उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा परिषद् (UBTER) द्वारा आयोजित क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल अधिकारी (Regional Youth Welfare and Provincial Guard Officer) समूह ‘ग’ (Group C) की भर्ती परीक्षा – 2017 की लिखित प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन 15 अक्टूबर, 2017 को किया गया था। इस परीक्षा क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल अधिकारी (Regional Youth Welfare and Provincial Guard Officer) का प्रश्नपत्र उत्तर कुंजी सहित (Exam Paper With Answer Key) यहाँ पर उपलब्ध है :-
Uttarakhand Board of Technical Education Roorkee (UBTER) organized the Uttarakhand Regional Youth Welfare and Provincial Guard Officer Exam Paper held on 15 October, 2017. Regional Youth Welfare and Provincial Guard Officer Exam Paper 2017 Question Paper with Answer Key available here.
Post Name – क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल अधिकारी (Regional Youth Welfare and Provincial Guard Officer)
Post Code – 100
Exam Date – 15th October, 2017
Number of Questions – 100
UBTER Regional Youth Welfare and Provincial Guard Officer Exam Paper 2017
(Answer Key)
प्रश्न संख्या 1 से 5 के लिए :- नीचे दिये गये गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए एवं नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर चुनिए।
एक वृक्ष पर तोते के दो बच्चे रहते थे। दोनों एक ही जैसे थे- हरे-हरे पंख, लाल चोंच, चिकनी और कोमल देह। जब बोलते तब दोनों के कंठ से एक ही जैसी ध्वनि निकलती थी। एक का नाम था- सुपंखी और दूसरे का नाम सुकठी।
सुपंखी और सुकंठी एक ही माँ की कोख से उत्पन्न हुए थे। दोनों के रूप-रंग, बोली और व्यवहार में कोई अंतर न था। दोनों साथ-साथ सोते-जागते, साथ-साथ दाना चुगते, पानी पीते, दिन भर फुदकते रहते। रात सुख-स्वप्नों में बीत जाती और दिन खेलने-कूदने और चहकने में। बड़े सुख से दोनों का जीवन बीत रहा था। पर यह सुख का जीवन आगे भी सुख से बीत पाता तब न !
एक दिन आसमान काले-काले बादलों से घिर गया। घनघोर गर्जन हुआ। बिजली कड़की और बड़ी तेज़ आँधी आ गई। वन के सारे वृक्ष, झाड़ी-झुरमुट, पशु-पक्षी तहस-नहस हो गए। कुछ जमीन पर गिर कर नष्ट हो गए, कुछ आँधी के साथ उड़कर कहाँ से कहाँ चले गए।
ऐसे में सुपंखी और सुकंठी भला कैसे बच पाते। वे तो अभी बच्चे ही थे। सुपंखी तो आँधी के साथ उड़कर चोरों की एक बस्ती में जा गिरा और सुकंठी एक पर्वत से टकराकर बेसुध हो गया, जहाँ से लुढ़ककर वह ऋषियों के एक आश्रम में जा गिरा।
इस प्रकार दोनों बच्चे एक-दूसरे से विलग हो गए। समय आगे बढ़ता रहा। सुपंखी चोरों की बस्ती में पलता-बढ़ता रहा और सुकंठी ऋषियों के आश्रम में।
धीरे-धीरे कई वर्ष बीत गए। एक दिन उसी राज्य का राजा अश्व पर सवार होकर आखेट के लिए निकला। बनैले पशुओं के पीछे दौड़ता-भागता जब थक गया तो सरोवर के किनारे विश्राम करने लगा। सभी सैनिक पीछे छूट गए। यह सरोवर चोरों की बस्ती के पास था। उस समय सरोवर के आसपास कोई नहीं था। बस, घने वृक्ष थे, जो हवा के झोंकों से धीरे-धीरे झूम रहे थे। राजा थका तो था ही, उसे नींद आने लगी। वह अभी अर्धनिद्रा में ही था कि किसी कर्कश वाणी से उसकी नींद टूट गई।
