Union Budget 2020

केन्‍द्रीय बजट (Union Budget) 2020

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वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी 2020 को वित्त वर्ष 2020 – 21 का बजट (Union Budget) पेश किया। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ और 03 अप्रैल तक दो चरणों में होगा। केंद्रीय बजट 2020-21 का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा चरण 02 मार्च से 03 अप्रैल तक चलेगा। पहली बार साल 2017-18 का बजट 01 फरवरी को पेश किया गया था। इससे पहले फरवरी के आखिरी सप्ताह में बजट पेश किया जाता था।

बजट के तीन प्रमुख घटक महत्‍वाकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास और जिम्‍मेदार समाज है।

केन्‍द्रीय बजट में जीवन सुगमता को तीन प्रमुख विषयों के रूप में रेखांकित किया गया हैं

  1. कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास
  2. आरोग्‍य, जल और स्‍वच्‍छता
  3. शिक्षा और कौशल

कृषिसिंचाई और ग्रामीण विकास के लिए

  • कृषि, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये का आबंटन।
  • ग्रामीण विकास और पंचायती राज के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये का आबंटन।

 

कृषि ऋण

  • 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्‍य तय।
  • पीएम-किसान लाभार्थियों को केसीसी योजना के तहत लाने का प्रस्‍ताव।
  • नाबार्ड की पुनर्वित्‍त योजना को और विस्‍तार देना।
  • जल संकट से जूझ रहे 100 जिलों के लिए वृहद उपायों का प्रस्‍तावों

नीली अर्थव्‍यवस्‍था

  • 2024-25 तक मत्‍स्‍य निर्यात को 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना।
  • 2022-23 तक देश में 200 लाख टन मत्‍स्‍य उत्‍पाद का लक्ष्‍य।
    • 3,477 मित्रों और 500 मत्‍स्‍य पालन कृ‍षक संगठनों द्वारा युवाओं को मत्‍स्‍य पालन क्षेत्र से जोड़ना।
    • समुद्री मत्‍स्‍य संसाधनों के विकास प्रबंधन और संरक्षण के लिए फ्रेमवर्क तेयार करना।

किसान रेल

  • सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्‍यम से भारतीय रेल द्वारा किसान रेल सेवा शुरू करने का प्रस्‍ताव
  • दूध, मांस और मछली आदि जैसे जल्‍दी खराब होने वाले उत्‍पादों के लिए बाधा रहित राष्‍ट्रीय प्रशीतन आपूर्ति श्रृंखला बनाने का प्रस्‍ताव।
  • एक्‍सप्रेस और मालगाडि़यों में प्रशीतन डिब्‍बे लगाने का प्रस्‍ताव।

कृषि उड़ान योजना

  • राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय दोनों हवाई मार्गों पर इस सेवा का संचालन।
  • पूर्वोत्‍तर ओर जनजातीय क्षेत्रों के जिलों को कृषि उत्‍पादों का बेहतर मूल्‍य मिलना।

 बागवानी क्षेत्र

  • सभी तरह के पारम्‍परिक जैविक और नवोन्‍मेषी उवर्रकों का संतुलित इस्‍तेमाल।
  • जैविक, प्राकृतिक और एकीकृ‍त खेती को बढ़ावा।
  • जैविक खेती पोर्टल- जैविक उत्‍पादों के ऑनलाइन राष्‍ट्रीय बाजार को मजबूत बनाना।
  • सिंचाई के लिए वर्षा, जल आधारित क्षेत्रों में एकीकृत खेती प्रणाली का विस्‍तार।
  • गैर फसल मौसम में बहुस्‍तरीय फसल, मधुमक्‍खी पालन, सौर-पंपों तथा सौर ऊर्जा उत्‍पादन को बढ़ावा देना।

प्रधानमंत्री कृषि ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) का विस्‍तार

