Biology IN HINDI

वसा (Fat)

वसा (Fat)

कार्बोहाइड्रेट की तरह ये यौगिक कार्बन, हाईड्रोजन व ऑक्सीजन से मिलकर बनते है। पर इनमें हाईड्रोजन व ऑक्सीजन का अनुपात 2 : 1 नही होता है। 

वसा जल में अघुलनशील तथा ईधन क्लोरोफार्म तथा बैन्जीन में धुलनशील है। रायायनिक रूप से वसा (Fat)या तो वसीय अम्ल के एस्टर (Ester) है या ऐसे एस्टर बनाने के योग्य है। 

ये कोशिका द्रव्य के कॉलाइडल उत्पन्न करती है। 1 ग्राम वसा से 9.3 कैलोरी (Calories) ऊर्जा उत्पन्न होती है, ये कार्बोहाईड्रेट से दुगनी से भी अधिक होती है। 

वसा के प्रकार:

वसा जैसे मक्खन, घी, तेल दृष्टिगत वसा कहलाती है। दाल अनाज आदि में पाई जाने वाली वसा छिपी हुई वसा कहलाती है। इन्हें नापना कठिन है। प्रतिदिन ली जाने वाली वसा की मात्रा में इस प्रकार की वसा की मात्रा दृष्टिगत वसा से अधिक होती है। वसा में पाये जाने वाले वसीय अम्ल दो प्रकार के होते हैं । यह वह वसा होती है जिसके जल अपघटन (Hydrolysis) से वसीय अम्ल व ग्लिसरॉल (Fatty acid & glycerol) प्राप्त होता है।

  1. संतृप्त वसीय अम्ल (Saturated Fat):- जैसे स्टिएरिक अम्ल, पामेटिक अम्ल, तथा एरेकिडिक अम्ल । यह वसा प्रकृति मे व्यापक रूप में पाई जाती है।
  2. असंतृप्त वसीय अम्ल (Unsaturated Fat):- यह वह वसा होती है। जिसके जल-अपघटन (Hydrolysis) से वसीय अम्ल (Fatty acid) और ग्लिसरॉल (Glycerol) के अतिरिक्त अन्य प्रदार्थ भी प्राप्त होते है। जैसे लिनोलेनिक अम्ल तथा एरेकिडोनिक अम्ल । 

वसा के कार्य (Function of fat):

  1. कार्बोहाइड्रेट की तरह वसा भी शारीरिक ऊर्जा उत्पन्न करती है। 
  2. अतिरिक्त वसा शरीर में त्वचा की बाहय सतह के नीचे संचित हो जाती है। व इससे शरीर हष्ट पृष्ट होता है। 
  3. शरीर के इन्सुलेशन के लिए। 
  4. अंगों के चारों ओर गड्डियो के रूप में उन्हें अपने स्थान पर बनाये रखने में एवे झटकों को सहने के लिए। 
  5. नर्व की सुरक्षा के लिए। 
  6. वसा में घुलनशील विटामिन A, D, E एवं K के वाहक के रूप में। 
  7. यह शरीर में स्टेरॉयड (Steroid) विटामिन व हार्मोन बनाने में सहायता देती है। 
  8. इसका उपयोग लिपिड (Lipid) के निर्माण में भी होता है। 

वसा के स्त्रोत (Source of fat):

भोजन की वसा दो स्त्रोत से प्राप्त होती है।

  1. वनस्पति स्त्रोतः- इसके अंर्तगत विभिन्न खाने योग्य तेल आते है जैसे मूंगफली का तेल, सरसों का तेल आदि।
  2. प्राप्ति स्त्रोत:- इसके अंतर्गत घी, मक्खन, मछली का तेल आदि आते है। 

वसा के प्रमुख स्त्रोत

भोजन % वसा
सोयाबीन  19.5
काजू  46
मछली  3.2
मॉस  13.3
मूंगफली 40
घी 81
मक्खन 100
अण्डा 13.3
गाय का दूध 3.5

प्रतिदिन की आवश्यकता

मनुष्य को प्रतिदिन लगभग 50 ग्राम वसा की आवश्यकता होती है । मनुष्य कैलोरिफिक ऊर्जा का 10-12% वसा से प्राप्त होना चाहिए। 