राजा ने इधर-उधर देखा, कोई नहीं था। तभी कर्कश वाणी फिर सुनाई पड़ी, “पकड़ो, पकड़ो, यह व्यक्ति जो सोया है, राजा है। इसके गले में मोतियों की माला है। अनेक आभूषण-अलंकार हैं इसके पास। लूट लो, सब कुछ लूट लो। इसे मारकर झाड़ी में डाल दो।”
राजा हड़बड़ा कर उठ बैठा। सामने पेड़ की डाल पर एक तोता बैठा था। वही कर्णकटु वाणी में यही सब कुछ बोल रहा था। राजा को आश्चर्य हुआ। साथ ही उसे भय भी लगा। वह उठ खड़ा हुआ। अपने अश्व पर सवार हुआ। चलने लगा तो तोता फिर बोला, “राजा जाग गया ! देखो, देखो …. वह भागा जा रहा है ! पकड़ो इसे …. लो…. राजा गया। अलंकार गए। आभूषण गए। सब कुछ गया। कोई पकड़ ही नहीं रहा है।”
राजा उस स्थान से बहुत दूर निकल गया और एक पर्वत की तलहटी में जा पहुँचा। पर्वत की तलहटी में ऋषियों का एक आश्रम था। आश्रम में उस समय सन्नाटा छाया हुआ था। सभी ऋषि-मुनि भिक्षाटन के लिए गए हुए थे। राजा का तन-मन विक्षुब्ध तो था ही, सोचा- यहीं विश्राम करें। उसने ज्यों ही आश्रम में प्रवेश किया, उसे एक मधुर वाणी सुनाई पड़ी, “आइए राजन्, आइए ! ऋषियों के इस पावन आश्रम में आपका स्वागत है।”
राजा ने चकित होकर सामने की ओर देखा- वृक्ष की डाल पर बैठा एक तोता राजा का स्वागत कर रहा था। प्रथम दृष्टि में तो राजा को यही प्रतीत हुआ कि यह वही तोता है, जो सरोवर के किनारे मिला था- वही रूप, वही रंग, वही आकार-प्रकार। राजा पुनः ध्यान से उसे देखने लगा। तोता फिर बोला, “राजन् ! आप चकित क्यों हैं ? इस आश्रम का आतिथ्य ग्रहण कीजिए। आप थके हैं, विश्राम कीजिए। जलाशय से जल पीजिए। आपको भूख भी लगी होगी। आश्रम के फल ग्रहण कीजिए।” राजा सोचने लगा- नहीं, यह तोता वह नहीं है, जो सरोवर के किनारे मिला था। इसकी वाणी कितनी मधुर है, कितनी कोमल है और वाणी में कितनी विनम्रता और शिष्टता है !
तोता फिर बोला, “राजन् ! आप किस संकोच में पड़ गए ? आश्रम में प्रवेश कर हमें अनुगृहीत कीजिए।”
राजा बोला, “तुम्हारी मधुर वाणी सुनकर मैं दुविधा में पड़ गया हूँ। अभी कुछ समय पूर्व मुझे सरोवर के किनारे भी एक तोता ….”
इतना सुनते ही तोता बोल उठा, “मैं सब समझ गया ! वह मेरा जुड़वाँ भाई सुपंखी है और मैं हूँ-सुकंठी। एक ही कोख से उत्पन्न होकर हम दोनों एक परिवेश में नहीं रह पाए। समय का ऐसा चक्र चला कि दोनों अलग-थलग हो गए। वह चोरों की बस्ती में पला-बढ़ा और मैं यहाँ ऋषियों के आश्रम में …..”
कहते-कहते सुकंठी थोड़ा-सा रुका। फिर दुखी स्वर में बोला, “राजन्, सुपंखी मेरा भाई है। दो-चार बार मुझे मिला भी। मैंने बहुत चाहा कि वह मेरे पास इस पावन आश्रम में आ जाए। परंतु राजन्, उसे आश्रम का वातावरण रुचिकर नहीं लगा। जानते हैं क्यों ? वह मुझसे विलग होकर सदैव चोरों की बस्ती में रहा। वहीं की वाणी, वहीं का परिवेश और आचरण उसके भीतर रच-बस गए हैं।”
1. उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक चुनिए :
(A) जैसा खाया दाना, वैसा पाया बाना
(B) तोते को जीवन यापन
(C) राजा का जीवन चक्र
(D) उपरोक्त में कोई नहीं
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2. सुपंखी को आश्रम का वातावरण रूचिकर क्यों नहीं लगा ?
(A) सुपंखी का आश्रम से झगड़ा था
(B) आश्रम का वातावरण अच्छा नहीं था
(C) सुपंखी सदैव आश्रम से बाहर चोरों की बस्ती में व रहा था
(D) उपरोक्त में कोई नहीं था
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3. राजा ने किसकी कर्कश वाणी सुनी और वह क्या कर रहा था ?
