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Kumaon Commissioner in hindi

उत्तराखंड के कुमाऊँ कमिश्नर (Kumaon Commissioner of Uttarakhand)

1815 में गोरखों को पराजित करने के उपरान्त कम्पनी ने सिगौली की संधि से कुमाऊँ तथा गढ़वाल को ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा शासित क्षेत्र के अन्तर्गत ले लिया गया ओर एक पृथक प्रशासनिक इकाई के रूप में कुमाऊँ कमिश्नरी (Kumaon Commissioner) का गठन हुआ। भारत के आजादी तक उत्तराखंड में 24 कुमाऊँ कमिश्नर (Kumaon Commissioner) हुए है।

उत्तराखंड के कुमाऊँ कमिश्नर
(Kumaon Commissioner of Uttarakhand)

1. ई0 गार्डनर (सन् 1815 – 16 ई०)

  • ई0 गार्डनर कुमाँऊ के प्रथम कमिश्नर थे 
  • पहला ब्रिटिश कालीन भूमि बंदोबस्त
  • अल्मोड़ा से श्रीनगर तक डाक व्यवस्था लागू की

2. जी0 डब्ल्यू ट्रेल (सन् 1816 – 30 ई०)

  • कुमाऊँ का प्रथम वास्तविक कमिश्नर
  • 1816 में सम्पूर्ण उत्तराखंड में डाक सेवा लागू की
  • 1816 में अल्मोड़ा जेल की स्थापना की
  • 1817 में दून को सहारनपुर में शामिल किया
  • 1819 में पटवारी पद का सृजन किया
  • 1821 में पौड़ी जेल की स्थापना की
  • 1822 में कुमाँऊ में आबकारी विभाग की स्थापना
  • 1823 में कुमाऊँ के 26 परगनों में विभाजित किया
  • विलियम ट्रेल के शासन काल मे अस्सीसाला भूमि बंदोबस्त किया गया
  • कुमाँऊ की सीमा का प्रथम बार निर्धारण

3. कर्नल गोबन (सन् 1830 – 39 ई०)

  • दास प्रथा, बाल विक्रय व महिला विक्रय प्रथा का अंत किया व अपराध घोषित किया

4. लशिगटन (सन् 1839 – 47 ई०)

  • ब्रिटिश गढ़वाल जो सन् 1815 से सन् 1839 तक कुमाऊँ कमिश्नरी की एक तहसील था, को सन् 1839 में जनपद का दर्जा मिला और अपनी जलवायु के अनुकूल अंग्रेज़ श्रीनगर से मुख्यालय पौड़ी ले गये। कुमाऊँ व गढ़वाल जिलों के लिये अलग-अलग असिस्टेंट कमिश्नरों की नियुक्ति की गई। 

5. जे0 एन0 बैटन (सन् 1848 – 56 ई०)

  • 1854 में नैनीताल को कुमाँऊ कमिश्नरी का मुख्यालय बनाया गया
  • बैटन के शासन के आरम्भ में दास प्रथा का अन्त कर दिया गया।
  • भूमापन का कार्य नये सिरे से आरम्भ हुआ।
  • इनके शासन काल को कुमाँऊ कमिश्नरी का स्वर्ण काल भी कहा जाता है

6. सर हैनरी रामजे (सन् 1856 – 84 ई०)

  • हैनरी रैमजे स्कॉटलैंड का निवासी था और डलहौजी के चचेरे भाई थे
  • रामज़ै के कार्यकाल में सन् 1857 ई. को भारत की स्वतन्त्रता का आन्दोलन हुआ था।
  • इनके शासन काल को ब्रिटिश काल का स्वर्ण काल कहा जाता है
  • कुमाँऊ का बेताज बादशाह कहा जाता है
  • कुमाँऊ में राजा रामजी के नाम से प्रसिद्ध थे
  • कुमाँऊ के सबसे लोकप्रिय कमिश्नर थे
  • 1863 में बिकेट बंदोबस्त (10वां भूमि बंदोबस्त) किया गया जिसमें पहली बार वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग किया गया
  • सन् 1872 में पहली कार्ट सड़क रामनगर तथा रानीखेत को जोड़ती हुयी बनायी गयी।
  • सन् 1884 में काठगोदाम तक रेलमार्ग को बनाया गया।
  • रामज़ै ने पहली बार कुमाऊँ में आलू की खेती की शुरूआत करायी। 