वसा की कमी तथा अधिकण का प्रभाव 

वसा की कमी से भी शरीर का भार गिर जाता है। और शरीर के दैनंदिनी कार्यो के लिए भी वसा की आवश्यकता है। वहीं दूसरी तरफ वसा की अधिकता की वजह से मोटापा (Obesity) बढ़ता है। 

 

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प्रकाश संश्लेषण (PHOTOSYNTHESIS) 

प्रकाश संश्लेषण (PHOTOSYNTHESIS) 

पौधों में जल, प्रकाश, पर्णहरित तथा कार्बन डाई आक्साइड की उपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट्स के निर्माण की प्रक्रिया को प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis) कहते हैं।

प्रकाश संश्लेषण केवल दृश्य प्रकाश वर्णों (बैनी आहपीनाला) (VIBGYOR) में होता है। बैंगनी रंग के प्रकाश में सबसे कम तथा लाला रंग के प्रकाश में सबसे अधिक प्रकाश संश्लेषण होता है।
V – Violet
I – Indigo
B – Blue
G – Green
Y – Yellow
O – Orange
R – Red

पर्णहरित (Chloroplast) — यह प्रकाश संश्लेषण का केन्द्र होता है। क्लोरोफिल में चार पाइरोल रिंग का बना चपटा पोरफारिन हेड जिसके केन्द्र में मैग्नेशियम (Mg) का एक परमाणु तथा एक रिंग पर हाइड्रोकार्बन चेन होती है। क्लोरोफिल का सूत्र : – C55H70O5N4Mg तथा क्लोरोफिल का सूत्र C55H70O6N4Mg है अन्य लवक है कैरिटीनोइड्रस तथा फाइकोबिलिन्स। 

कार्बन डाई-आक्साइड (CO2) — प्रकृति में कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा 0.03% है जबकि पानी मं CO2 की मात्रा 0.3% होती है। 

प्रकाश संश्लेषण क्रिया (Photosynthesis)

प्रकाश संश्लेषण एक उपचयन-अपचयन क्रिया है जिसमें जल का उपचयन (Oxidation) आक्सीजन के बनने में तथा कार्बन डाई-आक्साइड का अपचयन शर्करा के निर्माण में होता है। इस क्रिया की दो अवस्थाएं होती हैं – 

  1. प्रकाश रासायनिक क्रिया (Photochemical Reaction), और 
  2. रासायनिक प्रकाशहीन क्रिया (Chemical Dark Reaction)। 

प्रकाश रासायनिक क्रियाः यह क्रिया क्लोरोफिल के ग्राना में होती है। इसे हिल क्रिया (Hill Reaction) भी कहते हैं। इस प्रक्रिया में जल का अपघटन होकर हाइड्रोजन आयन तथा इलेक्ट्रान बनता है। जल के अपघटन के लिए ऊर्जा प्रकाश द्वारा मिलती है। इस प्रक्रिया के अन्त में ऊर्जा के रूप में एटीपी (ATP) तथा एन. ए.डी.पी.एच. (NADPH) निकलता है जो अंधकार में क्रिया संचालित करने में मदद करते हैं। 

रासायनिक प्रकाशहीन प्रतिक्रियाः यह क्रिया क्लोरोफिल के स्ट्रोमा में होती है। इस क्रिया में कार्बनडाइआक्साइड का अपचयन होकर शर्करा, स्टार्च आदि बनता है। 

प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक

प्रकाश संश्लेषण की स्थिर दर के लिए, आदर्श स्तर पर अलग-अलग कारकों की जरूरत होती है। यहाँ प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कुछ कारक दिए जा रहें हैं।

  • प्रकाश की तीव्रता — प्रकाश की बढ़ी हुई तीव्रता से प्रकाश संश्लेषण की दर ज्यादा हो जाती है और प्रकाश की कम तीव्रता का मतलब प्रकाश संश्लेषण की कम दर होती है।
  • CO2 की सांद्रता — कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता ज्यादा होने से प्रकाश संश्लेषण की दर बढ़ जाती है। कार्बन डाइऑक्साइड की आमतौर पर 0.03 – 0.04 प्रतिशत सांद्रता प्रकाश संश्लेषण के लिए पर्याप्त होती है।
  • तापमान — समुचित प्रकाश संश्लेषण के लिए 25oC से 35oC के बीच के अनुकूल तापमान की जरूरत होती है।
  • पानी — पानी प्रकाश संश्लेषण के लिये अनिवार्य है। पानी की कमी से कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करने में समस्या होती है। अगर पानी कम होता है, तो पत्तिया अंदर भण्डारित पानी बचाए रखने के लिए अपना स्टोमेटा नहीं खोलती हैं।
  • प्रदूषित वातावरण — प्रदूषक और गैसें (अशुद्ध कार्बन) पत्तियों पर जम जाते हैं और स्टोमेटा को बंद कर देते है। इससे कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करना मुश्किल हो जाता है।  प्रदूषित वातावरण से प्रकाश संश्लेषण की दर में 15 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।

