CBSE conducted the CTET (Central Teacher Eligibility Test) Exam Paper held on 07th July 2019 Evening Shift. Here The CTET Paper – II Part – IV Language – I (Hindi) Question Paper with Answer Key. CTET July 2019 Answer Key.
CTET (Central Teachers Eligibility Test)
Paper – II Junior Level (Class 6 to Class 8)
परीक्षा (Exam) – CTET Paper II Junior Level (Class VI to VIII)
भाग (Part) – Part – IV भाषा – I हिन्दी (Language – I Hindi)
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
Paper Set – Y
परीक्षा तिथि (Exam Date) – 07th July 2019 (Evening Shift 02:00 PM – 04:30 PM)
Read Also …
- CTET 2019 Paper – II – Part – I – बाल विकास और शिक्षा-शास्त्र (हिंदी)
- CTET 2019 Paper – II – Part – I – Child Development and Pedagogy (English)
- CTET 2019 Paper – II – Part – II – गणित और विज्ञान (Mathematics and Science)
- CTET 2019 Paper – II – Part – III – सामाजिक अध्ययन / सामाजिक विज्ञान (Social Studies/Social Science)
- CTET 2019 Paper – II – Part – IV – Language – I (English)
- CTET 2019 Paper – II – Part – V – Language – II (English)
- CTET 2019 Paper – II – Part – V – Language – II हिंदी (Hindi)
CTET Exam July 2019 Paper – 2 (Junior Level)
Part – IV – भाषा – I हिन्दी (Language – I Hindi)
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न 91 से 99 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :
आज शिक्षक की भूमिका उपदेशक या ज्ञानदाता की-सी नहीं रही । वह तो मात्र एक प्रेरक है कि शिक्षार्थी स्वयं सीख सकें । उनके किशोर मानस को ध्यान में रखकर शिक्षक को अपने शिक्षण कार्य के दौरान अध्ययनअध्यापन की परंपरागत विधियों से दो कदम आगे जाना पड़ेगा, ताकि शिक्षार्थी समकालीन यथार्थ और दिनप्रतिदिन बदलते जीवन की चुनौतियों के बीच मानवमूल्यों के प्रति अडिग आस्था बनाए रखने की प्रेरणा ग्रहण कर सके। पाठगत बाधाओं को दूर करते हुए विद्यार्थियों की सहभागिता को सही दिशा प्रदान करने का कार्य शिक्षक ही कर सकता है।
भाषा शिक्षण की कोई एक विधि नहीं हो सकती। जैसे मध्यकालीन कविता में अलंकार, छंदविधान, तुक आदि के प्रति आग्रह था किंतु आज लय और प्रवाह का महत्त्व है । कविता पढ़ाते समय कवि की युग चेतना के प्रति सजगता समझना आवश्यक है। निबंध में लेखक के दृष्टिकोण और भाषा-शैली का महत्त्व है और शिक्षार्थी को अर्थग्रहण की योग्यता का विकास जरूरी है। कहानी के भीतर बुनी अनेक कहानियों को पहचानने और उन सूत्रों को पल्लवित करने का अभ्यास शिक्षार्थी की कल्पना और अभिव्यक्ति कौशल को बढ़ाने के लिए उपयोगी हो सकता है । कभी-कभी कहानी का नाटक में विधा परिवर्तन कर उसका मंचन किया जा सकता है।
मूल्यांकन वस्तुत: सीखने की ही एक प्रणाली है, ऐसी प्रणाली जो रटंत प्रणाली से मुक्ति दिला सके । परंपरागत साँचे का अनुपालन न करे, अपना ढाँचा निर्मित कर सके । इसलिए यह गाँठ बाँध लेना आवश्यक है कि भाषा और साहित्य के प्रश्न बँधे-बँधाए उत्तरों तक सीमित नहीं हो सकते । शिक्षक पूर्वनिर्धारित उत्तर की अपेक्षा नहीं कर सकता । विद्यार्थियों के उत्तर साँचे से हटकर किंतु तर्क संगत हो सकते हैं और सही भी। इस खुलेपन की चुनौती को स्वीकारना आवश्यक है।
91. विद्यार्थी के लिए अनुच्छेद में प्रयुक्त अन्य पर्यायवाची शब्द हैं
(1) सहभागी, परीक्षार्थी
(2) किशोर, मानस
(3) अध्यापक, अध्येता
(4) शिक्षार्थी, छात्र
Click to show/hide
92. ‘सहभागिता’ शब्द का निर्माण किस उपसर्ग और प्रत्यय से हुआ है ?