  • योजना के तहत 20 लाख किसानों को सौर ऊर्जा पंप लगाने में मदद।
  • अतिरिक्‍त 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े पंप सैटों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में मदद करना।
  • किसानों को अपनी प्रति या खाली जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में मदद की योजना।

ग्राम भंडारण योजना

  • किसानों के लिए स्‍व-सहायता समूहों द्वारा संचालित भंडारण व्‍यवस्‍था, ताकि उत्‍पादों पर लॉजिस्टिक लागत कम हो सके।
  • महिलाओं के स्‍व-सहायता समूहों को फिर से धन्‍य लक्ष्‍मी का स्‍थान पाने में मदद।
  • नाबार्ड द्वारा कृषि भंडारो, कोल्‍ड स्‍टोरों तथा प्रशीतन वैन सुविधाओं का नक्‍शा बनाना और उनका जीओ टैगिंग करना
  • वेयर हाऊस विकास एवं नियामक प्राधिकरण द्वारा भंडार गृहों की स्‍थापना के लिए नियम- · खंडों और तालुक स्‍तर  पर सक्षम भंडार गृह बनाने के लिए पूंजी की कमी की भरपाई करना। · भारतीय खाद्य निगम और केन्‍द्रीय भंडारण निगम भी अपनी जमीन पर ऐसे भंडार गृह बनाएगे। · नेगोशिएबल वेयरहाऊसिंग रिसीट पर किया जाने वाला वित्‍त पोषण ई-नाम के साथ एकीकृत किया जाएगा।

पशुधन 

  • दूध प्रसंस्‍करण क्षमता को वर्ष 2025 तक 53.5 मिलियन एमटी से दोगुना कर 108 मिलियन एमटी के स्‍तर पर पहुंचाया जाएगा।
  • कृत्रिम गर्भाधान की कवरेज को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाएगा।
  • चारागाह को विकसित करने के लिए मनेरगा का संयोजन किया जाएगा।
  • मवेशियों के खुर एवं मुंह में होने वाली बीमारी (एफएमडी) तथा ब्रूसेलोसिस और भेड़ व बकरियों में पेस्‍टे डेस पेटिस रुमिनेंट (पीपीआर) को वर्ष 2025 तक समाप्‍त किया जाएगा।

आरोग्‍य, जल और स्‍वच्‍छता के लिए

  • समग्र स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के लिए 69,000 करोड़ रुपये का आवंटन।
  • प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना (पीएम जय) के लिए 6400 करोड़ रुपये (69,000 करोड़ रुपये में से) का आवंटन।
  • प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना (पीएम जय) के अंतर्गत 20,000 से भी अधिक अस्‍पतालों को पैनल में पहले ही शामिल किया जा चुका है।
  • PPP व्‍यवस्‍था के तहत अस्‍पतालों के निर्माण के लिए कम पड़ रही राशि के इंतजाम (वायबिलिटी गैप फंडिंग या वीजीएफ) वाली विंडो अथवा प्रकोष्‍ठ बनाने का प्रस्‍ताव किया गया है।
  • जन औषधि केन्‍द्र योजना के तहत वर्ष 2024 तक सभी जिलों में 2000 दवाओं और 300 शल्‍य चिकित्‍सा की पेशकश की जाएगी।
  • टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान शुरू किया गया – वर्ष 2025 तक तपेदिक को समाप्‍त करने की प्रतिबद्धता।
  • जल जीवन मिशन के लिए 3.60 लाख करोड़ रुपये मंजूर।
  • वर्ष 2020-21 में स्‍वच्‍छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपये का आवंटन।

