RPSC J. L. O. Exam 2019 Paper - II (Answer Key) | TheExamPillar
RPSC Junior Legal Officer Exam 2019 Paper - II (Answer Key)

RPSC Junior Legal Officer Exam 2019 Paper – II (Answer Key)

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC – Rajasthan Public Service Commission) द्वारा आयोजित कनिष्ठ विधि अधिकारी (J. L. O. – Junior Legal Officer) (विधि एवं विधिक कार्य विभाग) (TSP & NON TSP) की प्रतियोगिता परीक्षा 26 दिसंबर 2019 व 27 दिसंबर 2019 को संपन्न हुई थी। इस परीक्षा का द्वितीय प्रश्नपत्र (CPC & CRPC, etc) यहाँ पर उत्तर कुंजी सहित (Question Paper With Answer Key) उपलब्ध है –

पोस्ट (Post) :- Junior Legal Officer
विषय (Subject) :- Paper II – CPC & CRPC, etc

परीक्षा आयोजक (Organizer) :- RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित) 
परीक्षा तिथि (Exam Date) :- 26 December 2019 
कुल प्रश्न (Number of Questions) :- 150

RPSC Junior Legal Officer Exam paper 2019 (Answer Key)
Paper – II (CPC & CRPC, etc)

1. निम्नलिखित में से किस डिक्री के विरुद्ध अपील नहीं की जा सकती ?
(1) एक पक्षीय डिक्री
(2) जिला न्यायालय द्वारा पारित डिक्री
(3) पक्षकारों की सहमति से न्यायालय द्वारा पारित डिक्री
(4) उच्च न्यायालय द्वारा पारित डिक्री

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Answer – (3)

2. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 74 संबंधित है
(1) निष्पादन के प्रतिरोध से
(2) निवास-गृह में सम्पत्ति के अभिग्रहण से
(3) कृषि उपज को भागतः छूट से
(4) अनुरोध पत्र से

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Answer – (1)

3. सिविल न्यायालय की अधिकारिता कौन अभिनिर्धारित करता है ?
(1) वादी का अभिवचन
(2) प्रतिवादी का अभिवचन
(3) न्यायालय स्वयं
(4) साक्षी द्वारा दिया गया कथन

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Answer – (3)

4. “फेक्टा प्रोबेन्डा” से आशय है
(1) तथ्य जिनको साबित करने की आवश्यकता नहीं है।
(2) तथ्य जो पहले ही साबित हो चुके हैं ।
(3) तथ्य जो दूसरे तथ्यों को साबित करते हैं।
(4) तथ्य जिनको साबित करने की आवश्यकता

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Answer – (4)

5. किसी भी पक्षकार को वाद की सुनवाई के दौरान पर्याप्त हेतुक दर्शित करने पर कितनी बार स्थगन अनुदत किया जा सकता है ?
(1) दो बार
(2) तीन बार
(3) चार बार
(4) पाँच बार

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Answer – (2)

6. दरयाव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, ए.आई.आर. 1961 एस.सी. 1457 का वाद संबंधित है
(1) सिविल प्रकृति के वाद से
(2) निष्पादन प्रक्रिया के अन्तरण से
(3) स्थगन से
(4) प्राङ्ग न्याय के सिद्धान्त से

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Answer – (4)

7. निम्नलिखित में से किसकी अभिवचन में उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है ?
(1) दस्तावेज का प्रभाव
(2) सबूत का भार
(3) कपट के मामले में विशिष्टियाँ
(4) तात्त्विक तत्त्वों का कथन

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Answer – (2)

8. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की निम्न में से कौन सी धारा सिविल न्यायालयों को अन्तर्निहित शक्ति प्रदान करती है ?
(1) धारा 151
(2) धारा 144
(3) धारा 113
(4) धारा 115

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Answer – (1)

9. वह व्यक्ति जो अवयस्क की ओर से वाद संस्थित करता है, कहलाता है
(1) संरक्षक
(2) प्रतिनिधि
(3) वाद मित्र
(4) रिश्तेदार

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Answer – (3)