(A) सुकंठी की वाणी सुनी, वह कह रहा था कि अन्दर आओ
(B) आश्रम में अन्दर अदृश्य आवाज सुनी
(C) उपरोक्त दोनों A और B
(D) सुपंखी की कर्कश वाणी सुनी, वह कह रहा था पकड़ो-पकड़ो, उसके गले में मोतियों की माला है, सब लूट लो
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4. तोते के बच्चे आँधी में कहाँ कहाँ जा गिरे ?
(A) सरोवर में
(B) एक चोरों की बस्ती में, दूसरा पर्वत से टकराकर, लुढ़ककर ऋषियों के आश्रम में
(C) पर्वत के ऊपर
(D) उपरोक्त में कोई नहीं
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5. राजा ने आश्रम में किसकी मधुर वाणी सुनी :
(A) ऋषियों की
(B) सुपंखी की
(C) सुकंठी की
(D) चोरों की
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6. त्रुटिपूरक या हंस पद का चिन्ह है :
(A) [ ^ ]
(B) [ , ]
(C) [ : ]
(D) [ . ]
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7. सही युग्म का चयन कीजिए :
(A) वाह ! कितना सुन्दर दृश्य है – विस्मयादिबोधक वाक्य
(B) मुझसे यह काम नहीं हो सकता – कर्मवाच्य
(C) वह घर आया और उसने भोजन किया – संयुक्त वाक्य
(D) उपरोक्त सभी युग्म सही है
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8. निषेधवाचक वाक्य चुनिये :
(A) क्या रमेश ने यह पुस्तक पढ़ी है ?
(B) रमेश आज विद्यालय नहीं गया।
(C) उसने घर आकर क्या भोजन किया ?
(D) उपरोक्त में कोई नहीं
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9. लिखित भाषा में स्थान-विशेष पर रुकने अथवा उतार-चढ़ाव आदि दिखाने के लिए विभिन्न प्रकार ______का सहारा लेना पड़ता है।
(A) विशेष वाक्यों
(B) अर्द्ध वाक्यों
(C) विराम-चिन्हों
(D) निर्देशक वाक्यों
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10. कई पदों के योग से बने वाक्यांश को, जो एक ही पद का काम करता है, ______ कहलाते हैं।
(A) पदबंध
(B) बंध
(C) वाक्य युग्म
(D) युग्मक
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11. ______ पदों का वह व्यवस्थित समूह है, जिसमें पूर्ण अर्थ देने की शक्ति है।
(A) अक्षर
(B) वाक्य
(C) पद
(D) उपरोक्त में कोई नहीं
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12. जो पद क्रिया की विशेषता बताता है, उसे ______ अव्यय कहते हैं।
(A) पद क्रिया
(B) रीतिवाचक क्रिया
(C) क्रिया विशेषण
(D) उपरोक्त में कोई नहीं
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13. शुद्ध शब्द का चयन कीजिए :
(A) उद्देश्य
(B) स्वास्थ्य
(C) मध्याह्न
(D) उपरोक्त सभी
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14. व्यंजन सन्धि का उदाहरण चुनिए :
(A) दिग्गज
(B) सद्गुण
(C) जगन्नाथ
(D) उपरोक्त सभी
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15. विसर्ग सन्धि का उदाहरण नहीं है :
(A) मतानुसार
(B) निश्चल
(C) दुरुपयोग
(D) मनोभाव
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16. ‘अग्नि’ का पर्यायवाची शब्द है :
(A) आग
(B) हुताशन
(C) अनल
(D) उपरोक्त सभी
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17. ‘तामसिक’ का विलोम शब्द है :
(A) सात्विक
(B) माँसाहारी
(C) शाकाहारी भोजन
(D) सीत
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18. ‘ऐया’ प्रत्यय से शब्द बनेगा :
(A) गवैया
(B) खिवैया
(C) पढ़या
(D) उपरोक्त सभी
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19. ‘पुस्तकालय’ में कौन सा समास है :
(A) बहुव्रीहि
(B) तत्पुरुष
(C) कर्मधारय
(D) द्विगु
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20. “सुवरन को ढूँढ़त फिरत कवि, व्यभिचारी चोर।”
उपरोक्त में कौन सा अलंकार है :
(A) श्लेष अलंकार
(B) उपमा अलंकार
(C) रूपक अलंकार
(D) उत्प्रेक्षा अलंकार
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