 

जीव विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के जनक

जीव विज्ञान (Biology, बायोलॉजी) विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत जीवधारियों का अध्ययन किया जाता है।

बायोलॉजी (Biology; Bios = जीवन, life + logos = अध्ययन) शब्द का प्रयोग सबसे पहले लैमार्क (Lamarck) तथा टूविरेनस (Treviranus) नामक वैज्ञानिकों ने सन् 1801 में किया था।

अरस्तु को जीव विज्ञान का जनक (Father of Biology) कहते हैं।

जीव विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के जनक
(Father of Various Branches of Biology)

शाखा जनक
जीव विज्ञान (Biology) अरस्तू 
वनस्पति विज्ञान (Botany)  थियोफ्रस्टस
जीवाश्मिकी (Paleontology)  लियोनार्डो डी विन्सी
सुजननिकी (Eugenics)  एफ. गाल्टन
आधुनिक वनस्पति विज्ञान (Modern Botany)  लिनियस
प्रतिरक्षा विज्ञान (Immunology)  एडवर्ड जैनर 
आनुवंशिकी (Genetics)  ग्रेगर जॉहन मेण्डल 
आधुनिकी आनुवंशिकी (Modern Genetics)  टी.एच. मॉर्गन
कोशिका विज्ञान (Cytology) रॉबर्ट हुक 
वनस्पति चित्रण (Botanical Illustrations)  क्रेटियस
पादप शारीरिकी (Plant Anatomy)  एन. गिऊ 
जन्तु विज्ञान (Zoology)  अरस्तू 
वर्गिकी (Taxonomy) लीनियस 
चिकित्साशास्त्र (Medicine) हीप्पोक्रेटस 
औतिकी (Histology) मार्सेलों मैल्पीजी
उत्परिवर्तन सिद्धान्त के जनक (Mutation Theory)  ह्यगों डी. वीज
तुलनात्मक शारीरिकी (Comparative Anatomy) जी. क्यूवियर 
कवक विज्ञान (Mycology) माइकेली 
पादप कार्ययिकी (Plant Physiology)  स्टीफन हेल्स 
जीवाणु विज्ञान (Bacteriology)  ल्यूवेनहॉक 
सूक्ष्म जीव विज्ञान (Microbiology)  लूई पाश्चर 
भारतीय कवक विज्ञान (Indian Mycology)  ई. जे. बुट्लर 
भारतीय ब्रायोलॉजी (Indian Bryology)  आर. एस. कश्यप
भारतीय पारिस्थितिकी (Indian Ecology)  आर. मिश्रा
भारतीय शैवाल विज्ञान (Indian Phycology)  एम. ओ. ए. आयंगर
आधुनिक भ्रूण विज्ञान (Modern Embryology) वॉन बेयर 

वैज्ञानिक एवं उनकी खोजें (Scientists and Their Inventions)

वैज्ञानिक एवं उनकी खोजें (Scientists and Their Inventions)