10. डिक्री के निष्पादन के लिए निर्णीत ऋणी के गिरफ्तारी के मामले में जीवन-निर्वाह भत्ते का भुगतान कौन करता है ?
(1) डिक्रीदार
(2) निर्णीत ऋणी
(3) न्यायालय
(4) राज्य सरकार

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Answer – (1)

11. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश XXIV में किसके द्वारा धनराशि का भुगतान किया जाता है ?
(1) वादी द्वारा
(2) प्रतिवादी द्वारा
(3) साक्षी द्वारा
(4) न्यायालय स्वयं द्वारा

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Answer – (2)

12. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश XXV के अन्तर्गत खर्चों के लिए प्रतिभूति कौन देता है ?
(1) प्रतिवादी
(2) साक्षी
(3) सह-प्रतिवादी
(4) वादी

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Answer – (4)

13. यदि कमिश्नर सिविल न्यायालय का न्यायाधीश नहीं है तो निम्न में से कौन सी शक्ति उसे प्रदत्त नहीं है ?
(1) सम्पत्ति को विभाजित करने की शक्ति
(2) शास्तियाँ अधिरोपित करने की शक्ति
(3) दस्तावेजों को मँगवाने एवं परीक्षण करने की शक्ति
(4) लेखाओं के परीक्षण की शक्ति

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Answer – (2)

14. जब न्यायालय द्वारा सिविल प्रक्रिया संहिता, – 1908 के आदेश XXV के अन्तर्गत प्रतिभूति देने का आदेश पारित किया जाता है एवं वह प्रतिभूति नहीं दी जाती है तो न्यायालय आदेश पारित करेगा कि
(1) वाद खारिज कर दिया जाए ।
(2) वाद को रोक दिया जाए ।
(3) वाद-पत्र लौटा दिया जाए ।
(4) वाद-पत्र नामंजूर कर दिया जाए ।

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Answer – (1)

15. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश XXVII-क, के नियम 2 के अन्तर्गत न्यायालय, सरकार को किस रूप में पक्षकार जोड़ सकता है ?
(1) वादी के रूप में
(2) साक्षी के रूप में
(3) प्रतिवादी के रूप में
(4) सह-वादी के रूप में

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Answer – (3)

16. जहाँ वाद किसी निगम के विरुद्ध संस्थित किया जाता है, समन की तामील की जा सकती है
(1) सचिव को
(2) निदेशक को
(3) अन्य प्रधान अधिकारी को
(4) इनमें से किसी को भी

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Answer – (4)

17. न्यायालय की इजाजत के बिना, किसी वाद-मित्र या वादार्थ संरक्षक द्वारा अवयस्क की ओर से किया गया करार या समझौता
(1) सभी पक्षकारों के विरुद्ध शून्य होगा।
(2) सक्षी पक्षकारों के विरुद्ध शून्यकरणीय होगा।
(3) अवयस्क से भिन्न सभी पक्षकारों के विरुद्ध शून्यकरणीय होगा।
(4) वैध होगा।

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Answer – (3)

18. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश XXVI के नियम 19 के अन्तर्गत निम्न में से कौन सा न्यायालय कमीशन जारी कर सकता है ?
(1) कोई भी सिविल न्यायालय
(2) उच्चतम न्यायालय
(3) जिला न्यायालय
(4) उच्च न्यायालय

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Answer – (4)

19. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश XXXVIII के अन्तर्गत निम्न में से कौन सा न्यायालय स्थावर संपत्ति की कुर्की का आदेश नहीं दे सकता ?
(1) लघुवाद न्यायालय
(2) जिला न्यायालय
(3) उच्च न्यायालय
(4) वरिष्ठ सिविल न्यायालय

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Answer – (1)

20. प्रत्येक अपील, सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के अन्तर्गत, अपीलार्थी या उसके अधिवक्ता द्वारा हस्ताक्षरित ______ के रूप में की जायेगी।
(1) आवेदन-पत्र
(2) ज्ञापन
(3) वाद-पत्र
(4) सूचना

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Answer – (2)

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