उत्तराखण्ड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा (सामान्य तथा महिला शाखा)
द्वितीय चरण (विषयवार लिखित परीक्षा – वस्तुनिष्ठ प्रकार) पाठ्यक्रम
विषय |
प्रश्नों की संख्या | अधिकतम अंक | समय अवधि |
संस्कृत | 200 | 200 | 03 घण्टे |
नोटः- लिखित परीक्षा में मूल्यांकन हेतु ऋणात्मक पद्धति प्रयुक्त की जाएगी।
परीक्षा पाठ्यक्रम (संस्कृत)
1. वैदिक साहित्य
वैदिक साहित्य का इतिहास
वैदिक काल-निर्धारण के विषय में विभिन्न सिद्धान्त – मैक्समूलर ए० बेबर; जैकोबी; बालगंगाधर तिलक; एम्० विन्टरनिट्ट्ट्ज एवं भारतीय परम्परागत विचार।
वेदांग
वेदांगों का सामान्य एवं संक्षिप्त परिचय
शिक्षा; कल्प; व्याकरण; निरुक्त; छन्द; ज्योतिष ।
निरुक्त (अध्याय 1 और 2)
चार पद- नाम का विचार; आख्यात का विचार, उपसर्गों का अर्थ निपातों की कोटियाँ ।
क्रिया के छः रूप (षड्भावविकार)
निरुक्त के अध्ययन के उद्देश्य निर्वचन के सिद्धान्त
निम्नलिखित शब्दों की व्युत्पत्तियाँ
आचार्य, गो, वृत्र, आदित्य, वाक्, नदी, पुत्र, अश्व, अग्नि, जातवेदस्, वैश्वानर, निघण्टु ।
देवता
ऋग्वेद – अग्नि 1.1; 5.8s सवितृ 1.35; 2.38; इन्द्र 1.32; 2.12, रुद्र 1.114, पुरुष सूक्त 10.121; नासदीय 10.129; हिरण्यगर्भ 10.121;
यजुर्वेद – शिवसंकल्प सूक्त 34.1-6;
अथर्ववेद – भूमि सूक्त 12.1;
विषय – वस्तु
संहिता – सामान्य परिचय
ब्राह्मणग्रन्थ – सामान्य परिचय
आरण्यकग्रन्थ – सामान्य परिचय
उपनिषद् – ईश, केन, कठ, तैत्तिरीय, बृहदारण्यक
वैदिक व्याख्या पद्धति – प्राचीन एवं अर्वाचीन वैदिक एवं लौकिक संस्कृत में अन्तर ।
2. दर्शन
ईश्वरकृष्ण की सांख्यकारिका – सत्कार्यवाद; पुरुष-स्वरूप; प्रकृति स्वरूप; सृष्टि – क्रम; प्रत्ययसर्ग एवं कैवल्य ।
सदानन्द का वेदान्तसार – अनुबन्ध-चतुष्ट्य; अज्ञान; अध्यारोप- अपवाद; विवर्त; जीवनमुक्ति।
केशवमिश्र की तर्कभाषा – पदार्थ; कारण; प्रमाण- प्रत्यक्ष; अनुमान; उपमान; एवं शब्द प्रमाण। जैन दर्शन एवं बौद्धदर्शन का सामान्य अध्ययन।
3. व्याकरण
परिभाषाएं – संहिता; गुण; वृद्धि; प्रातिपदिक; नदी; घि; उपधा; अपृक्त; गति; पद; विभाषा; सवर्ण; टि; प्रगृह्य; सर्वनामस्थान; निष्ठा ।
शब्द रूप- अजन्त हलन्त, सर्वनाम एवं संख्यावाचक शब्द ।
धातु रूप – परस्मैपदी, आत्मनेपदी एवं उभयपदी ।
प्रत्यय – कृत एवं तद्धित प्रत्यय ।
कारक – लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार
समास – लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार
सन्धि – लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार
4. संस्कृत एवं उत्तराखण्ड का आधुनिक संस्कृत साहित्य तथा काव्यशास्त्र
पद्य – रघुवंश; मेघदूत; किरातार्जुनीय; शिशुपालवध; नैषधीयचरित; बुद्धचरित – सामान्य परिचय
गद्य – दशकुमारचरित; हर्षचरित; कादम्बरी; भीष्मचरित; गंगापुत्रावदान – सामान्य परिचय
नाटक – स्वप्नवासवदत्ता; अभिज्ञानशाकुन्तल; मृच्छकटिक; उत्तररामचरित; मुद्राराक्षस; रत्नावली; वेणीसंहार – सामान्य परिचय
काव्यशास्त्र
साहित्यदर्पण
काव्य की परिभाषा
काव्य की अन्य परिभाषाओं का खण्डन
शब्दशक्ति – संकेतग्रह; अभिधा; लक्षणा; व्यंजना
रस (रस-भेद स्थायी भावों सहित )
रूपक के प्रकार
नाटक के लक्षण
महाकाव्य के लक्षण
अन्य
रामायण; महाभारत; पुराण; मनुस्मृति; याज्ञवल्क्यस्मृति (व्यवहाराध्याय); कौटिलीय अर्थशास्त्र