निर्देश (प्रश्न सं० 81 से 85) : दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश-1
किसी भी देश की प्रगति वैज्ञानिक उपलब्धियों के सहारे किए गए औद्योगिकीकरण पर निर्भर है। यहीं किसी भी उन्नत देश की कसौटी मानी जाती है। जहाँ पर पूर्ण रूप से औद्योगिकीकरण नहीं हुआ है, वहाँ उसी अनुपात में गरीबी और पिछड़ापन रहता है। विज्ञान ने मानव को पूरी तरह बदल दिया है, उसे भौतिक स्तर पर समुन्नत बनाया है, परन्तु एक सत्य यह भी है कि हमें नाना प्रकार की भौतिक सुविधाएँ देकर उसने हमारी कोमल मानवीय संवेदनाओं को नष्ट कर दिया है। अगर ऐसा ही होता रहा तो क्या हम ईमानदारी से अपने को मानव कह पाएँगे।
81. विज्ञान हमें क्या देता है?
(A) सामाजिक उपलब्धियाँ
(B) भौतिक उपलब्धियाँ
(C) आध्यात्मिक उपलब्धियाँ
(D) राजनैतिक उपलब्धियाँ
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82. विज्ञान के विकास के साथ-साथ हम क्या खोते जा रहे हैं ।
(A) हिंसा
(B) क्रूरता
(C) प्रेम
(D) संवेदना
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83. किसी भी देश को किसके बल पर उन्नत कहा जा सकता है?
(A) समाजीकरण
(B) औद्योगिकीकरण
(C) राजनीतिकरण
(D) भूमंडलीकरण
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84. विज्ञान ने मानव को किस प्रकार बदला है?
(A) आंशिक रूप से
(B) बहुत हद तक
(C) पूर्ण रूप से
(D) किसी रूप में नहीं
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85. गरीबी और पिछड़ेपन का मापदंड क्या है?
(A) सही नेतृत्व का न होना
(B) औद्योगिकीकरण का न होना
(C) व्यापारीकरण का न होना
(D) सही समाज का न होना।
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निर्देश (प्रश्न सं० 86 से 90) : दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्याश-2
कालक्रम की दृष्टि से कला जीवन के लिए’ का सिद्धान्त बहुत ही पुराना है। साहित्य-सृजन के शुरुआती दौर से ही कला को नैतिक उद्देश्यपूर्ति का साधन बनाया गया है। कला को जीवनोपयोगी मानने सम्बन्धी धारणा का प्राधान्य सबसे अधिक पश्चिम में रहा है। जबकि यह धारणा आदिकालीन एवं देशातीत है। पश्चिम में कला का आरम्भिक स्वरूप उपदेशात्मक रहा, जिसका कारण यह है कि पश्चिम की शास्त्रीय कला धर्म के संरक्षण में पनपी और विकसित हुई। शुद्ध कलावादी दृष्टि का इस युग में प्रायः अभाव ही रहा। धर्म से प्रेरित कला-साहित्य का उपदेशात्मक होना स्वाभाविक ही है।
86. साहित्य-सृजन को प्राचीनकाल से किसकी पूर्ति को साधन बनाया गया?
(A) राजनैतिक उद्देश्य
(B) धार्मिक उद्देश्य
(C) आध्यात्मिक उद्देश्य
(D) नैतिक उद्देश्य
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87. पश्चिम में कला का प्रारम्भिक स्वरूप कैसा रहा?
(A) आध्यात्मिक
(B) उपदेशात्मक
(C) कलात्मक
(D) शास्त्रीय
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88. पश्चिम की शास्त्रीय कला किसके संरक्षण में विकसित हुई ?
(A) धर्म के संरक्षण में
(B) राजनीति के संरक्षण में
(C) मानव के संरक्षण में
(D) संतों के संरक्षण में
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89. पश्चिम की कला सम्बन्धी धारणा क्या थी?
(A) धर्मोपयोगी
(B) जीवनोपयोगी
(C) समाजोपयोगी
(D) अर्थोपयोगी
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90. पश्चिम की कला में किस दृष्टि का अभाव रहा?
