इटावा जनपद का परिचय (Introduction of Etawah District)
इटावा की स्थिति (Location of Etawah)
- मुख्यालय – इटावा
- पुराना नाम व उपनाम – चम्बल नगर
- मंडल – कानपूर
- क्षेत्रफल – 2,311 वर्ग कि.मी.
- सीमा रेखा
- पूर्व में – औरैया,
- पश्चिम में – आगरा,
- उत्तर में – फर्रूखाबाद एवं मैनपुरी,
- दक्षिण में – जालौन
- राष्ट्रीय राजमार्ग – NH-91A, NH-92, NH-02
- नदियाँ – यमुना नदी
- परियोजनाएँ – ऊपरी गंगा नहर
इटावा की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Etawah)
- विधानसभा क्षेत्र – 3 (जसवंतनगर , इटावा , भरथना )
- लोकसभा सीट – 2 (मैनपुरी , इटावा)
- तहसील – 6 (इटावा, भरथना, जसवंतनगर, सैफई, चकरनगर, ताखा)
- विकासखंड (ब्लाक) – 8 (बढ़पुरा, बसरेहर, जसवंतनगर, महेवा, सेफई, चकरनगर, ताखा, भरथना)
- कुल ग्राम – 692
- कुल ग्राम पंचायत – 471
- नगर पालिका परिषद – 3 (इटावा, जसवंतनगर, भरथना)
- नगर पंचायत – 3 (एकदिल, बकेवर, लखना)
इटावा की जनसंख्या (Population of Etawah)
- जनसंख्या – 15,81,810
- पुरुष जनसंख्या – 8,45,856
- महिला जनसंख्या – 7,35,954
- शहरी जनसंख्या – 3,66,299 (23.16 %)
- ग्रामीण जनसंख्या – 12,15,511 (76.84 %)
- साक्षरता दर – 78.41%
- पुरुष साक्षरता – 86.06%
- महिला साक्षरता – 69.61%
- जनसंख्या घनत्व – 684
- लिंगानुपात – 870
- जनसंख्या वृद्धि दर – 18.15%
- हिन्दू जनसंख्या – 14,57,892 (92.17 %)
- मुस्लिम जनसंख्या – 1,13,961 (7.20 %)
Population Source – census2011.co.in
इटावा के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Etawah)
- धार्मिक स्थान – कालीवाहन मंदिर, लखना मंदिर, दरगाह हजरत अबुल हसन शाह वारसी
- प्रसिद्ध स्थल – विक्टोरिया पार्क, सफारी पार्क, राजा सुमेर सिंह-फोर्ट
- उद्योग – पेट्रोलियम , खाद्य प्रसंस्करण
- अभयारण्य – राष्ट्रीय चम्बल वन्यजीव विहार
Notes –
- इटावा भारत में उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना नदी के तट पर एक शहर है।
- यह शहर 1857 के विद्रोह के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र था (एलन ओक्टेवियन ह्यूम, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक थे तब जिला कलेक्टर थे)।
- प्रसिद्ध हिंदी लेखक गुलाबराई इटावा के मूल निवासी थे।
- आर्यन जाति के सबसे पहले लोग जो एक बार यहां रहते थे उन्हें पांचाल के नाम से जाना जाता था।
- यहां तक कि पौराणिक किताबों में, इटावा महाभारत और रामायण की कहानियों में प्रमुख रूप से प्रकट होता है।
- इटावा 1857 के विद्रोह के दौरान एक सक्रिय केंद्र था और ब्रिटिश राज के खिलाफ लड़ाई में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने विद्रोह के कार्यकाल के दौरान यहां रहने का प्रयास किया था।
- यह पाया गया है कि इटावा का नाम ईंट बनाने के नाम पर लिया गया शब्द है क्योंकि सीमाओं के पास हजारों ईंट केंद्र हैं।
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