किट्टर विद्रोह (Rebellion of Kittar) किट्टर विद्रोह किट्टर (कर्नाटक में धारवाड़ के नजदीक) में वर्ष 1824 – 29हुआ था। इस आंदोलन का नेतृत्व चेन्नमा तथा रयप्पा ने किया था। आन्दोलन
कट्टाबोम्मन का विद्रोह (Rebellion of Kattabomman) कट्टाबोम्मन का विद्रोह तमिलनाडु में तीरूनेलवेली में वर्ष 1792 – 99 हुआ था। इस आंदोलन का नेतृत्व वीरपांड्य कट्टाबोम्मन (पंचालावुरिचि) के शासक ने किया
आंग्ल-सिख युद्ध (Anglo-Sikh War) प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध (First Anglo-Sikh War) (1845-1846) प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध के युद्ध के कारण रंजीत सिंह की मृत्यु के बाद पंजाब में अव्यवस्था; खरक सिंह, नवनिहाल
आंग्ल-मराठा संधियाँ (Anglo-Maratha Treaties) सूरत की संधि (Treaty of Surat) 1775 सलसेती और बसीन के द्वीपों पर अधिकार करने के लिए बहुत लंबे समय से बंबई प्रेसीडेंसी पर निदेशक मंडल
प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (First Anglo-Maratha War) (1775-82) प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध के कारण मराठों के बीच की लड़ाई (सवाई माधव राव जिसे नाना फड़नवीस की सहायता प्राप्त थी एवं उसके चाचा
आंग्ल-मैसूर युद्ध (Anglo-Mysore War) प्रथम आंग्ल-मैसूर (First Anglo-Mysore War) (1766 – 69) प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध का कारण हैदरअली द्वारा अंग्रेजों को कर्नाटक से भगाने की महत्त्वाकांक्षा रखना, इस तरह अंग्रेजों
बक्सर की लड़ाई (Battle of Buxar) 1764 बक्सर के युद्ध के कारण बंगाल के नवाब मीर कासिम एवं अंग्रेजों के बीच संप्रभुता की लड़ाई शुरू हो गई। अंग्रेजों द्वारा 1717
प्लासी का युद्ध (Battle of Plassey) 1757 प्लासी के युद्ध के कारण 1717 ई० में अंग्रेजों ने मुगल फरमान की गलत व्याख्या की एवं दस्तक का गलत उपयोग किया गया।
कर्नाटक का युद्ध (Carnatic Wars) प्रथम कर्नाटक युद्ध (First Carnatic War) (1745 – 48) बरनेट की देख-रेख में 1745 ई० में अंग्रेजी नौसेना द्वारा फ्रांसीसी नौकाओं पर अधिकार कर लिया
भारत में फ्रांसीसियों का आगमन (Arrival of the French in India) फ्रांसीसियों ने भारत में अन्य यूरोपीय कम्पनियों की तुलना में सबसे बाद में प्रवेश किया। भारत में पुर्तगाली, डच,
SOCIAL PAGE