Uttarakhand LT Exam Paper 2015 (Hindi) Answer Key

Uttarakhand LT Exam Paper 2015 (Hindi) Answer Key

161. ‘माया महाठगिनि हम जानी’ किस कवि की पंक्ति है ?
(A) तुलसीदास
(B) जायसी
(C) कबीरदास
(D) रहीम

Show Answer/Hide

Answer – (C)

162. ‘स्वयंभू’ के रामकथा काव्य का क्या नाम है ?
(A) पउमचरिअ
(B) गाथासप्तशती
(C) उत्तरपुराण
(D) कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (A)

163. सन्त काव्य में किस रस की प्रधानता है ?
(A) भक्ति रस
(B) शृंगार रस
(C) करुण रस
(D) शान्त रस

Show Answer/Hide

Answer – (D)

164. गौड़ीय सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?
(A) चैतन्य महाप्रभु
(B) निम्बार्काचार्य
(C) शंकराचार्य
(D) हितहरिवंश

Show Answer/Hide

Answer – (A)

165. सुमेलित कीजिए
सूची I              सूची II
(a) अनामिका  (1) 1923 ई.
(b) आराधना   (2) 1932 ई.
(c) रश्मि         (3) 1953 ई.
(d) बेला          (4) 1946 ई.
कूट
(a) (b) (c) (d)
(A) 1 3 2 4
(B) 1 2 3 4
(C) 3 2 1 4
(D) 4 3 1 2

Show Answer/Hide

Answer – (A)

166. तुलसीदास के बचपन का नाम था
(A) तुलाराम
(B) रामबोला
(C) निरंजनदास
(D) हरिबोला

Show Answer/Hide

Answer – (B)

167. रीतिमुक्त कवि हैं
(A) भिखारीदास
(B) ग्वाल
(C) द्विजदेव
(D) मतिराम

Show Answer/Hide

Answer – (C)

168. रीतिकाव्य के प्रमुख भेदों में यह नहीं आता –
(A) रीतिबद्ध
(B) रीतिमुक्त
(C) रीतिसिद्ध
(D) A तथा B दोनों

Show Answer/Hide

Answer – (B)

169. कालक्रमानुसार रीतिकाल का ‘प्रथम कवि’ किसे माना जाता है ?
(A) बिहारी
(B) चिन्तामणि
(C) पद्माकर
(D) केशवदास

Show Answer/Hide

Answer – (D)

170. कालक्रम निर्धारित कीजिए
(A) बिहारी, घनानन्द, मतिराम, केशव
(B) केशव, मतिराम, बिहारी, घनानन्द
(C) घनानन्द, केशव, बिहारी, मतिराम
(D) उपरोक्त में कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (B)

171. शुद्धाद्वैत के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?
(A) रामानुजाचार्य
(B) निम्बार्काचार्य
(C) वल्लभाचार्य
(D) स्वामी हरिदास

Show Answer/Hide

Answer – (C)

निर्देश : (प्र. सं. 172-179) नीचे दिए गए प्रश्नांशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
कूट
(A) A और R दोनों सही हैं
(B) A सही, R गलत है
(C) A गलत, R सही है
(D) A और R दोनों गलत हैं

172.
स्थापना (A): निर्गुण भक्ति निराकार की भक्ति है।
तर्क (R): निर्गुण भक्ति में कोई आलम्बन नहीं होता है।

Show Answer/Hide

Answer – (C)

173.
स्थापना (A) :
निर्गुण भक्ति में ‘नामजप’ की साधना

तर्क (R) : नाम ही भक्ति व मुक्ति का दाता है।

Show Answer/Hide

Answer – (A)

174.
स्थापना (A) : निर्गुण भक्ति में मानसिक भक्ति पर बल दिया नहीं जाता है।
तर्क (R): मानसिक जप आडम्बर रहित नहीं होता है।

Show Answer/Hide

Answer – (D)

175.
स्थापना (A) : निर्गुण भक्ति में प्रेम का विशेष स्थान
तर्क (R) : प्रेम के बगैर भक्ति सम्भव नहीं है।

Show Answer/Hide

Answer – (A)

176.
स्थापना (A) : शाण्डिल्य के अनुसार भक्ति शुद्ध राग तिकता वृत्ति है।
तर्क (R) : भक्ति भाव अपने पर भवचक्र का बन्धन करता है।

Show Answer/Hide

Answer – (A)

177.
स्थापना (A): सन्त काव्य धारा का आधार निर्गण ब्रह्म है।
तर्क (R) : इस धारा को ज्ञानमार्गी धारा नहीं कहते हैं।

Show Answer/Hide

Answer – (B)

178.
स्थापना (A) : गुरुनानक देव जी सिक्ख धर्म के प्रवर्तक थे।
तर्क (R): सिक्ख धर्म निर्गुण ब्रह्म को नहीं मानता है।

Show Answer/Hide

Answer – (B)

179.
स्थापना (A) : सन्त दादू की विचारधारा कबीर से नहीं मिलती है।
तर्क (R) : दादू निर्गुण भक्त थे।

Show Answer/Hide

Answer – (C)

180. सुमेलित कीजिए
सूची I                      सूची II
(a) विशिष्टाद्वैतवाद     (1) चैतन्य महाप्रभु
(b) द्वैतवाद                (2) रामानुजाचार्य
(c) शुद्धाद्वैतवाद         (3) मध्वाचार्य
(d) गौड़ीय सम्प्रदाय   (4) वल्लभाचार्य
कूट
(a) (b) (c) (d)
(A) 2 3 4 1
(B) 1 2 3 4
(C) 2 3 1 4
(D) 3 1 2 4

Show Answer/Hide

Answer – (A)

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!