7. फिशर (सन् 1884 – 85 ई०)

8. एच० जी० रौस (सन् 1885 – 87 ई०)

  • 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई
  • 1887 में गढ़वाल राइफल की स्थापना हुई

9. जे0 आर0 ग्रिग (सन् 1888 – 89 ई0)

  • 1889 में हतियारों को रखने के लिए लाइसेंस नीति अपनाई

10. जी0 ई0 अर्सकिन (सन् 1889 – 92 ई०)

  • 1891 में नैनीताल जनपद के गठन हुआ

11. डी0 टी0 रौबर्ट्स (सन् 1892 – 94 ई०)

  • 1894 ई० में वन नीति लागू की
  • 1893 में मुक्तेश्वर में पशु अनु० संस्थान की स्थापना

12. ई0 ई0 ग्रिज (सन् 1894 – 98 ई०)

  • 1897 ई० में पहली बार पृथक उत्तराखंड प्रान्त की मांग महारानी विक्टोरिया के समकक्ष रखी गयी

13. आर0 ई0 हैम्बलिन (सन् 1899 – 1902 ई०)

  • 1899-1900 ई० में दून में रेल का आगमन
  • 1901 ई० गढ़वाल यूनियन की स्थापना
  • 1902-1903 ई० नैनीताल जेल की स्थापना

14. ए0 एम0 डब्लयू० शैक्सपियर (सन् 1903 – 05 ई०)

  • उत्तराखंड का प्रथम गढ़वाली समाचार पत्र का प्रकाशन 1905 ई० में हुआ

15. जे0 एस0 कैम्पवेल (सन् 1906 – 05 ई०)

  • 1906ई० ग्लोगी परियोजना का कार्य पूरा हुआ यह देश की सबसे पुरानी जल विद्युत परियोजना है
  • 1908 ई० कुली एजेंसी की स्थापना(जोधपुर सिंह नेगी द्वारा)
  • 1909 ई० में कुमाऊँ गवर्मेंट गार्डन की स्थापना हुई
  • 1912 ई० में अल्मोड़ा कांग्रेस की स्थापना
  • 1913 ई० में अल्मोड़ा में होमरूल लीग की स्थापना हुई

16. पर्सी विंढम (सन् 1914 – 24 ई०)

  • 1915 ई० में गांधी जी ने सर्वप्रथम हरिद्वार की यात्रा की
  • 1916 ई० में गांधी जी ने देहरादून की यात्रा की
  • 30 सितम्बर 1916 ई० में कुमाँऊ परिषद की स्थापना हुई
  • 1921ई० में कुली बेगार प्रथा का अंत हुआ
  • 1923 ई० में कुली एजेंसी की समाप्ति

17. एन0 सी0 स्टिप्फ (सन् 1925 – 31 ई0)

  • 1929ई० में नायक बालिका रक्षा कानून बना
  • 1929 ई० में गांधी जी ने कुमाँऊ की यात्रा की व हल्द्वानी,अल्मोड़ा ,बागेश्वर व कौसानी आदि स्थानों पर कई सभाएं की
  • 23 अप्रैल 1930 को पेशावर कांड हुआ
  • 30 मई 1930 ई० टिहरी रियासत में रंवाई कांड घटना घटित हुई

18. एल0 एम0 स्टब्स (सन् 1931 – 33 ई०)

19. एल0 ओ0 गोयन (सन् 1933 – 35 ई०)

20. ए0 डब्लयू इवटसन (सन् 1935 – 39 ई०)

  • 1937 ई० में अल्मोड़ा के चनोदा नामक स्थान पर शांति लाल त्रिवेदी ने गांधी आश्रम की स्थापना की

21. जी0 एल0 वीवियन (सन् 1939 – 41 ई०)

22. टी0 जे0 सी0 एक्टन (सन् 1941 – 43 ई०)

  • भारत मे भारत छोड़ो आंदोलन

23. डब्लयू० डब्लयू फिनले (सन् 1943 – 47 ई०)

24. के0 एल0 मेहता (सन् 1947 – 1948 ई०)

  • कुमाँऊ का प्रथम भारतीय कमिश्नर
  • कुमाँऊ कमिश्नरी स्वंतत्र

 

ब्रिटिश कालीन उत्तराखंड

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