काल’ की संज्ञा किसके द्वारा दी गई –
(A) डॉ0 राम कुमार वर्मा
(B) राहुल सांकृत्यायन
(C) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(D) रामचन्द्र शुक्ल

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उत्तर – (A)

18. सही विकल्प का चयन करते हुए निम्नलिखित लोकोक्ति को पूरा कीजिए –
हिंदी न फारसी लाला जी ………..।
(A) बनारसी
(B) आलसी
(C) हुलासी
(D) मशालची

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उत्तर – (A)

19. ‘जो किसी बात या उक्ति को तुरन्त सोच ले’ के लिए एक शब्द है –
(A) विशेषज्ञ
(B) प्रत्युत्पन्नमति
(C) कुशाग्र बुद्धि
(D) किंकर्तव्यविमूढ़

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उत्तर – (B)

20. ‘गवाक्ष’ का पर्यायवाची है
(A) गृहस्थ
(B) फाटक
(C) खिड़की
(D) दरवाजा

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उत्तर – (C)

21. हिंदी शब्दकोश में इनमें से कौन-सा शब्द संबसे पहले आयेगा –
(A) महर्षि
(B) महात्मा
(C) महाधिवक्ता
(D) महत्वाकांक्षा

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उत्तर – (D)

22. ‘उत्पल’ का समानार्थी है –
(A) नीलकमल
(B) दुबला-पतला
(C) स्थूल
(D) कोमल

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उत्तर – (A)

23. निम्नलिखित में से मात्रिक छंद नहीं है –
(A) कवित्त
(B) चौपाई
(C) हरिगीतिका
(D) सोरठा

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उत्तर – (A)

24. 1926 में प्रकाशित, हिंदी का पहला आँचलिक उपन्यास माना जाता है –
(A) देहाती दुनिया
(B) परती परिकथा
(C) मैला आँचल
(D) गढ़कुंडार

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उत्तर – (A)

25. बोलने में भावों के अनुसार स्वर का जो उतार चढ़ाव, आरोह-अवरोह होता है, उसे कहते हैं
(A) बलाघात
(B) संगम
(C) अघोष
(D) अनुतान

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उत्तर – (D)

26. कलियुग में अनेक विभीषण उत्पन्न हो गए हैं। रेखांकित शब्द में संज्ञा भेद है –
(A) व्यक्तिवाचक संज्ञा
(B) समूहवाचक संज्ञा
(C) भाववाचक संज्ञा
(D) जातिवाचक संज्ञा

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उत्तर – (D)

निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों (क्रम सं. 27 – 30) के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए।

असल में एक महत्तम समस्या के रूप में विश्वभर को अन्य समस्याओं के जाल में घेरने वाली समस्या है – जनसंख्या वृद्धि। इस एक समस्या को अकादमिक विमर्श की तरह देखने की सुस्ती ज्यादातर क्षेत्रों में फैली हुई है। एक अन्तर्राष्ट्रीय किस्म का जन हस्तक्षेप बहुत जरूरी है जो विकेन्द्रित इकाइयों में फैलाकर नई जागरूकता के रूप में हस्तक्षेप के सकारात्मक स्वरूप से जन-जन को उद्वेलित कर सके। अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएँ वैश्विक स्तर पर उभरने वाले सन्तापों के प्रति सजग नहीं है जिनसे कल विश्व प्रताड़ित होने वाला है। कानून-व्यवस्थाएँ व राष्ट्रीय संकल्प इस कार्य में तो एक हैं कि जिम्मेदारी दूसरों के माथे मढ़कर अपना पल्ला झाड़ लें व स्वयं को उससे अलग कर लें।

देरी के कारण होने वाली मुसीबतों की चर्चा भी नहीं होती। असफलता की सूची में डाले गए मामलों के दुष्परिणामों से विश्व परिचित है। ऐसे में जिम्मेदार पक्ष को जन-हस्तक्षेप से ही बाध्य किया जा सकता है कि वह तुरन्त कार्यवाही करे। अन्यथा हस्तक्षेपकारी मानसिकता के अभाव में वे तत्व निरंकुश हो अपने हितों की रक्षा के लिए जनहितको ताक पर रखकर समस्याएँ बढ़ाते रहते हैं।

27. जनसंख्या वृद्धि किस प्रकार की समस्या है?
(A) तात्कालिक समस्या
(B) क्षेत्रीय समस्या
(C) राष्ट्र विशेष की समस्या
(D) वैश्विक समस्या

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उत्तर – (D)

28. वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक है –
(A) अन्तर्राष्ट्रीय दबाव
(B) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दण्डात्मक कार्यवाही
(C) अन्तर्राष्ट्रीय बैठकों का आयोजन
(D) सकारात्मक एवं प्रभावी जनचेतना

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उत्तर – (D)

29. अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएं वैश्विक समस्याओं के निस्तारण में क्यों असफल हैं?
(A) संसाधनों की कमी के कारण
(B) प्रभावी देशों के दबाव के कारण
(C) कार्य क्षमता के अभाव के कारण
(D) दायित्व-निर्वहन से पलायन की प्रवृत्ति के कारण

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उत्तर – (D)

30. लेखक की दृष्टि में समस्याओं के त्वरित समाधान का विकल्प हो सकता है –
(A) सकारात्मक जन-हस्तक्षेप
(B) अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की कार्य-प्रणाली में बदलाव
(C) संस्थाओं के दायित्व का सही निर्धारण
(D) अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के कार्यक्षेत्र का विभाजन

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उत्तर – (A)

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