अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन (Ahmedabad Mill Workers Movement) गांधी जी ने अपना तीसरा अभियान अहमदाबाद में छेडा जब उन्होंने मिल मालिकों और श्रमिकों के मध्य संघर्ष में हस्तक्षेप किया। अहमदाबाद, गुजरात के एक महत्वपूर्ण औद्योगिक नगर के रूप में विकसित हो रहा था परन्तु मिल मालिकों को अक्सर श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ा…
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खेड़ा सत्याग्रह 1918 (Kheda Satyagraha 1918)
खेड़ा सत्याग्रह (Kheda Satyagraha) किसानों के पक्ष में गांधी जी ने दूसरी बार हस्तक्षेप गुजरात के खेड़ा जिले में किया। यहाँ पर उनकी सत्याग्रह की तकनीक को वास्तव में एक इम्तहान से गुजरना पड़ा। खेड़ा अधिक उपजाऊ क्षेत्र था और यहाँ पर उगने वाली खाद्य फसलों, तंबाकू, और रुई को अहमदाबाद में एक सुलभ बाजार…
चंपारन में सत्याग्रह
चंपारन में सत्याग्रह (Satyagraha in Champaran) चंपारन (बिहार) में अंग्रेज व्यापारी किसानों को तिनकठिया व्यवस्था के अन्तर्गत नील पैदा करने के लिए विवश करते थे। इस व्यवस्था में किसान अपनी जमीन के 3/20 भाग पर नील उगाने के लिए बाध्य थे। इसके खिलाफ किसानों का असंतोष, स्थानीय मध्यम और धनी वर्ग के किसान नेताओं के…
स्वाधीनता के पश्चात भारतीय शिक्षा का विकास (1947-1950 ई.)
स्वाधीनता के पश्चात भारतीय शिक्षा का विकास (1947-1950 ई.) (Development of Indian Education after Independence (1947-1950)) 1947 में स्वाधीन भारत में 1 लाख 73 हजार प्रारंभिक स्कूल, वह हजार माध्यमिक स्कूल, 199 इण्टरमीडिएट कॉलेज, 297 कला और विज्ञान के कॉलेज, 140 व्यावसायिक और टेक्नीकल कॉलेज तथा 20 विश्वविद्यालय थे । 1947 में राजपूताना विश्वविद्यालय, सागर…
सार्जेण्ट शिक्षा योजना (1944)
सार्जेण्ट शिक्षा योजना (1944) (Sargent Education Scheme (1944)) द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति पर सरकार ने युद्धोत्तर विकास की अनेक योजनाएँ बनायी । इन योजनाओं में शिक्षा को भी स्थान दिया गया । सर जॉन सार्जेण्ट को, वाइसराय ने आज्ञा दी, कि वे युद्धोत्तर शिक्षा की जाँच कर उस पर स्मृति-पत्र तैयार करें । सार्जेण्ट ने…
हर्टाग समिति (1929)
हर्टाग समिति (1929) (Hartog Committee 1929) शिक्षा संस्थाओं की संख्या बढ़ने से शिक्षा के स्तर में गिरावट आयी। शैक्षणिक पद्धति के प्रति असंतोष बढ़ता गया। 8 नवम्बर 1927 को साइमन कमीशन की नियुक्ति की गयी। जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय आन्दोलन से उत्पन्न विभिन्न परिस्थितियों की जाँच के साथ-साथ भारतीय शिक्षा की व्यवस्था की जाँच करना था।…
सैडलर विश्वविद्यालय कमीशन (1917-19)
सैडलर विश्वविद्यालय कमीशन (1917-19) (Sadler University Commission (1917–19)) कलकत्ता विश्वविद्यालय में सर आशुतोष मुकर्जी के प्रयत्नों से स्नातकोत्तर विभाग खोला गया। अत: सरकार ने कलकत्ता विश्वविद्यालय की जाँच के लिए 14 सितम्बर 1917 को कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग की नियुक्ति की। इस आयोग के सभापति माइकेल सैडलर थे इस कारण इसको ‘सैडलर कमीशन (Sadler Commission)’ के…
1913 का शिक्षा-नीति संबंधी सरकारी प्रस्ताव
1913 का शिक्षा-नीति संबंधी सरकारी प्रस्ताव (Government Resolution on Education Policy of 1913) देश में शिक्षा की माँग बढ़ जाने तथा गोखले के आन्दोलन के कारण भारतीय सरकार के लिए आवश्यक हो गया था कि वह अपनी शिक्षा-नीति को दोहराये । साथ ही 1911 ई. के दिल्ली-दरबार में सम्राट जॉर्ज पंचम ने प्राथमिक शिक्षा पर…
कर्जन की शिक्षा नीति
कर्जन की शिक्षा नीति (Curzon’s Education Policy) भारतीय शिक्षा के इतिहास में लॉर्ड कर्जन (Lord Curzon) का काल महत्वपूर्ण है। कर्जन विद्वान, कुशल प्रशासक तथा पाश्चात्य सभ्यता का परम भक्त था। शिक्षा में स्वतंत्रता एवं विस्तार की नीति का कर्जन विरोधी था। उसका विश्वास था कि शिक्षा का स्तर उँचा करने के लिए शिक्षण संस्थाओं…
हंटर कमीशन (1882-83)
हंटर कमीशन 1882 – 83 (Hunter Commission 1882-83) 1854 के घोषणा-पत्र से शिक्षा के क्षेत्र में जितनी प्रगति की आशा की जाती थी, वास्तव में उतनी न हो सकी। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अदृश्य कुछ माध्यमिक विद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों की स्थापना की गयी, परन्तु प्राथमिक शिक्षा के लिए कुछ भी नहीं किया गया। भारत…