जीव विज्ञान की क्षेत्र के महान वैज्ञानिक एवं उनकी खोजें :- 

क्रमांक खोज  वैज्ञानिक
1.  कोशिका (मृत कोशिका)  राबर्ट हुक
2. जीवित कोशिका  ल्यूवेनहॉक
3. कोशिका का केन्द्रक  राबर्ट ब्राउन
4. गॉल्गीबॉडी  गॉल्गी
5. पेनीसिलिन एलेक्जेंडर फलेमिंग
6.  जर्म प्लाज्म सिद्धान्त  ऑगस्त वाइजमैन
7. द्विनाम पद्धति  कैरोलस लीनियस
8. थ्योरी ऑफ पानजेनेसिस एवं ऑरिजिन ऑफ स्पीशीज  चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन
9. आनुवांशिकता के नियम  मेण्डल
10. वांक्षित लक्षणों की वंशागति का सिद्धान्त  लैमार्क
11. जर्म थ्योरी ऑफ डिजिज, एन्थ्रेक्स की टीका, दूध के निर्जीवाणुकरण के लिए पास्चुरीकरण तकनीक  लुई पाश्चर
12. कोशिका सिद्धान्त  थियोडोर श्वान
13.  वनस्पति विज्ञान संबंधी महत्वपूर्ण शोध  बीरबल साहनी
14. केस्कोग्राफ  जे. सी. बोस
15. बुद्धि परीक्षण  बिनेट
16.  मनोविश्लेषण (Psychoanalysis) का सिद्धांत  फ्रायड
17. ब्रेल लिपि  लुईस ब्रेल
18. मौसम विज्ञान  एच. एन वाडिया
19.  इन्सुलिन  बेन्टिंग
20. काला आजार का ईलाज  यू. एम ब्रह्मचारी
21.  मानव हृदय का प्रतिस्थापन  किश्चयन बरनर्ड
22.  सल्फा ड्रग्स (जीवाणुनाशी दवा)  डोमैक
23.  फोटोग्राफी, पराबैंगनी किरण के आरोग्यकारी प्रभाव की खोज  फिन्सेन
24.  विटामिन-डी  एफ. जी. हॉपकिन्स
25.  रक्त संचालन  हार्वे
26.  होमियोपैथी  हैनिमैन
27.  वैक्सीनेशन (टीकाकरण)  एडवर्ड जेनर
28.  स्टेथोस्कोप  लाएनेक
29. मलेरिया का परजीवी (प्लाज्मोडियम)  रोनेल्ड रॉस
30.  डी.एन.ए. अणु की संरचना  वाट्सन, विल्किन्स और किक 
31. रसायन चिकित्सा (Chemotherapy)  परासल्सस
32. बायोकैमेस्ट्री जॉन बायटीसा वान हेलमांट 
33. न्यूरोलॉजी  फ्रांज जोसफ गाल 
34. शरीर विज्ञान  एलफ्रच्ट वान हालर 
35. ऊतक विज्ञान  मेरी विचात 
36. भ्रूण विज्ञान  कार्ल अर्नस्टवान बेअर 
37. जीवाणु विज्ञान  फर्दिनाद कोहन
38. विषाणु विज्ञान  इवानोवस्की और बजरनिक 
39. एन्टी टॉक्सीन  बेहरिंग एवं कितासानो
40. अंत:स्त्राव विज्ञान  बेलिस और स्टलिंग 
41. विटामिन सी  फ्रोलिख होल्सटन 
42. विटामिन ए  मैक कोलम और एम. डेविस 
43. विटामिन बी  मैक कोलम 
44. डी डी टी पॉल मूलर 
45. पोलियो का ओरल (मुखीय) टीका  एल वर्ट सैविन 
46. प्रथम परखनली शिशु स्टेप्टो और एडवर्डस

वैज्ञानिक उपकरण एवं कार्य (Scientific Instruments and Functions)

वैज्ञानिक उपकरण एवं कार्य (Scientific Instruments and Functions)

जीव विज्ञान में सूक्ष्मतम से वृहद्तम तक का अध्ययन किया जाता है, इसके लिए अनेक यंत्रों की आवश्यकता होती है। उदाहरणस्वरूप कोशिका एवं कोशिकांग सूक्ष्मदर्शीय होते हैं, तथा इनको देखने के लिए मात्र हमारी आँखें काफी नहीं होती, इसी प्रकार शरीर के अंदर के अंगों की क्रिया-विधि, हृदय की गति, पादपों की विभिन्न क्रिया-विधि आदि सभी कुछ का अवलोकन करने के लिए तथा उन पर वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए अनेक यंत्रों की आवश्यकता होती है।

