RPSC Junior Legal Officer Exam 2019 Paper - II (Answer Key)

RPSC Junior Legal Officer Exam 2019 Paper – II (Answer Key)

21. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की निम्न में से कौन सी धारा में “पुनर्विलोकन” संबंधी प्रावधान
(1) धारा 112 में
(2) धारा 113 में
(3) धारा 114 में
(4) धारा 115 में

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Answer – (3)

22. निम्नलिखित में से कौन सा वाद संक्षिप्त प्रक्रिया द्वारा निस्तारित नहीं किया जा सकता ?
(1) विनिमय-पत्रों पर आधारित वाद
(2) वचन-पत्रों पर आधारित वाद
(3) संपत्ति के विभाजन के लिए वाद
(4) लिखित संविदा से उद्भुत ऋण वसूली के लिए वाद

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Answer – (3)

23. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की किस धारा में मूल डिक्री के विरुद्ध अपील के प्रावधान निहित
(1) धारा 96
(2) धारा 100
(4) धारा 113
(3) धारा 104

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Answer – (1)

24. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के ______ में अस्थाई व्यादेश संबंधी प्रावधान निहित हैं।
(1) आदेश XL
(2) आदेश XXX
(3) आदेश XLI
(4) आदेश XXXIX

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Answer – (4)

25. सिविल मामलों के संबंध में निम्न में से किस न्यायालय के पास पुनरीक्षण की शक्ति है ?
(1) जिला न्यायालय
(2) लघुवाद न्यायालय
(3) उच्च न्यायालय
(4) नगर सिविल न्यायालय

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Answer – (3)

26. निम्न में से कौन सा कथन सत्य नहीं है ?
(1) डिक्री का निष्पादन उसे पारित करने वाले न्यायालय द्वारा किया जा सकता है ।
(2) डिक्री उस न्यायालय द्वारा निष्पादित की जा सकती है जिसे वह निष्पादन के लिए भेजी गई है।
(3) डिक्री पारित करने वाला न्यायालय स्वप्रेरणा से उसे सक्षम अधिकारिता वाले किसी भी अधीनस्थ न्यायालय को निष्पादन के लिए भेज सकता है।
(4) न्यायालय जिसने डिक्री पारित की है, अपनी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के बाहर संपत्ति के विरुद्ध डिक्री का निष्पादन कर सकता है।

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Answer – (4)

27. निम्नलिखित में से कौन सा न्यायालय आज्ञापत्र जारी कर सकता है ?
(1) केवल उच्च न्यायालय
(2) न्यायालय जिसकी अधिकारिता में सम्पत्ति स्थित है।
(3) डिक्री पारित करने वाला न्यायालय
(4) केवल जिला न्यायालय

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Answer – (3)

28. यदि डिक्री, विधिक प्रतिनिधि के विरुद्ध निष्पादित की जाती है तो वह (विधिक प्रतिनिधि) किस हद तक दायी होगा ?
(1) डिक्री के निष्पादन के लिए उसकी निजी संपत्ति दायी होगी।
(2) मृतक की केवल वह सम्पत्ति दायी होगी, जो उसके हाथ में आई है और सम्यक् रूप से व्ययनित नहीं कर दी गई है।
(3) मृतक की केवल वह सम्पत्ति दायी होगी जो उसके हाथ में आई है और सम्यक रूप से व्ययनित कर दी गई है।
(4) वह दायी नहीं होगा भले ही मृतक की सम्पत्ति उसके हाथ में आई है।

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Answer – (2)

29. अन्तरित डिक्री निष्पादित करने वाले न्यायालय के पास निम्न में से कौन सी शक्ति नहीं है ?
(1) किसी अन्य न्यायालय को निष्पादन के लिए डिक्री भेजने की शक्ति
(2) मृत निर्णीत ऋणी के विधिक प्रतिनिधि के विरुद्ध डिक्री को निष्पादित करने की शक्ति
(3) डिक्री को कुर्क करने का आदेश देने की शक्ति
(4) डिक्री के अन्तरिती की प्रेरणा से निष्पादन का आदेश देने की शक्ति

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Answer – (4)

30. निम्न में से कौन सी सम्पत्ति डिक्री के निष्पादन के लिए कुर्क और विक्रय के लिए दायी नहीं होगी ?
(1) वैयक्तिक सेवा कराने का कोई अधिकार
(2) माल
(3) धन
(4) ऋण

