CTET Exam Sep 2016 Paper - I Language II (Hindi)

CTET Sep 2016 – Paper – II (Language II Hindi)

निर्देश : नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं० 16 से 23) के सही/सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प को चुनिए। 

मेरे मकान के आगे चौराहे पर ढाबे के आगे फुटपाथ पर खाना खाने वाले लोग बैठते हैं – रिक्शेवाले, मज़दूर, फेरीवाले, कबाड़ीवाले…। आना-जाना लगा ही रहता है। लोग कहते हैं “आपको बुरा नहीं लगता? लोग सड़क पर गंदा फैला रहे हैं और आप इन्हें बरदाश्त कर रहे हैं? इनके कारण पूरे मोहल्ले की आबोहवा खराब हो रही है।”

मैं उनकी बातों को हलके में ही लेता हैं। मुझे पता है कि यहाँ जो लोग जुटते हैं वे गरीब लोग होते हैं। अपने काम-धाम के बीच रोटी खाने चले आते हैं और खाकर चले जाते हैं। ये आमतौर पर बिहार से आए गरीब ईमानदार लोग हैं जो हमारे इस परिसर के स्थायी सदस्य हो गए हैं। ये उन अशिष्ट अमीरों से भिन्न हैं जो साधारण-सी बात पर भी हंगामा खड़ा कर देते हैं। लोगों के पास पैसा तो आ गया पर धनी होने का शऊर नहीं आया। अधजल गगरी छलकत जाए की तर्ज पर इनमें दिखावे की भावना उबाल खाती है। 

असल में यह ढाबा हमें भी अपने माहौल से जोड़ता है। मैं लेखक हूँ तो क्या हुआ? गाँव के एक सामान्य घर से आया हुआ व्यक्ति हैं। बचपन में गाँव-घरों की गरीबी देखी है और भोगी भी है। खेतों की मिट्टी में रमा हैं, वह मुझमें रमी है। आज भी उस मिट्टी को | झाड़झूड़ कर भले ही शहरी बनने की कोशिश करता हैं, बन नहीं। पाता। वह मिट्टी बाहर से चाहे न दिखाई दे, अपनी महक और रसमयता से वह मेरे भीतर बसी हुई है। इसीलिए मुझे मिट्टी से जुड़े ये तमाम लोग भाते हैं। इस दुनिया में कहा-सुनी होती है, हाथापाई भी हो जाती है लेकिन कोई किसी के प्रति गाँठ नहीं बाँधता। दूसरे-तीसरे ही दिन परस्पर हँसते-बतियाते और एक-दूसरे के दुख-दर्द में शामिल होते दिखाई पड़ते हैं। ये सभी कभी-न-कभी एक-दूसरे से लड़ चुके हैं लेकिन कभी इसकी प्रतीति नहीं होती कि ये लड़ चुके हैं। कल के गुस्से को अगले दिन धूल की तरह झाड़कर फेंक देते हैं।

16. लोग लेखक से क्यों पूछते हैं कि क्या आपको बुरा नहींलगता?
(1) वे लोग आसपास गंदगी बिखेर देते हैं।
(2) वे लेखक से रुष्ट रहते हैं।
(3) उन्हें गरीबों से मेल-जोल पसंद नहीं।
(4) वे गंदे लोग हैं।

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Answer – (1)

17. लेखक लोगों की शिकायतों को हलके में लेता है, क्योंकि :
(1) शिकायत करना लोगों की आदत होती है
(2) वह किसी बात को गंभीरता से नहीं लेता
(3) लेखक उन्हें जानता-पहचानता है
(4) जुटने वाले लोग गरीब और ईमानदार हैं

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Answer – (4)

18. साधारण बात पर भी हंगामा कौन खड़ा कर देते हैं?
(1) लेखक के परिचित लोग
(2) अशिष्ट रेहड़ी-पटरी वाले
(3) गाँव से आए गरीब मज़दूर
(4) अमीर किन्तु असभ्य लोग

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Answer – (4)

19. प्रस्तुत गद्यांश साहित्य की किस विधा के अंतर्गत आएगा?
(1) कहानी
(2) जीवनी
(3) संस्मरण
(4) रेखाचित्र

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Answer – (3)

20. ‘गाँठ बाँधना’ का अर्थ है :
(1) सँभालकर रखना
(2) गाँठ लगाना
(3) मन में रखना
(4) क्रोध करना

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Answer – (3)

21. “इस दुनिया में कहा-सुनी होती है”- ‘इस दुनिया’ का संकेत है :
(1) गाँव से शहर आ बसे गरीब
(2) शहर से गाँव आ बसे मज़दूरों की दुनिया
(3) लेखक को उकसाने वाला पड़ोस
(4) अमीर किंतु अशिष्ट लोग

