UTET Exam 06 Nov 2019 Paper – 1 (Language II – Hindi) (Official Answer Key) | TheExamPillar
UTET Paper I 2019 Answer Key

UTET Exam 06 Nov 2019 Paper – 1 (Language II – Hindi) (Official Answer Key)

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद् (UBSE – Uttarakhand Board of School Education) द्वारा 06 नवम्बर 2019 को UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) की परीक्षा का आयोजन किया गया। UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) Exam Paper 2019 – भाषा द्वितीय – हिंदी की उत्तरकुंजी (Language Second – Hindi Part Answer Key).

UBSE (Uttarakhand Board of School Education) Conduct the UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) 2019 Exam on 06 November 2019. Here UTET Paper 1 Language Second – Hindi Subject Paper with Answer Key.

UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test) Primary Level
(Class 1 to Class 5)

Exam :−  UTET (Uttarakhand Teachers Eligibility Test)
Part :− भाषा द्वितीय – हिंदी (Language Second – Hindi)
Organized
by : UBSE

Number of Question : 30
Exam Date :– 06th November 2019

Read Also …..

UTET Primary Level Paper  Link
UTET Exam 2019 – Paper – 1 (Child Development and Pedagogy)  Click Here
UTET Exam 2019 – Paper – 1 (Language – I : Hindi)  Click Here
UTET Exam 2019 – Paper – 1 (Language – II : Hindi)  Click Here
UTET Exam 2019 – Paper – 1 (Language – I : English)  Click Here
UTET Exam 2019 – Paper – 1 (Language – II : English)  Click Here
UTET Exam 2019 – Paper – 1 (Language – II : Sanskrit)  Click Here
UTET Exam 2019 – Paper – 1 (Mathematics)  Click Here
UTET Exam 2019 – Paper – 1 (Environmental Studies)  Click Here

UTET Exam 2019 Paper – 1 (Primary Level) Answer Key
Part –
भाषा द्वितीय – हिंदी (Language Second – Hindi)

निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (61 से 64 तक) के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए –

अनन्त रूपों में प्रकृति हमारे सामने आती है- कहीं मधुर, सुसज्जित या सुन्दर रूप में; कहीं रूखे बेडौल या कर्कश रूप में; कहीं भव्य, विशाल या विचित्र रूप में; कहीं उग्र, कराल या भयंकर रूप में। सच्चे कवि का हृदय उसके इन सब रूपों में लीन होता है, क्योंकि उसके अनुराग का कारण अपना खास सुख भोग नहीं, बल्कि चिर साहचर्य द्वारा प्रतिष्ठित वासना है जो केवल प्रफुल्ल प्रसून प्रसाद के सौरभ संचार, मकरंद लोलुप मधुप-गुञ्जार, कोकिल-कूजित निकुञ्ज और शीतल सुख-स्पर्श समीर इत्यादि की चर्चा किया करते हैं, वे विषयी या भोगलिप्सु हैं। इसी प्रकार जो केवल मुक्ताभास हिमबिन्दु मण्डित मरकताभ-शाद्वल-जाल, अत्यन्त विशाल गिरि शिखर से गिरते हुए जलप्रपात के गम्भीर गर्त से उठी हुई सीकर-नीहारिका के बीच विविधवर्ण स्फुरण की विशालता, भव्यता और विचित्रता में ही अपने हृदय के लिए कुछ पाते है, वे तमाशबीन हैं- सच्चे भावुक या सहृदय नहीं।

61. लेखक के अनुसार एक सच्चे कवि का हृदय किस ओर लीन माना गया है –
(A) मानवता की सेवा में
(B) प्रकृति चित्रण में
(C) साहित्य रचना में
(D) उच्चाकाँक्षाओं को प्राप्त करने में

Show Answer/Hide

Answer – (B)

62. लेखक ने प्रकृति के किस-किस रूप को काव्य के लिए आवश्यक माना है।
(A) मधुर और सुसज्जित रूप को
(B) कठोर और असुन्दर रूप को
(C) कोमल और कठोर रूप को
(D) सहज और स्वाभाविक रूप को

Show Answer/Hide

Answer – (C)

63. लेखक ने प्रकृति के कोमल एवं मधुर रूप का वर्णन करने वालों को क्या कहकर सम्बोधित किया है?
(A) भोगलिप्सु
(B) सच्चा भावुक हृदय कवि
(C) उदार हृदय
(D) साहित्य प्रेमी

Show Answer/Hide

Answer – (A)