शिक्षा और कौशल के लिए

  • वित्‍त वर्ष 2020-21 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये का आवंटन।
  • नई शिक्षा नीति की घोषणा जल्‍द ही की जाएगी।
  • पुलिस संबंधी विज्ञान, फॉरेंसिक विज्ञान, साइबर-फॉरेंसिक, इत्‍यादि के क्षेत्र में राष्‍ट्रीय पुलिस विश्‍वविद्यालय और राष्‍ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना करने का प्रस्‍ताव किया गया है।
  • राष्‍ट्रीय संस्‍थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क के अंतर्गत आने वाले शीर्ष 100 संस्‍थानों द्वारा डिग्री स्‍तर का पूर्णकालिक ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
  • शहरी स्‍थानीय निकायों द्वारा नये इंजीनियरों को एक वर्ष तक की इंटर्नशिप दी जाएगी।
  • बजट में PPP व्‍यवस्‍था के तहत एक मेडिकल कॉलेज को एक मौजूदा जिला अस्‍पताल से संबद्ध करने का प्रस्‍ताव किया गया है।
  • स्‍वास्‍थ्‍य और कौशल विकास मंत्रालय द्वारा विशेष ब्रि‍ज कोष तैयार किए जाएंगे।
  • शिक्षकों, नर्सों, पैरा-मेडिकल स्‍टाफ और देखभाल करने वालों के लिए विदेशी मांग को पूरा किया जाएगा।
  • 150 उच्‍च शिक्षण संस्‍थान मार्च 2021 तक अप्रेंटिसशिप युक्‍त डिग्री/डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम शुरू कर देंगे।
  • शिक्षा क्षेत्र के लिए विदेशी वाणिज्यिक उधारी एवं एफडीआई को सुनिश्चित किया जाएगा।
  • भारत में अध्‍ययन कार्यक्रम के तहत इंड-सैट को एशियाई एवं अफ्रीकी देशों में शुरू करने का प्रस्‍ताव है।

आर्थिक विकास

उद्योगवाणिज्‍य एवं निवेश (Industry, Commerce and Investment)

  • उद्योग और वाणिज्‍य के विकास एवं संवर्धन हेतु वर्ष 2020 – 21 के लिए 27,300 करोड़ रुपये आवंटित।
  • निवेश मंजूरी प्रकोष्‍ठ स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव है।
  • पांच नवीन ‘स्‍मार्ट सिटी’ को विकसित करने का प्रस्‍ताव है।
  • मोबाइल फोन, इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण और सेमी-कंडक्‍टर पैकेजिंग के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए योजना शुरू करने का प्रस्‍ताव है।
  • राष्‍ट्रीय तकनीकी वस्‍त्र मिशन शुरू किया जाएगा।
  • भारत को तकनीकी वस्‍त्रों के क्षेत्र में वैश्विक स्‍तर पर अग्रणी बनाया जाएगा।
  • ज्‍यादा निर्यात ऋणों का वितरण सुनिश्चित करने के लिए नई योजना ‘निर्विक’ शुरू की जाएगी, जिसमें निम्‍नलिखित बातें होंगी।
  • गवर्नमेंट ई-मार्केटप्‍लेस (जेम) के कारोबार को बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंचाने का प्रस्‍ताव किया गया है।
  • ‘निर्यात उत्‍पादों पर शुल्‍कों एवं करों में संशोधन के लिए योजना’ शुरू की जाएगी।
  • केन्द्र, राज्य और स्थानीय स्तरों पर लगाए जाने वाले करों का रिफंड निर्यातकों को डिजिटल रूप में दिया जाएगा, जिनपर छूट नहीं है या जिन्हें रिफंड नहीं दिया जाता है।
  • प्रधानमंत्री के जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट विनिर्माण विज़न के अनुरूप सभी मंत्रालय गुणवत्ता मानक जारी करेंगे।

अवसंरचना (Infrastructure)

