झांसी जनपद का परिचय (Introduction of Jhansi District)
झांसी की स्थिति (Location of Jhansi )
- मुख्यालय – झांसी
- पुराना नाम व उपनाम – बुन्देलो की नगरी
- मंडल – झांसी
- क्षेत्रफल – 5,024 वर्ग किमी.
- सीमा रेखा
- पूर्व में – हमीरपुर एवं महोबा
- पश्चिम में – मध्य प्रदेश
- उत्तर में – जालौन
- दक्षिण में – ललितपुर एवं मध्य प्रदेश
- राष्ट्रीय राजमार्ग – NH-076, NH-075, NH-026, NH-025
- नदियाँ – बेतवा, पहुज, डासन
- परियोजनाएँ – बेतवा नहर ,रानी लक्ष्मीबाईबाँध, धसान नहर, सपरार, ललितपुल बाँध
झांसी की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Jhansi )
- विधानसभा क्षेत्र – 4 (गरौठा, मऊरानीपुर, झांसी नगर, बबीना)
- लोकसभा सीट – 1 (झाँसी)
- तहसील – 5 (झाँसी, मोठ, मऊरानीपुर, गरौठा, टेहरोली)
- विकासखंड (ब्लाक) – 8 (बबीना, बड़ागांव, बामौर, बंग, राचिरगांव, गुरसरायं, मऊरानीपु, रमोंठ)
- कुल ग्राम – 743
- कुल ग्राम पंचायत – 496
- नगर पालिका परिषद – 5 (चिरगॉंव, बरूआसागर, गुरसरांय, समथर, मऊ रानीपुर)
- नगर पंचायत – 7
झांसी की जनसंख्या (Population of Jhansi )
- जनसंख्या – 19,98,603
- पुरुष जनसंख्या – 10,57,436
- महिला जनसंख्या – 9,41,167
- शहरी जनसंख्या – 8,33,484 (41.70%)
- ग्रामीण जनसंख्या – 11,65,119 (58.30%)
- साक्षरता दर – 75.05%
- पुरुष साक्षरता – 85.38%
- महिला साक्षरता – 63.49%
- जनसंख्या घनत्व – 398
- लिंगानुपात – 890
- जनसंख्या वृद्धि दर – 14.54%
- हिन्दू जनसंख्या – 18,23,930 (91.26%)
- मुस्लिम जनसंख्या – 1,47,842 (7.40%)
Population Source – census2011.co.in
झांसी के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Jhansi )
- धार्मिक स्थल – सेंट जुडेस चर्च, बरुसागर
- प्रसिद्ध स्थल – रानी लक्ष्मी बाई के महल, राज्य संग्रहालय, झांसी का किला, पारीछा बाँध
- उद्योग – विद्युत उद्योग, पेट्रोलियम उद्योग, सीमेंट उद्योग, थर्मल पावर प्लांट, आयुर्वेदिक उद्योग
Notes –
- प्राचीन काल में झाँसी, छेदी राष्ट्र, जेजक भुकिट, झझोती और बुंदेलखंड क्षेत्र में से एक था।
- झांसी, चंदेल राजाओं का गढ़ था। बलवंत नगर इस स्थान का नाम था।
- 17 वीं शताब्दी में ओरछा के राजा बीर सिंह देव के शासनकाल में फिर से झाँसी की शोहरत बढ़ी। राजा बीर सिंह देव के मुगल सम्राट जहांगीर के साथ अच्छे संबंध थे।
- सन् 1613 में राजा बीर सिंह देव ने झाँसी किला का निर्माण किया। सन् 1627 में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र जुझार सिंह ने सिंहासन संभाला।
- सन् 1803 में ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा के बीच एक संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- सन् 1842 में राजा गंगाधर राव ने मणिकर्णिका से शादी की। विवाह के बाद मणिकर्णिका को नया नाम लक्ष्मी बाई दिया गया, जिसने सन् 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ सेना का नेतृत्व किया। उन्होंने सन् 1858 में भारतीय स्वतंत्रता के कारण अपना जीवन बलिदान किया।
- सन् 1861 में ब्रिटिश सरकार ने झांसी किला और झांसी शहर को जीवाजी राव सिन्धिया को दिया।
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