प्रोटीन (Protein)

प्रोटीन (Protein)

प्रोटीन (Protein) विशेष रूप से अपना योगदान वृद्धि तथा ऊतकों की मरम्मत व स्वस्थ रखने में करते हैं प्रोटीन (Protein) हमारे शरीर में निर्माण में सहायता देता है। अतः यह सबसे महत्वपूर्ण यौगिक हैं। प्रोटीन (Protein) अमीनों अम्लो के संयोजन से बनता है। ये अमीनों एसिड के रूप में पॉलीपेप्टाइड के रूप में मिलते है। प्रोटीन्स का संश्लेषण व जल अपघटन एन्जाइमों की उपस्थिति में होता है। इसका फार्मूला (CHON)n होता हैं। हमारे शरीर का लगभग 15% भाग प्रोटीन ही है। 

 

प्रोटीन के प्रकार (Type of Protein)

प्रोटीन को मुख्यतः तीन वर्गों में बाँटा गया है।

सरल प्रोटीन (Simple Protein) 

ये वे प्रोटीन (Protein) है जो केवल अमीनो अम्ल से बने होते हैं इसके जल – अपघटन (Hydrolysis) से अमीनों अम्ल प्राप्त होते है।जैसे एल्ब्युमिन (Albumin), ग्लोब्यूलिन (globulin) ग्लोबिन (Globin), प्रोटेमीन्स (Protamins), हिस्टोन (Histone), प्रोले मीन (Pole min), एल्ब्यु में नाइड (Albumanide), ग्लूटेमिन्स (Glutamines), आदि ।

संयुग्मी प्रोटीन (Conjugated Protein)

ये वे प्रोटीन्स है जिनमें अमीनों अम्ल के साथ अन्य अणु भी जुड़े होते हैं। अमीनों अम्ल रहित भी संयुग्मी प्रोटीन होते है जिन्हें प्रोस्थेटिक (Prosthetic) समूह कहते है। जैसे – हीमोग्लोबिन (Hemoglobin), साइटोक्रोम (Cytochrome), म्यूसीन (Myusin), हिपरेन (Hiprane) लार (Saliva) आदि।

व्युत्पन्न प्रोटीन (Derived Protein)

ये वो प्रोटीन है जो कि प्राकृतिक प्रोटीनों के जल-अपद्यटन (Hydrolysis) से बनते है। जैसे – रक्त का फाइब्रिन, पेप्टोन, इन्सुलिन आदि। 

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प्रोटीन के कार्य (Function of Protein)

  • यह शरीर के निर्माण, वृद्धि तथा मरम्मत का उत्तरदायी घटक है। ये ऊत्तकों तथा कोशिकाओं व जीवद्रव्य में भाग लेते है। 
  • इसके अपचयन (Catabolism) के फलस्वरूप ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसके अपघटन से 4 K. Cal ऊर्जा प्राप्त होती है। 
  • ये पाचक रसों के निर्माण में भी सहायक है। 
  • ये कोशिका झिल्ली के अंदर जैसे – परमीएजेज (Permeases) तथा कुछ शरीर के अंदर जैसे हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) का कार्य करके संवहन का कार्य करते है। 
  • कुछ प्रोटीन प्रतिरक्षी की तरह हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। 
  • कुछ प्रोटीन पीढ़ी-दर-पीढ़ी आनुवांशिक गुणों को आगे ले जाने में मदद करते है। 
  • कुछ जन्तु इन्हे खाद्य पदार्थ की तरह ग्रहण करते है जैसे – अण्डे ।
  • ये मानसिक शक्ति को बढ़ाने का भी कार्य करते है। 

 

प्रोटीन के स्त्रोत (Source of Protein)

हमारे शरीर के प्रोटीनो के निर्माण के लिए कुल 20 अमीनों अम्लों की आवश्यकता होती है। जिसमें से 10 का संश्लेषण हमारे शरीर में होता है। जबकि 10 हमे भोजन के द्वारा प्राप्त होते है।  प्रोटीन हमें दालों, दूध, दही, पनीर, अण्डे व मॉस मछली से प्राप्त होते है। 

प्रोटीन की कमी व अधिकता का प्रभाव (Effect of protein Deficiency and Excess)

प्रोटीन शरीर की वृद्धि तथा मरम्मत के लिए जरूरी इसकी कमी से शारीरिक व मानसिक विकास रूक जाता है। बच्चों में प्रोटीन की कमी के कारण मरास्मस (Marasmus) और क्वाशियारकर (Kwashiorker) रोग होता है। बढ़ते बच्चे व गर्भवती स्त्रियों के लिए ये अत्यावश्यक है।

 

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