कुछ महत्वपूर्ण यंत्र तथा जीवविज्ञान के क्षेत्र में उनका महत्व – 

क्रमांक 

उपकरण

कार्य 

1.  एल्गोमीटर दर्द के प्रति संवेदनशीलता को मापता है। 
2.  ऑडियोमीटर सुनने की स्पष्टता को मापता है। 
3.  ऑक्सेनोमीटर पादपों में वृद्धि की दर को मापता है।
4. कार्डियोग्राफ हृदय की गति को मापता है 
5.  साइटोमीटर कोशिका की संख्या को मापता है। 
6. इलेक्ट्रोएनसिफेलोग्राफ  मस्तिष्क की तरंगों को मापता है। 
7. इलेक्ट्रोस्कोप शरीर में विद्युत आवेश को मापता है। 
8. एनसिफेलोग्राफ मस्तिष्क के इमेज देखने के लिए 
9. हीमोसाइटोमीटर रक्त की कोशिकाओं को गिनने वाला यंत्र 
10. सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप)  सूक्ष्म संरचनाओं को देखने के लिए 
11. मैग्नीफाईंग ग्लास छोटी चीजों को बड़ा करके देखने के लिए 
12.  लैक्टोमीटर दूध का विशिष्ट गुरूत्व ज्ञान कर करके दूध की शुद्धता की जाँच करने का यंत्र 
13.  स्फीग्नोमैनोमीटर इस यंत्र का प्रयोग धमनी में रक्तदाब की तीव्रता ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
14.  स्फीग्नोफोन  इस यंत्र की सहायता से नाड़ी की चाल ध्वनि उत्पन्न करती है। 
15.  स्टेथोस्कोप हृदय और फेफड़े की गति सुनने और उसका विश्लेषण करने में इस यंत्र का उपयोग किया जाता है। 
16.  iron-lung machine or Drinker’s Chamber इसके द्वारा कृत्रिम श्वसन की क्रिया कराई जाती है।
17. बायोमीटर (जीवमापी) इसके द्वारा जीवित ऊतकों द्वारा उत्सर्जित कार्बन-डाई-ऑक्साइड मापा जाता है और श्वसन-क्रिया के आधार पर जीवन-अवधि भी मापी जाती है।

जीव विज्ञान और इनकी शाखाएँ (Biology and Their Branches) 

जीव विज्ञान (Biology) 

विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत जीव एवं जीवन का अध्ययन किया जाता है जीव विज्ञान (Biology)  कहलाता है।

जीव जगत एवं जीवन के कई पहलू होते हैं। अतः जीव विज्ञान का क्षेत्र भी बहुत वृहद् है। किसी एक व्यक्ति के लिए जीव विज्ञान के समस्त क्षेत्र का अध्ययन कर पाना नामुमकिन है, अतः कालांतर में जीव विज्ञान की अनेक शाखाएँ विकसित हुई जिसने जीवों एवं जीवन के अध्ययन को वर्गीकृत करके वैज्ञानिकों को उनकी रूचि के अनुसार विषय चुनकर उस पर अध्ययन करने का अवसर दिया। 

