पेशावर कांड (Peshawar Kand) पेशावर कांड (Peshawar Kaand) की घटना ने गढ़वाल में सविनय अवज्ञा आन्दोलन को मजबूत गति प्रदान की। सन् 1930 के वर्ष में गढ़वाल की तीसरी बटालियन
डाडामण्डी में आन्दोलन (Movement in Dadamandi) उदयपुर और गुजडू के बाद भारत छोड़ो आन्दोलन डाडामण्डी क्षेत्र में प्रारम्भ हुआ। डाडामण्डी क्षेत्र के अन्तर्गत ही मिडिल स्कूल मटियाली के प्रधानाचार्य उमराव
गुजडू आन्दोलन (Gujadu Movement) गुजडू दक्षिण गढ़वाल का एक ग्रामीण इलाका है। यहाँ कांग्रेस को संगठित किया जाता था तथा आन्दोलन में भाग लेने वाले स्वयं सेवको की भर्ती के
सल्ट क्रांति (Salt Revolution) अल्मोड़ा का सल्ट क्षेत्र उस समय बहुत ही पिछड़ा था। इस क्षेत्र में पटवारी अफसरों को घूस देकर तबादला करवाते थे। गाँव में पहली बार पहुँचने
कंकोड़ाखाल आन्दोलन चमोली तहसील में आन्दोलन की बागडोर अनुसूया प्रसाद बहुगुणा को सौपी गयी थी। 1921 में नवयुवकों का एक सम्मेलन श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित किया गया। दशजूला पटटी के
कुली बेगार और कुली बरदायष (Coolie Labor and Coolie Bardayash Movement) कुली–बेगार (Coolie Begar) में ब्रिटिश अधिकारियों की निःशुल्क सेवा करनी पड़ती थी एवं कुली-बरदायष (Coolie Bardayash) में खाद्य सामग्री
उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज पदार्थ इस प्रकार है – खनिज स्थान चूना पत्थर देहरादून, पिथौरागढ़, टिहरी, चमोली संगमरमर देहरादून, नैनी ताल व टिहरी में
उत्तराखण्ड राज्य में होने वाले प्रमुख त्यौहार एवं मेले (Fairs and Festival Held in Uttarakhand State) अल्मोड़ा में होने वाले प्रमुख मेले (Major Fairs held in Almora) बिनाथेश्वर मेला जागेश्वर का
उत्तराखण्ड राज्य की महत्वपूर्ण जल परियोजनाएं (Important Water Projects in Uttarakhand State) उत्तराखंड राज्य के विभिन्न नदियों में बने हुए महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं के नाम व जनपदों के नाम
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