उत्तराखंड का नया मंडल - गैरसैंण  (New Division of Uttarakhand - Gairsain) | TheExamPillar
Third Division of Uttarakhand - Gairsain

उत्तराखंड का नया मंडल – गैरसैंण  (New Division of Uttarakhand – Gairsain)

उत्तराखंड का तीसरा मंडल गैरसैंण
(Third Division of Uttarakhand – Gairsain)

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उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 4 मार्च 2021 को विधानसभा में गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा कर दी। गढ़वाल, कुमाऊं के बाद राज्य के इस तीसरे मंडल में कुमाऊं (अल्मोड़ा और बागेश्वर) और गढ़वाल (चमोली और रुद्रप्रयाग) के दो-दो जिलों को सम्मिलित किया गया है। गैरसैंण मंडल का मुख्यालय होगा। गैरसैंण में कमिश्नर और डीआईजी स्तर का अधिकारी बैठेगा। मुख्यमंत्री ने पिछले साल आज ही के दिन भराड़ीसैंण (गैरसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी।

कुमाऊं मंडल – ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत
गढ़वाल मंडल – देहरादून, हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल 

गैरसैंण मंडल – रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा और बागेश्वर

गैरसैंण मंडल से लाभ  

  • पहाड़ में एक दिक्कत यह थी कि दूरस्थ इलाकों की वजह से सरकारी सिस्टम को काम करने में कठिनाई होती थी। निश्चित तौर पर अगर छोटी इकाई होगी तो निगरानी बेहतर हो सकेगी। गैरसैंण को मंडल बनाना इसी दिशा में सकारात्मक कदम है।
  • गैरसैंण को मंडल बनाने से अब पहाड़ में भी उच्च अधिकारी होंगे, जिससे पहाड़ के इन चार जिलों में पलायन रुकने के साथ युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
  • प्रशासनिक इकाई जितनी जनता के करीब होगी, उतनी ही लोगों को सहूलियत होगी। विकास कार्यों की निगरानी भी और करीब से की जा सकेगी।

गैरसैंण मंडल के लिए चुनौतियाँ

  • विभागों में पहले से ही अधिकारी/कर्मचारियों के सैकड़ों पद खाली पड़े हैं। इन हालातों में बिना ढांचे के कमिश्नरी का संचालन कैसे होगा।
  • राज्य में कुमाऊं और गढ़वाल मंडल पहले से ही वजूद में हैं। नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल मंडल मुख्यालय बनाए गए हैं। लेकिन, इन दोनों मंडलों के मंडल आयुक्त समेत तमाम अधिकारी मुख्यालयों के बजाय देहरादून और हल्द्वानी में डेरा जमाए रहते हैं। ऐसे में मंडलायुक्त के स्तर से समस्याओं के निराकरण में आमजन को तमाम समस्याएं आती हैं। जब पौड़ी गढ़वाल और नैनीताल जैसी जगहों पर अधिकारी उपलब्ध नहीं रहते तो भला इन दोनों शहरों से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित गैरसैंण में अधिकारी कहां रुकेंगे। सरकार को पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि मंडलायुक्त समेत तमाम अधिकारी मंडल मुख्यालयों में बैठें और आमजन की समस्याओं का समाधान करें।
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था में कमिश्नरी का कोई जिक्र नहीं है। गैरसैंण मंडल बनने से बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा, इससे भी नुकसान ही है क्योंकि ठेकेदारी प्रथा बढ़ने के साथ ही प्राकृतिक सुंदरता भी प्रभावित होगी।

 

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