जीव विज्ञान के अंतर्गत निम्न शाखाएँ प्रमुख रूप से सम्मिलित की गई हैं : – 

क्रमांक 

शाखा का नाम शाखा का अंग्रेजी नाम

शाखा के अंतर्गत अध्ययन का क्षेत्र 

1 शरीर रचना विज्ञान Anatomy जीवविज्ञान शरीर रचना तथा शरीर के विभिन्न अंगों का अध्ययन 
2 मानव विज्ञान Anthropology मानव जाति के विकास मानसिक और शारीरिक स्थिति का अध्ययन 
3 वृक्ष संवर्धन  Arboriculture  वृक्ष और पौधों के संवर्धन का विवेचन 
4 जीवाणु विज्ञान  Bacteriology जीवाणुओं के प्रकार, स्वभाव, गुण 
5 वनस्पति विज्ञान  Botany वनस्पति से संबंधित अध्ययन 
6 जीव विज्ञान Zoology उद्भिज और प्राणियों का विवेचन 
7 व्यायाम शास्त्र Callisthenics सौंदर्य और शक्ति बढ़ाने के लिए आवश्यक व्यायामों का विवेचन 
8 पक्षी विज्ञान Ornithology पक्षियों की प्रकृति और उनकी बनावट का अध्ययन 
9 अस्थिचिकित्सा विज्ञान  Osteopathy शल्य चिकित्सा द्वारा अस्थियों की विरूपता ठीक करने का विवेचन 
10 प्रकाशिकी Optics यह नेत्र और दृष्टि बोध का अध्ययन
11 रोग विज्ञान  Pathology यह शारीरिक रोग निदान का विज्ञान है। 
12 आकृति विज्ञान Morphology पौधों और पशुओं के विभिन्न अंगों की बनावट का अध्ययन। 
13 ऑडोन्टोग्राफ Odontograph यह दण्ड इनामेल की सतह की असमानता मापने वाला यंत्र । 
14 कपाल विज्ञान  Phrenology खोपड़ी और मस्तिष्क का विवेचन 
15 पुरावनस्पति शास्त्र  Paleo-botany पौधों के जीवाश्म का अध्ययन
16 सूर्य चिकित्सा Heliotherapy धूप स्नान और सूर्य प्रकाश द्वारा रोगों की चिकित्सा 
17 मनोविज्ञान Psychology यह मानव मस्तिष्क, मानसिक क्रियाओं एवं अनुक्रियाओं का अध्ययन 
18 मत्स्यपालन Pisciculture मछली पालन की कला का विवेचन
19 विकिरण चिकित्सा विज्ञान Radiology यह विज्ञान विकिरित ऊर्जा का रोग निदान और रोग चिकित्सा में प्रयोग का विवेचन करता है। 
20 रेशम उत्पादन Sericulture यह रेशम कीड़े के पालन संबंधी बातों का अध्ययन 
21 चर्म प्रसाधन Taxidermy ऐसी कला जिसमें पशुओं का चर्म इस प्रकार बनाया जाता है, और गढ़ी गई आकृति पर चढ़ाया जाता है कि आकृति जीवित प्रतीत होती है। 
22 विष विज्ञान Toxicology विष की उत्पत्ति उसके स्वरूप गुण प्रभाव तथा शरीर के अंगों में उसकी उपस्थिति ज्ञात करने और विषाक्तिकरण के कारण उत्पन्न रोगों की चिकित्सा का विवेचन 
23 जीव अंतरिक्षिकी Bioastronautics जीवों के तंत्रों पर आंतरिक अथवा अंतग्रहीय यात्रा के प्रभावों का वैज्ञानिक अध्ययन 
24 जीवजलवायु विज्ञान Bioclimatology यह विज्ञान जीवित जीवों पर पृथ्वी के क्षेत्र विशेष में विद्यमान प्राकृतिक पर्यावरण अर्थात वर्षा, धूप ताप आदि के प्रभावों का वैज्ञानिक अध्ययन
25 जीव मौसम विज्ञान  Biometeorology जीवित जीवों पर भौतिक पर्यावरण के गैर ऑर्गेनिक पहलुओं जैसे तापक्रम, आर्द्रता, वायुदाब वायु की गति, वायु आयनीकरण आदि के प्रभावों का अध्ययन करता है। 
26 बायोनिकी Bionics जीवों के कार्य, विशेषताएँ और संबद्ध तथ्यों का वैज्ञानिक अध्ययन एवं अजीवित तंत्रों पर इसका प्रयोग 
27 जीव पारिस्थितिकी  Bionomy जीवन क्षम कार्यों को विनियमित करने वाले नियमों का विवेचन 
28 जीव रसायन  Biochemistry  जीवित जीवों और जीवन क्षम प्रक्रियाओं का रासायनिक अध्ययन 
29 जीव गतिकी Biodynamics जीवों की गतिविधि के स्वरूप और निर्धारकों का वैज्ञानिक अध्ययन 
30 जीव भौतिकी  Biophysics जीव विज्ञानीय समस्याओं के समाधान के लिए भौतिक विधि एवं सिद्धान्तों के प्रयोग का अध्ययन 
31 काल जीव विज्ञान  Chronobiology जीवन अवधि और इसमें वृद्धि के उपायों का विवेचन 
32 रक्त विज्ञान  Haematology रक्त की संरचना, कार्य, गुण, रक्तोत्पत्ति, रक्त वर्ग एवं रक्तवाहिकाओं का अध्ययन 