64. प्रकृति को ‘चिर-सहचरी’ की संज्ञा क्यों दी गयी है?
(A) प्रकृति के नाना उपादानों से प्रेम भावना के कारण
(B) जन्म से साथ रहने के कारण
(C) प्रकृति-प्रेम के कारण
(D) सम्पूर्ण जगत से प्रेम-भाव के कारण

Show Answer/Hide

Answer – (B)

निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (65 से 68 तक) के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए –

जिसे संसार दुःख कहता है, वही कवि के लिए सुख है। धन और ऐश्वर्य, रूप और बल, विद्या और बुद्धि, ये विभूतियाँ संसार को चाहे कितना मोहित कर लें, कवि के लिए यहाँ जरा भी आकर्षण नहीं है, उसके मोद और आकर्षण की वस्तु तो बुझी हुई आशाएँ और मिटी हुई स्मृतियाँ और टूटे हुए हृदय के आँसू हैं। जिस दिन इन विभूतियों में उसका प्रेम न रहेगा, उस दिन वह कवि न रहेगा। दर्शन जीवन के इन रहस्यों से केवल विनोद करता है। कवि उनमें लय हो जाता है।

65. लेखक के अनुसार अच्छे कवि में किस गुण का होना आवश्यक है
(A) दार्शनिकता
(B) धर्म के प्रति आस्था
(C) विद्वान
(D) एक श्रेष्ठ चिंतक

Show Answer/Hide

Answer – (A)

66. लेखक ने बुझी हुई आशाओं, मिटी हुई स्मृतियों और टूटे हुए हृदय के आँसुओं को क्या माना है
(A) कवि का विकर्षण
(B) कवि के आकर्षण का केन्द्र
(C) जीवन का सत्य
(D) साधारण व्यक्ति का आकर्षण

Show Answer/Hide

Answer – (B)

67. कवि जीवन के किन पक्षों से उद्वेलित होकर काव्य रचना करता है
(A) भौतिक सुख सुविधाओं से आकर्षित होकर
(B) जीवन की समस्याओं और दुःखों को स्वयं में लीन करके
(C) दार्शनिक तत्वों का ज्ञान प्राप्त करके
(D) जीवन की समस्याओं से पलायन करके

Show Answer/Hide

Answer – (B)

68. एक श्रेष्ठ कवि में श्रेष्ठ कवित्व के गुणों का अंत कब होता है?
(A) जब वह लोगों की बुझी आशाओं, विखंडित स्मृतियों तथा दुःखी हृदय के आँसुओं को न समझे।
(B) साधारण परिस्थितियों को दुःख का कारण मानने लगे।
(C) काव्य की सृष्टि धन, वैभव तथा ऐश्वर्य हेतु करे।
(D) इनमें से कोई नहीं।

Show Answer/Hide

Answer – (A)

69. औचित्य सिद्धान्त के अधिष्ठाता आचार्य कौन हैं?
(A) आनंदवर्धन
(B) वामन
(C) कुन्तक
(D) क्षेमेन्द्र

Show Answer/Hide

Answer – (D)

70. ‘परिमल’ रचना के कवि हैं –
(A) माखनलाल चतुर्वेदी
(B) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(C) महादेवी वर्मा
(D) सुभद्राकुमारी चौहान

Show Answer/Hide

Answer – (B)

71. बाल्मीकि रामायण में किस भाषा का प्रयोग किया गया है?
(A) हिन्दी
(B) संस्कृत
(C) अवधी
(D) ब्राह्मी

Show Answer/Hide

Answer – (B)

72. ‘सरस्वती’ पत्रिका का संपादन किसने किया?
(A) पं. महावीर प्रसाद द्विवेदी
(B) बाबू श्याम सुन्दर दास
(C) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(D) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

Show Answer/Hide

Answer – (A)

73. पुष्टिमार्गीय भक्ति सम्प्रदाय के संस्थापक कौन थे?
(A) श्री रामानुजाचार्य
(B) श्री बल्लभाचार्य
(C) श्री मध्वाचार्य
(D) श्री निम्बार्काचार्य

Show Answer/Hide

Answer – (B)

74. ‘वाक्यं रसात्मकम् काव्यम्’ उक्त कथन किस आचार्य का है?
(A) जगन्नाथ
(B) भामह
(C) विश्वनाथ
(D) भरतमुनि

Show Answer/Hide

Answer – (C)

75. ‘खीर’ शब्द का तत्सम है
(A) ओदन
(B) क्षार
(C) क्षीर
(D) इनमें से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (C)

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!