  • अगले 5 वर्षों के दौरान अवसंरचना पर 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय अवसंरचना पाइप लाइन
  • 31 दिसंबर, 2019 को 103 लाख करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाएं लांच की गई।
  • विकास के चरण और आकार के आधार पर 6500 से अधिक परियोजनाओं का वर्गीकरण किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति को जल्द ही जारी किया जाए।
  • एकल खिड़की की लॉजिस्टिक बाजार की स्थापना की जाएगी।
  • रोजगार सृजन, कौशल और एमएसएमई को प्रतिस्पर्धी बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • भारतीय कौशल विकास एजेंसी अवसंरचना- विशेष, कौशल, विकास अवसरों पर विशेष ध्यान देगा।
  • अवसंरचना परियोजनाओं के लिए परियोजना तैयारी सुविधा का प्रस्ताव।
  • युवा इंजीनियरों, प्रबंध स्नातकों तथा विश्वविद्यालयों के अर्थशास्त्रियों को सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा।
  • 2020-21 में परिवहन अवसंरचना के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव।

राजमार्ग (Highway)

  • राजमार्गों के तेजी से विकास पर ध्यान दिया जाएगा, इसमें शामिल हैं : –
    • पहुंच नियंत्रण राजमार्ग- 2500 किलोमीटर
    • आर्थिक गलियारा- 9000 किलोमीटर
    • तटीय और भूमि पत्तन सड़के- 2000 किलोमीटर
    • रणनीतिक राजमार्ग- 2000 किलोमीटर
  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और दो अन्य पैकेज 2023 तक पूरे हो जाएगे।
  • चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेस-वे की शुरूआत होगी।
  • 6000 किलोमीटर से अधिक की लम्बाई वाले 12 राजमार्ग समूहों के मुद्रीकरण का प्रस्ताव।

भारतीय रेल (Indian Railways)

  • रेल पटरियां के किनारे सौर ऊर्जा की उच्च क्षमता स्थापित की जाएगी।
  • 4 स्टेशनों की पुनर्विकास परियोजनाएं और पीपीपी के माध्यम से 150 यात्री ट्रेनों का संचालन।
  • आईकॉनिक पर्यटन गंतव्य को जोड़ने के लिए तेजस जैसी ट्रेने।
  • मुम्बई और अहमदाबाद के बीच हाईस्पीड ट्रेन पर सक्रियता से काम।
  • 148 किलोमीटर लम्बी बेंगलुरु उप-नगरीय परिवहन परियोजना के लिए 18,600 करोड़ रुपये, मेट्रो प्रारूप के अनुसार किराया तय किया जाएगा। केन्द्र सरकार 20 प्रतिशत का लागत वहन करेगी और परियोजना लागत का 60 प्रतिशत बाहरी सहायता से उपलब्ध कराने की सुविधा देगी।
  • भारतीय रेल की उपलब्धिया : –
    • 550 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा।
    • कोई मानवरहित क्रॉसिंग नहीं।
    • 27000 किलोमीटर की रेल लाईन का विद्युतीकरण।

पत्तन और जलमार्ग (Ports and Waterways)

  • कम से कम एक बड़े पत्तन के निगमीकरण और स्टॉक एक्सेंज में इसे सूचीबद्ध करने पर विचार किया जाएगा।
  • अधिक कार्यदक्ष पत्तनों के लिए वैश्विक मानदंडों के अनुरूप सरकार की नीतिगत रूपरेखा।
  • प्रधानमंत्री के अर्थ गंगा संकल्पना के अनुरूप नदी के तटों पर आर्थिक गतिविधियों को तेज किया जाएगा।

हवाई अड्डा (Air Port)

  • उड़ान योजना के तहत 100 और हवाई अड्डों को 2024 तक पुनर्विकसित किया जाएगा।
  • इसी अवधि के दौरान हवाई जहाजों की संख्या वर्तमान के 600 से 1200 हो जाने की उम्मीद।

विद्युत (Electricity)

  • स्मार्ट मीटर को बढ़ावा।
  • बिजली वितरण कम्पनियों में सुधार के लिए विभिन्न उपाय।

ऊर्जा (Energy)

  • 2020-21 में ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए 22000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
  • राष्ट्रीय गैस-ग्रिड को वर्तमान के 16200 किलोमीटर से 27000 किलोमीटर के विस्तार का प्रस्ताव।
  • पारदर्शी मूल्य और लेनदेन में आसानी की सुविधा के लिए और सुधार।

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