33 मत्स्य विज्ञान Ichthyology मछलियों की विभिन्न प्रजातियों, उनकी आकृति, प्रकृति एवं रोगों का अध्ययन 
34 स्तन चित्रण  Mammography स्त्रियों के स्तन में होने वाले कैंसर एवं अन्य रोगों के लिए एक्स रे चित्रण 
35 सूक्ष्म जीव विज्ञान  Microbiology सूक्ष्मदर्शीय जीवों का अध्ययन 
36 वृक्क विज्ञान  Nephrology वृक्क की संरचना, क्रिया एवं उसके रोगों का अध्ययन 
37 आण्विक जीव विज्ञान  Molecular Biology जीनों और इसकी क्रियागत विशेषताओं के बीच स्थित संबंध का अध्ययन 
38 तंत्रिका विज्ञान  Neurology मानव शरीर के तंत्रिका तंत्र एवं उसके रोगों का अध्ययन
39 तंत्रिका रोग विज्ञान Neuropathology तंत्रिका तंत्र में होने वाले रोगों का अध्ययन 
40 पुराविज्ञान  Paeleology जंतुओं के जीवाश्म का अध्ययन 
41 परजीवी विज्ञान Parasitology परजीवी जीवों एवं परजीविता का अध्ययन 
42 पादप विकास  Phytogeny पौधों की उत्पत्ति एवं विकास का अध्ययन 
43 औषधमात्रा विज्ञान Posology औषधि की मात्रा एवं शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन 
44 आहार विज्ञान Sitology स्वास्थ्य एवं रोगों के संबंध में आहार, पोषाहार, पेयजल आदि का अध्ययन 
45 वर्गीकरण विज्ञान  Taxonomy जंतुओं एवं वनस्पतियों को इनकी समानता एवं असमानता के आधार पर वर्गीकरण 
46 हेतु विज्ञान Teleology उद्देश्य एवं उपयोगिका के परिपेक्ष्य में प्राणियों एवं वनस्पतियों की संरचना का अध्ययन 
47 पारीन्द्रिय ज्ञान Telepathy इन्द्रियों के परे दिव्य दृष्टि एवं पूर्व ज्ञान द्वारा विचारों का संप्रेषण एवं मन का अध्ययन 
48 केश विज्ञान Trichology केश की संरचना, वृद्धि एवं इनके रोगों का अध्ययन 
49 विषाणु विज्ञान  Virology विषाणुओं एवं विषाणुजन्य रोगों का अध्ययन 
50 जनसांख्यिकी Demography व्यक्तियों की जन्म, मृत्यु आदि की सांख्यिकी तथा उनकी स्थिति प्रस्तुत करता है
51 कीट विज्ञान  Entomology कीटों का अध्ययन 
52 मानव जाति विज्ञान  Ethnology मानव विज्ञान की विभिन्न जाति-प्रजातियों, उनके आपसी संबंधों का अध्ययन 
53 सुजनन विज्ञान  Eugenies मानव में नस्ल सुधारने के उपायों का विवेचन 
54 भ्रूण विज्ञान  Embryology भ्रूण के विकास का विवेचन 
55 स्त्रीरोग विज्ञान Gyna ecology स्त्री रोगों विशेषकर जननांगों, इसकी बनावट और इनसे संबंधित ग्रंथियों का अध्ययन 
56 वंशावली Genealogy एक ऐसी तालिका जिसमें परिवार या पशु जाति की वंशावली वृक्ष और उनकी शाखाओं के रूप में दिखाई जाती हैं।
57 पाक विद्या/जठर विज्ञान  Gastrology एक ऐसी कला जिसमें विभिन्न प्रकार के भोजन बनान और पाकशालाओं को व्यवस्थित करने की विधि बताई जाती है। पेट और इससे संबंधित रोगों का भी अध्ययन 
58 आनुवांशिकी  Gentics व्यक्तियों की आनुवांशिकता का अध्ययन 
59 उद्यान विज्ञान Horticulture उद्यान लगाने की कला का विवेचन 
60 जल-चिकित्सा  Hydropathy जल के आंतरिक और बाह्य उपयोग द्वारा  रोगों की चिकित्सा 
61 जल संवर्धन Hydroponics मृदा रहित पादप वर्धन या जल कृषि। मिट्टी की उपयोग न कर पौधे की जड़ों में पोषक खनिज के घोल का प्रयोग 
62 शंख विज्ञान  Conchology समुद्री सीपी, घोंघा एवं शंख आदि का अध्ययन 
63 कोशिका जननिकी  Cytogenetics कोशिका विशेषकर गुणसूत्र की संरचना एवं क्रिया का अध्ययन 
64 कोशिका विज्ञान  Cytology कोशिकाओं की संरचना, क्रिया एवं प्रजनन का अध्ययन 
65 अंगुलिलेख अध्ययन  Dactylography अंगुलांक का अध्ययन 
66 अंगुलि संकेत भाषा  Dactylology बधिरों के लिए अंगुलियों द्वारा संकेत की भाषा का विवेचन 
67 भू-जीव विज्ञान  Geobiology शुष्क भूमि पर रहने वाले जीवों का अध्ययन

 

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