भदोही (संत रविदास नगर) जनपद का परिचय (Introduction of Bhadohi (Sant Ravidas Nagar) District)
भदोही (संत रविदास नगर) की स्थिति (Location of Bhadohi (Sant Ravidas Nagar))
- मुख्यालय – भदोही
- पुराना नाम व उपनाम – कालीन सिटी
- मंडल – मिर्जापुर
- क्षेत्रफल –1015 वर्ग किमी
- सीमा रेखा
- राष्ट्रीय राजमार्ग – NH-02
- नदियाँ/ नहरें – गंगा, वरुणा, मोरवा
भदोही की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Bhadohi)
- विधानसभा क्षेत्र – 3 (भदोही, औराई, ज्ञानपुर)
- लोकसभा सीट – 1 (भदोही)
- तहसील – 3 (भदोही, औराई, ज्ञानपुर)
- विकासखंड (ब्लाक) – 6 (अभोली, डीघ, सुरियावां, ज्ञानपुर, औराई, भदोही)
- कुल ग्राम – 1,217
- कुल ग्राम पंचायत – 561
- नगर पालिका परिषद – 2 (गोपीगंज, भदोही)
भदोही की जनसंख्या (Population of Bhadohi)
- जनसंख्या – 15,78,213
- पुरुष जनसंख्या – 8,07,099
- महिला जनसंख्या – 7,71,114
- शहरी जनसंख्या – 2,29,302 (14.53%)
- ग्रामीण जनसंख्या – 13,48,911 (85.47%)
- साक्षरता दर – 68.97%
- पुरुष साक्षरता – 81.47%
- महिला साक्षरता – 56.03%
- जनसंख्या घनत्व – 1,555
- लिंगानुपात – 955
- जनसंख्या वृद्धि दर – 16.58%
- हिन्दू जनसंख्या – 13,68,291 (86.70%)
- मुस्लिम जनसंख्या – 2,03,887 (12.92%)
- इसाई जनसंख्या – 1,365 (0.09%)
Population Source – census2011.co.in
भदोहीके संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Bhadohi)
- धार्मिक स्थल – सीता समाहित स्थल (सीतामढ़ी)
- उद्योग – कालीन
Notes –
- भदोही (संत रविदास नगर) का नाम उस क्षेत्र के “भार राज्य” से हुआ जिसने भदोही को अपनी राजधानी बनाया ।
- अकबर के शासन के दौरान, भदोही को एक दस्तुर बना दिया गया और इलाहाबाद के शासन में शामिल किया गया।
- लगभग 1750 ईस्वी भूमि राजस्व बकाया भुगतान के कारण, प्रतापगढ़ के राजा प्रताप सिंह ने बकाया भुगतान के बदले में पूर्ण परगना को बनारस के बलवंत सिंह को दिया।
- 1911 में भदोही, महाराजा प्रभु नारायण सिंह द्वारा शासित नवनियुक्त रियासत बनारस के अधीन शामिल कर लिया गया।
- भदोही जनपद का गठन 30 जून 1994 को उत्तर प्रदेश के 65वें जनपद के रूप में वाराणसी जनपद के कुछ भागों को काट कर हुआ था।
- पूरे दक्षिण एशिया में हाथ द्वारा निर्मित कालीन का यह एक मुख्य केंद्र है इसी लिए इस जनपद को “कालीन नगरी” के नाम से भी जाना जाता है।
- भारतीय कालीन तकनीक संस्थान (Indian Institute of Carpet Technology) पूरे एशिया में अपनी तरह का इकलौता संस्थान है। इस संस्थान की स्थापना कपड़ा मंत्रालय द्वारा 2001 में की गई थी ।
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