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Answer – (1)

22. ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ किसके संदर्भ में कहा गया है?
(1) गाँव से शहर आकर कमाई करने वालों के लिए
(2) लेखक जैसे प्रबुद्ध के लिए
(3) अनपढ़ ग्रामीणों के लिए
(4) अमीर बन गए असभ्य लोगों के लिए

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Answer – (4)

23. धूल की तरह झाड़कर फेंक देना’ का आशय है :
(1) छोटों की उपेक्षा करना
(2) दूसरे को दे देना
(3) पूरी तरह भुला देना
(4) सफाई से रहना

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Answer – (3)

निर्देश : नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं० 24 से 30) के सही/सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :

शिक्षा आज दुविधा के अजब दोराहे पर खड़ी है। एक रास्ता चकाचौंध का है, मृगतृष्णा का है। बाज़ार की मृगतृष्णा शिक्षार्थी को लोभ-लालच देकर अपनी तरफ दौड़ाते रहने को विवश करने को उतारू खड़ी है। बाज़ार के इन ललचाने वाले रास्तों पर आकर्षण है, चकाचौंध है और सम्मोहित कर देने वाले सपने हैं। दूसरी तरफ शिक्षा का साधना मार्ग है जो शांति दे सकता है, संतोष दे सकता है और हमारे आत्मतत्त्व को प्रबल करता हुआ विमल विवेक दे सकता है। निश्चित ही वह मार्ग श्रेयस्कर है, मगर अपनी ओर आकर्षित करने वाले बाज़ार का मार्ग प्रेयस्कर है। इस दोराहे पर खड़ा शिक्षार्थी बाज़ार को चुन लेता है। लाखों-करोड़ों लोग आज इसी रास्ते के लालच में आ गए हैं और शिक्षा के भंवरजाल में फँस गए हैं। बाज़ार की खूबी यही है कि वह फँसने का अहसास किसी को नहीं होने देता और मनुष्य लगातार फँसता चला जाता है। किसी को यह महसूस नहीं होता कि वह दलदल में है बल्कि महसूस यह होता है कि बाज़ार द्वारा दिए गए पैकेज के कारण वह सुखी है। अब यह अलग बात है कि सच्चा सुख क्या है? और सुख का भ्रम क्या है? ज़रूरत विचार करने की है। सवाल यह है कि बाज़ार विचार करने का भी अवकाश देता है या कि नहीं।

24. लेखक ने शिक्षा के संदर्भ में किस बात को महत्त्व दिया है ?
(1) विवेक को
(2) शिक्षार्थी को
(3) बाज़ार को
(4) साधना को

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Answer – (1)

25. “दूसरी तरफ शिक्षा का साधना मार्ग है” तो पहली तरफ क्या है?
(1) दलदल में फंसे होने का अहसास
(2) दुविधा का दोराहा और भटकाव
(3) बाज़ार की चकाचौंध, सम्मोहन और सपने
(4) एक अच्छा पैकेज और सुख-शांति

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Answer – (3)

26. निम्न में से कौन-सी विशेषता बाज़ार की नहीं है?
(1) बाज़ार लोगों को सुख-शांति देता है।
(2) बाज़ार लोगों को अपने आकर्षण से बाँधता है।
(3) बाज़ार एक दलदल की तरह है।
(4) बाज़ार सुखी होने का भ्रम पैदा करता है।

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Answer – (1)

27. गद्यांश के अनुसार लोग बाज़ार को चुनते हैं, क्योंकि :
(1) लोग बाज़ार से प्रेम करते हैं।
(2) सभी लोग लालची हैं।
(3) बाज़ार में आकर्षण है।
(4) लोगों के पास धन-संपत्ति की कमी है।

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Answer – (3)

28. गद्यांश के आधार पर कहा जा सकता है कि :
(1) लोग दूसरों को ठगने में आनंदित होते हैं।
(2) भौतिकतावादी सोच हावी नहीं हो रही है।
(3) भौतिकतावादी सोच हावी हो रही है।
(4) लोग सांसारिक जीवन जीना पसंद करते हैं।

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Answer – (3)

29. ‘आकर्षण’ का विलोम शब्द है :
(1) विकर्षण
(2) गुरुत्वाकर्षण
(3) संघर्षण
(4) उत्कर्ष

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Answer – (1)

30. ‘मृगतृष्णा’ का तात्पर्य है :
(1) किसी को फंसाने का षड्यंत्र
(2) हिरनों की प्यास का सामूहिक नाम
(3) दूर से ललचाने वाली वस्तु का भ्रम
(4) देर से लगी हुई प्यास का एहसास

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Answer – (3)

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