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Answer – (1)

31. जहाँ किसी डिक्री के निष्पादन में स्थावर सम्पत्ति का विक्रय किया गया है और ऐसा विक्रय आत्यान्तिक हो गया है वहाँ कब से यह समझा जायेगा कि सम्पत्ति क्रेता में निहित हो गई है ?
(1) उस समय से जब विक्रय आत्यान्तिक हुआ।
(2) उस समय से जब सम्पत्ति का विक्रय हुआ ।
(3) उस समय से जब वाद संस्थित किया गया।
(4) उस समय से जब डिक्री पारित की गई।

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Answer – (2)

32. निम्नलिखित में से किस उद्देश्य के लिए न्यायालय कमीशन जारी कर सकता है ?
(1) किसी व्यक्ति की परीक्षा करने के लिए
(2) सम्पत्ति का विभाजन करने के लिए
(3) कोई मिनिस्ट्रियल कार्य करने के लिए
(4) इन सभी उद्देश्यों के लिए

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Answer – (4)

33. निम्न में से कौन सी सम्पत्ति डिक्री के निष्पादन के लिए कुर्क के लिए दायी होगी ?
(1) लेखा बहियाँ
(2) नुकसानी के लिए वाद लाने का अधिकार मात्र
(3) सरकारी प्रतिभूतियाँ
(4) भावी भरणपोषण का अधिकार

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Answer – (3)

34. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 35 ख संबंधित है
(1) विलम्ब कारित करने पर खर्चे से
(2) वाद के खर्चे से
(3) ब्याज से
(4) मिथ्या या तंग करने वाले दावों या प्रतिरक्षाओं के लिए प्रतिकारात्मक खर्चे से

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Answer – (1)

35. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 148 के अन्तर्गत न्यायालय कुल मिलाकर समय अवधि को कितना बढ़ा सकता है ?
(1) दस दिन से अधिक नहीं
(2) साठ दिन से अधिक नहीं
(3) नब्बे दिन से अधिक नहीं
(4) तीस दिन से अधिक नहीं

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Answer – (4)

36. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 3 संबंधित है
(1) धन संबंधी क्षेत्राधिकार से
(2) न्यायालयों की अधीनस्थता से
(3) परिभाषाओं से
(4) वाद को रोकने से

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Answer – (2)

37. निम्नलिखित में से किस नियम में यदि वाद खारिज हो जाता है तो वादी उसी वाद हेतुक के लिए नया वाद लाने से प्रवारित नहीं हो जाएगा ?
(1) आदेश IX, नियम 9
(2) आदेश XI, नियम 21
(3) आदेश XXII, नियम 9
(4) आदेश IX, नियम 3

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Answer – (4)

38. निम्नलिखित में से किस अधिनियम द्वारा धारा 148-क (केवियट दायर करने का अधिकार) को सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 में अन्तर्निर्दिष्ट किया गया ?
(1) 1999 के अधिनियम 46 द्वारा
(2) 1976 के अधिनियम 104 द्वारा
(3) 1956 के अधिनियम 66 द्वारा
(4) 2002 के अधिनियम 22 द्वारा

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Answer – (2)

39. सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 21 में न्यायालय का निम्न में से कौन सा क्षेत्राधिकार अन्तर्निहित नहीं है ?
(1) प्रादेशिक क्षेत्राधिकार
(2) धन संबंधी क्षेत्राधिकार
(3) निष्पादन करने वाले न्यायालय का क्षेत्राधिकार
(4) विषय-वस्तु संबंधी क्षेत्राधिकार

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Answer – (4)

40. निम्नलिखित में से किस व्यक्ति को सिविल प्रक्रिया के अन्तर्गत गिरफ्तार या निरुद्ध किया जा सकता है ?
(1) संसद के किसी सदन के अधिवेशन के चालू रहने के दौरान उस सदन का कोई सदस्य
(2) विधान परिषद् के किसी अधिवेशन के चालू रहने के दौरान उस परिषद् का कोई सदस्य
(3) वह स्त्री जिसे देश की रूढ़ियों और रीतियों के अनुसार लोगों के सामने आने के लिए विवश नहीं किया जाना चाहिए ।
(4) मजिस्ट्रेट जब वह अपने न्यायालय को जा रहा हो या पीठासीन हो।

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Answer – (3)

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