Economic Survey 2018-19

आर्थिक समीक्षा 2018 -19 (Economic Survey 2018-19)

आर्थिक समीक्षा 2018 -19 (Economic Survey 2018-19) की मुख्य बातें

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री (Minister of Central Finance and Corporate Affairs) श्रीमती निर्मला सीतारमन ने 04 जुलाई 2019 को संसद में आर्थिक समीक्षा 2018-19 (Economic Survey 2018-19) पेश की। आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) की 2018-19 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-

स्वयं स्थापित नैतिक चक्र के लिए प्रमुख बातें 

  • डाटा को सार्वजनिक वस्तु के रूप प्रस्तुत करना।
  • कानूनी सुधारों पर जोर देना।
  • नीति सामंजस्य सुनिश्चित करना
  • व्यवहारिय अर्थव्यवस्था की सिद्धांतों का उपयोग करते हुए व्यवहार बदलाव को प्रोत्साहित करना।
  • अधिक रोजगार सृजन और अधिक लाभकारी बनाने के लिए एमएसएमई को वित्तपोषित करना।
  • पूंजी लागत घटाना
  • निवेश के लिये व्यापार में लाभ जोखिम को तर्क संगत बनाना।

सामाजिक परिवर्तन के लिए अपेक्षापूर्ण एजेंडे के सृजन के लिए व्यवहारिय अर्थशास्त्र से प्राप्त ज्ञान का उपयोग

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से बदलाव ‘(बेटी आपकी धनलक्ष्मी और विजयलक्ष्मी)’
  • स्वच्छ भारत से सुन्दर भारत
  • एलपीजी सब्सिडी (LPG Subsidy) के लिए ‘गिव इट अप’ से ‘थिंक अबाउट द सब्सिडी’
  • कर वंचना से कर अनुपालन

एम.एस.एम.ई. प्रगति के लिए नीतियों को नये सिरे से तैयार करना-

  • समीक्षा में एम.एस.एम.ई. को अधिक लाभ अर्जित करने, रोजगार जुटाने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए विकास योग बनाने पर ध्यान दिया गया है।
  • दस साल पुरानी होने के बावजूद सौ कामगारों से कम कार्य बल वाली बौनी यानी छोटी फर्मो की संख्या विनिर्माण में लगी सभी संगठित फर्मों में पचास प्रतिशत से अधिक है।
  • छोटी फर्मो का रोजगार में केवल 14 प्रतिशत और उत्पादकता में आठ प्रतिशत योगदान है।
  • सौ से अधिक कर्मचारियों वाली बड़ी फर्मो का संख्या के हिसाब से हिस्सेदारी 15 प्रतिशत होने के बावजूद रोजगार में 75प्रतिशत और उत्पादकता में 90 प्रतिशत योगदान है।

ऑफ द पीपुल, बाई द पीपुल, फॉर द पीपुल’ डाटा

  • समाज की अधिकतम डाटा को एकत्र करने में समाज की डाटा खपत पहले दी गई प्रौद्योगिकी अग्रिमता से कई अधिक है।
  • क्योंकि डाटा जनता द्वारा सामाजिक हित में सृजित किया जाता है इसलिए डाटा को डाटा निजीता के कानूनी ढांचे के तहत एक सार्वजनिक भलाई के रूप में सृजित किया जाए।
  • सरकार को विशेष रूप से गरीबों, सामाजिक क्षेत्रों में सार्वजनिक भलाई के रूप में डाटा का सृजन करने में हस्तक्षेप करना चाहिए।
  • सरकार के पास पहले से ही रखे अलग डाटासेट को एक जगह मिलाने से बहुत प्रकार के लाभ होंगे।

मत्स्यन्याय समाप्त करनाः निचली अदालतों की क्षमता को कैसे बढ़ाया जाए

  • समझौता लागू करने और निपटान समाधान डेरी से भारत में व्यापार को सरल बनाने और उच्च जीडीपी प्रगति में एक सबसे बड़ी बाधा है।
  • लगभग 87.5 प्रतिशत मामले जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित हैं।
  • शत-प्रतिशत निपटान दर निचली अदालतों में 2279 तथा उच्च न्यायालयों में 93 खाली पदों को भरने से ही प्राप्त की जा सकती हैं।
  • उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है।
  • निचली अदालतों में 25 प्रतिशत उच्च न्यायालयों में चार प्रतिशत और उच्च न्यायालय में 18 प्रतिशत उत्पादकता सुधार से बैकलॉग समाप्त किया जा सकता है।

UKSSSC Graduation Level Exam 2025 Mock Test Series

UKSSSC Graduation Level Exam 2025 Mock Test Series

SOCIAL PAGE

E-Book UK Polic

Uttarakhand Police Exam Paper

CATEGORIES

error: Content is protected !!
Go toTop