(1) स इता
(2) सह इता
(3) स ता
(4) सह ता
Click to show/hide
93. अनुच्छेद में प्रयुक्त ‘समकालीन’ शब्द का सबसे उपयुक्त अर्थ होगा
(1) समसामयिक
(2) वर्तमान
(3) आधुनिक
(4) आकस्मिक
Click to show/hide
94. कौन-सा कथन आज के शिक्षक की भूमिका के बारे में सत्य नहीं हैं ?
(1) शिक्षक विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित करता है।
(2) मानव मूल्यों पर उसकी आस्था अडिग होती है।
(3) शिक्षक प्रेरक है, ज्ञानदाता नहीं ।
(4) परंपरागत शिक्षण विधियों को छोड़ा नहीं जा सकता।
Click to show/hide
95. शिक्षक से किस प्रकार की बाधाएँ दूर करने की अपेक्षा की गई है ?
(1) पाठ के भीतर से उभरने वाली
(2) पाठ्यक्रम से जुड़ी हुई
(3) पाठ पढ़ाते हुए आने वाली
(4) पाठ-प्रस्तुति से संबंधित
Click to show/hide
96. आधुनिक कविता में महत्त्वपूर्ण है।
(1) मानवीकरण और बिंबविधान
(2) लय और प्रवाह
(3) छंद और अलंकार
(4) भाषा और शैली
Click to show/hide
97. कहानी के द्वारा लेखन विद्यार्थियों में कल्पनाशीलता और अभिव्यक्ति की कुशलता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण गतिविधि हो सकती है।
(1) निहित कथासूत्रों का पल्लवन
(2) कहानी को मौखिक सुनाने का अभ्यास
(3) कहानी का वाचन
(4) कहानी का विधा-परिवर्तन
Click to show/hide
98. मूल्यांकन के बारे में सत्य नहीं है।
(1) उत्तर पहले से निर्धारित नहीं होते ।
(2) यह सीखने की ही एक विधि है।
(3) रटंत का अंत करता है।
(4) इसका निश्चित ढाँचा होता है।
Click to show/hide
99. समास की दृष्टि से कौन-सा पद शेष से भिन्न है ?
(1) अर्थ-ग्रहण
(2) युग-चेतना
(3) दिन-प्रतिदिन
(4) भाषा-शिक्षण
Click to show/hide
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 100 से 105 तक) के उत्तर दीजिए :
आकाश का साफ़ा बाँधकर
सूरज की चिलम खींचता
बैठा है पहाड़
घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी
पास ही दहक रही है
पलाश के जंगल की अँगीठी
अंधकार दूर पूर्व में
सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा
अचानक बोला मोर
जैसे किसी ने आवाज दी –
‘अजी सुनते हो ।’
चिलम औंधी
धुआँ उठा
सूरज डूबा
अँधेरा छा गया ।
100. “सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा” – किस विकल्प में सभी शब्द ‘गल्ला’ के समानार्थी हैं ?
(1) रेवड़, झुंड, भीड़, रेला
(2) भीड़भाड़, रेलमपेल, भगदड़, झुरमुट
(3) समूह, भीड़, दर्शक, झुंड
(4) गल्ला, सौदा, माल, गोदाम
Click to show/hide
101. कविता में दो समानार्थी शब्द हैं :
1. अंधकार
2. अँधेरा
इन दोनों के बारे में कौन-सा कथन सत्य है ?
(1) पहला तद्भव है।
(2) दूसरा तद्भव है।
(3) दोनों तत्सम हैं।
(4) दोनों तद्भव हैं।
Click to show/hide
102. शाम का सजीव चित्रण करने के लिए किस रूपक को अनुपयुक्त माना जा सकता है ?
(1) मोर की आवाज़
(2) जंगल की अँगीठी
(3) सूरज की चिलम
(4) आकाश का साफ़ा
Click to show/hide
103. पलाश वन को अँगीठी कहा गया है क्योंकि
(1) पलाश की लकड़ी जलाने के काम आती है।
(2) खिले पलाश के वन आग के समान दिखते है।
(3) पलाश ग्रीष्म ऋतु में फूलता है।
(4) जंगल में आग लगी होती है।
Click to show/hide
104. अंधकार के सिमटकर बैठे होने का कारण है।
(1) अभी सूर्यास्त नहीं हुआ।
(2) स्थान का अभाव है।
(3) अभी सूर्योदय नहीं हुआ।
(4) किसान आग सेंक रहा है।
Click to show/hide
105. अचानक तुरत-फुरत घटनाएँ होने का कारण है
(1) अँधेरा छा जाना
(2) भेड़ों का बिखर जाना
(3) ‘सुनते हो’ की आवाज़
(4) सूरज का डूबना
Click to show/hide