चक्रवात (Cyclone) सामान्य रूप से चक्रवात निम्न वायुदाब के केन्द्र होते हैं, जिनके चारों तरफ समकेन्द्रीय समवायुदाब रेखाएँ विस्तृत होती हैं तथा केन्द्र से बाहर की ओर वायुदाब बढ़ता जाता
खुली स्वछन्द हवा में वायुमंडलीय जलवाष्प का लगातार होने वाला संघनन संघनित कणों की आकार-वृद्धि में सहायक होता है। जब ये कण बड़े हो जाते हैं और हवा का अवरोध
बादल (Cloud) मेघों का निर्माण वायु में उपस्थिति महीन धूलकणों के केन्द्रक के चारों ओर जलवाष्प के संघनित होने से होता है। अधिकांश दशाओं में मेघ जल की अत्यधिक छोटी-छोटी
वायुमंडल की आर्द्रता (Atmospheric Humidity) यद्यपि जलवाष्प वायुमंडल में कम ही अनुपात में (0-4%) मौजूद है, फिर भी यह मौसम और जलवायु के निर्णायक के रूप में हवा का सबसे
स्थाई पवन के मार्ग में धरातल के स्थानीय तापांतर के कारण अनेक प्रकार के स्थानीय पवन उत्पन्न होते हैं। इनके अलग-अलग नाम हैं। स्थानीय गर्म हवाएँ (Local Hot Winds) 1.
पृथ्वी के धरातल पर वायुदाब में क्षैतिज विषमताओं के कारण हवा उच्च वायुदाब क्षेत्र से निम्न वायुदाब क्षेत्र की ओर बहती है। क्षैतिज रूप में गतिशील हवा को पवन (Wind)
वायुमंडल (Atmosphere) पृथ्वी को चारों ओर से आवरण की तरह घेरे हुए हवा के विस्तृत भंडार को वायुमंडल (Atmosphere) कहते हैं। इसमें मनुष्य एवं जानवर के लिए ऑक्सीजन एवं पेड़-पौधों
मैदान (Plain) धरातल पर पायी जाने वाली समस्त स्थलाकृतियों में मैदान (Plain) सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। अति मंद ढाल वाली लगभग सपाट या लहरिया निम्न भूमि को मैदान कहते हैं।
पठारों का महत्त्व (Importance of Plateaus) लम्बे समय से लगातार अपरदन के कारण पठार के तल प्रायः असमतल हो गये हैं, जिसके कारण यहाँ, आवागमन के साधनों तथा जनसंख्या का
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