(A) पूँजीवादी
(B) मार्क्सवादी
(C) कलावादी
(D) इसवादी
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निर्देश (प्रश्न सं० 91 से 95) : दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश–3
हिन्दी के प्रसार के लिए तथा सम्पूर्ण भारत की एक भाषा के रूप में इसे स्थापित करने के लिए केन्द्रीय स्तर पर बहुत सारे प्रयास किए गए हैं। सन् 1960 में स्थापित केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय की स्थापना की गई तथा सन् 1961 में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग का गठन किया गया। सरकारी कार्यालयों और बैंकों में भी हिन्दी में लगातार काम किए जाने के प्रयासों पर जोर दिया गया। कट्टरपंथी भाषायी आन्दोलनों के बावजूद दक्षिण भारत में हिन्दी का खूब प्रचार-प्रसार हुआ है, जिसमें हिन्दी सिनेमा और मीडिया का महत्त्वपूर्ण योगदान है। हिन्दी आज अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कई देशों में बोली और समझी जा रही है। फिज़ी, नेपाल, पाकिस्तान, मॉरीशस और कई अमेरिकी एवं यूरोपीय देशों में हिन्दी को पढ़ाया जा रहा है।
91. केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय की स्थापना कब हुई?
(A) 1961
(B) 1960
(C) 1958
(D) 1963
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92. भाषायी आन्दोलनों के बावजूद हिन्दी का प्रचार-प्रसार कहाँ हुआ है।
(A) पूर्वी भारत
(B) पश्चिमी भारत
(C) पूर्वोत्तर भारत
(D) दक्षिण भारत
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93. हिन्दी के प्रचार-प्रसार में किसका महत्त्वपूर्ण योगदान है?
(A) समाचार-पत्रों का
(B) पत्रिकाओं का
(C) समाज का
(D) मीडिया और सिनेमा का
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94. वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग का गठन कब हुआ?
(A) 1961
(B) 1960
(C) 1958
(D) 1964
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95. कौन-सा देश भारत के ज्यादा करीब है?
(A) पाकिस्तान
(B) श्रीलंका
(C) मॉरीशस
(D) अमेरिका
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निर्देश (प्रश्न सं० 96 से 100) : दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश-4
रोमांटिक और आधुनिक दृष्टिकोणों का एक और अन्तर उनके अपने सामाजिक परिवेशों के कारण है। रोमांटिसिज्म का विकास विशेष रूप से उदारतावादी युग में हुआ, जबकि आधुनिकता का उदय प्रजातान्त्रिक पद्धतियों के अन्तर्गत होता है। उदारताबाद और रोमांटिसिज्म में व्यक्ति की स्वाधीनता का सर्वोपरि महत्त्व है; प्रजातन्त्र इस व्यक्तिगत स्वातन्त्र्य को मानते हुए भी सामाजिक दायित्वों को एक स्वीकारात्मक दृष्टि के रूप में लेता है; स्वातन्त्र्य और दायित्व इस पद्धति में अविच्छिन्न मूल्य हैं। आधुनिकता को मानने वाला सृजनात्मक मूल्यों के संचरण में विश्वास रखता है।
96. रोमांटिसिज्म का विकास किस युग में हुआ?
(A) पूँजीवादी युग
(B) उदारतावादी युग
(C) प्रयोगवादी युग
(D) प्रगतिवादी युग
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97. आधुनिकता का उदय किन पद्धतियों के अन्तर्गत हुआ?
(A) प्रजातान्त्रिक
(B) लोकतान्त्रिक
(C) तानाशाही
(D) राजशाही
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98. उदारतावाद और रोमांटिसिज्म में किसका सर्वोपरि महत्त्व हैं?
(A) उदारतावाद
(B) व्यक्तिवाद
(C) व्यक्ति की पराधीनता
(D) व्यक्ति की स्वाधीनता
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99. आधुनिकता को मानने वाला किन मूल्यों के संचरण में विश्वास रखता है?
(A) आर्थिक मूल्य
(B) वर्णनात्मक मूल्य
(C) सृजनात्मक मूल्य
(D) वर्जनात्मक मूल्य
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100. प्रजातन्त्र व्यक्तिगत स्वातन्त्र्य को मानते हुए भी किसको स्वीकारात्मक दृष्टि के रूप में लेता है?
(A) सामाजिक दायित्व
(B) राजनैतिक दायित्व
(C) प्रजातांत्रिक दायित्व
(D) लोकतान्त्रिक दायित्व
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