पद्म पुरस्कार (Padma Awards) सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है, जो प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित किए जाते हैं। पद्म श्री देश का चौथा सबसे बड़ा सम्मान है। यह पुरस्कार किसी अन्य क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया जाता है। यहाँ पर मध्य प्रदेश के अब तक पद्म…
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मध्य प्रदेश के अब तक के पद्म विभूषण और भूषण पुरस्कार विजेता
पद्म पुरस्कार (Padma Awards) सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है, जो प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित किए जाते हैं। पद्म विभूषण देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है। यह पुरस्कार असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। यहाँ पर मध्य प्रदेश के अब तक पद्म विभूषण पुरस्कार (Padma…
मौर्य साम्राज्य की धार्मिक स्थिति (Religious Status of Mauryan Empire)
मौर्ययुग धार्मिक सहिष्णुता का युग था। यद्यपि इस समय के शासक स्वयं भिन्न-भिन्न धर्मों को मानते थे, किसी भी शासक ने बलपूर्वक अपने धार्मिक विश्वास को प्रजा पर थोपने का प्रयास नहीं किया। सभी धर्मावलम्बी स्वतन्त्र रूप से अपना-अपना धर्म मानते थे। तत्कालीन स्रोतों से इस समय तीन धर्मों के प्रचलन के प्रमाण मिलते हैं…
मौर्य साम्राज्य की शिक्षा व्यवस्था (Education System of Mauryan Empire)
शिक्षा व्यवस्था (Education System) प्राचीन काल से उज्जयिनी शिक्षा का केन्द्र रही है। मौर्य काल मे बौद्धों एवं जैनों के विशिष्ट प्रभाव से शिक्षा व्यवस्था विहारों और मठों में थीं। ब्राह्मण धर्म के लोग अपने पुत्रों को शिक्षा हेतु ऋषि-महर्षियों के आश्रमों में भेजते थे। राज्य शासन की ओर से शिक्षा के केन्द्र बने हुए…
मौर्य साम्राज्य की सामाजिक व आर्थिक स्थिति (Social and Economic Status of Mauryan Empire)
मौर्य साम्राज्य की सामाजिक स्थिति (Social Status of Mauryan Empire) भारत के अन्य क्षेत्रों की सामाजिक व्यवस्था की भांति ही मध्य प्रदेश की परम्परागत सामाजिक व्यवस्था थी। मौर्यकालीन समाज में वर्णाश्रम व्यवस्था और जाति व्यवस्था पूर्णतया विकसित हो गई थी। चारों वर्ण अनेक जातियों में विभक्त थे। जिनके कार्य एवं व्यवसाय परम्परागत ही थे। शिलालेखों…
मौर्य साम्राज्य की शासन व न्याय व्यवस्था (Governance and Justice System of Mauryan Empire)
मौर्य साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था (Administrative System of Mauryan Empire) चन्द्रगुप्त मौर्य एक वीर, योग्य, प्रतिभाशाली और सफल शासक था। उसने अपने विस्तृत साम्राज्य को संगठित शासन-व्यवस्था से सुदृढ़ किया। विशाल साम्राज्य को स्थायी बनाने के लिए शासन-व्यवस्था की ओर विशेष ध्यान दिया। जो शासन व्यवस्था उसने निर्मित की वह इतनी श्रेष्ठ और लाभप्रद हुई…
अशोक “प्रियदर्शी” (273 – 236 ईसा पूर्व)
बिन्दुसार की मृत्यु पश्चात् सुयोग्य पुत्र अशोक (Ashoka) विशाल मौर्य साम्राज्य के राजसिंहासन पर बैठा। वह केवल मौर्य वंश का ही नहीं अपितु भारतीय इतिहास का सबसे महान् सम्राट् माना जाता है। प्रारम्भिक जीवन – बिन्दुसार की अनेक रानियाँ और पुत्र-पुत्रियाँ थीं। उनके ज्येष्ठपुत्र का नाम सुमन या सुसीम था। बिन्दुसार की सुभद्रांगी नामक एक…
बिन्दुसार (Bindusara) (298-273 ईसा पूर्व)
चन्द्रगुप्त मौर्य की मृत्यु पश्चात् उसका पुत्र बिन्दुसार मौर्य साम्राज्य का उत्तराधिकारी बना। बिन्दुसार (Bindusara) के अनेक नाम मिलते हैं- जैसे भद्रसार, वारिसार, अमित्रघात, एमित्रोचेटस। बिन्दुसार (Bindusara) के जीवन और उपलब्धियों के विषय में अधिक साक्ष्य प्राप्त नहीं होते लेकिन यह स्पष्ट है कि वह एक महान योद्धा था। उसने अपने पिता से उत्तराधिकार के…
चन्द्रगुप्त मौर्य (322 – 298 ईसा पूर्व)
चन्द्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) वंश का संस्थापक थी। जस्टिन और यूनानी विद्वानों ने ‘सेण्ड्रोकोट्टस’ के नाम से उसका उल्लेख किया है। विलियम जोन्स पहले विद्वान थे जिन्होंने सिद्ध किया कि ‘सेण्ड्रोकोट्टस’ ही ‘चन्द्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya)’ था। उसने भारत में एक दृढ़ एवं विशाल साम्राज्य की स्थापना की थी। भारतीय राज्य की सीमाओं को उसकी…
मध्य प्रदेश में मौर्य साम्राज्य
मौर्य साम्राज्य (324-187 ईसा पूर्व) [Maurya Empire (324–187 BC)] प्राचीन भारतीय इतिहास में मौर्यकाल का विशिष्ट महत्व हैं। यह वह काल है जिससे इतिहास का एक नया युग प्रारम्भ हुआ है। इस युग में पहली बार एक राजनीतिक सत्ता के अन्तर्गत सम्पूर्ण भारत का राजनीतिक एकीकरण हुआ था जिसने अपनी भौगोलिक सीमा के बाहर स्थित…