16. लेव वायगोत्स्की का सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य, अधिगम प्रक्रिया में ___ के महत्त्व पर जोर देता है।
(1) संतुलीकरण
(2) सांस्कृतिक उपकरणों
(3) गुणारोपण
(4) अभिप्रेरणा
Show Answer/Hide
17. जीन पियाजे अपने संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में, संज्ञानात्मक संरचनाओं को _____ के रूप में वर्णित करते हैं।
(1) स्कीमा/मनोबंध
(2) मनोवैज्ञानिक उपकरणों
(3) उद्दीपक-अनुक्रिया संबंध
(4) विकास का समीपस्थ क्षेत्र
Show Answer/Hide
18. जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में, पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था में विकास का मुख्य गुण क्या होता है ?
(1) संरक्षण और पदार्थों को क्रमबद्ध करने का क्षमता
(2) अमूर्त सोच का विकास
(3) विचार/सोच में केंद्रीकरण
(4) परिकल्पित-निगमनात्मक सोच
Show Answer/Hide
19. दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (2016) के अनुसार, निम्न में से किस शब्दावली का प्रयोग उपयुक्त है ?
(1) छात्र जिसका अशक्त शरीर है।
(2) मंदित छात्र
(3) विकलांग छात्र
(4) छात्र जिसे शारीरिक दिव्यांगता है।
Show Answer/Hide
20. जन्म से किशोरावस्था तक बच्चों में विकास किस क्रम में होता है ?
(1) अमूर्त, मूर्त, सांवेदिक
(2) सांवेदिक, मूर्त, अमूर्त
(3) अमूर्त, सांवेदिक, मूर्त
(4) मूर्त, अमूर्त, सांवेदिक
Show Answer/Hide
21. एक प्रगतिशील कक्षा में व्यक्तिगत विभिन्नताओं को किस प्रकार देखा जाना चाहिए ?
(1) अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया की परियोजना के लिए महत्त्वपूर्ण।
(2) अधिगम की प्रक्रिया में बाधा ।
(3) अध्यापक के पक्ष पर असफलता।
(3) योग्यता-आधारित समूह बनाने का मापदंड।
Show Answer/Hide
22. एक समावेशी कक्षा में ___ पर जोर होना चाहिए।
(1) हर बच्चे के सामर्थ्य को अधिकतम करने के लिए अवसर प्रदान करने
(2) प्रदर्शन-अभिमुखी लक्ष्यों
(3) अविभेदी/समरूपी निर्देशों
(4) सामाजिक पहचान के आधार पर छात्रों के अलगाव
Show Answer/Hide
23. समस्या-समाधान क्षमताओं को किस प्रकार सुसाध्य किया जा सकता है ?
(1) विद्यार्थियों में डर की भावना पैदा कर।
(2) लगातार अभ्यास और कार्यान्वयन पर जा देकर।
(3) समस्याओं के हल हेतु अटल प्रक्रिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर।
(3) समरूपों के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर।
Show Answer/Hide
24. अधिगम कठिनाइयों से जूझते छात्रों की जरूरतों को संबोधित करने के लिए, एक अध्यापक को क्या नहीं करना चाहिए ?
(1) शिक्षाशास्त्र और आकलन की जटिल . संरचनाओं का प्रयोग।
(2) दृश्य-श्रव्य सामग्रियों का इस्तेमाल।
(3) संरचनात्मक शिक्षाशास्त्रीय उपागमों का इस्तेमाल।
(4) व्यक्तिगत शैक्षिक योजना बनाना।
Show Answer/Hide
25. सर्जनात्मकता की पहचान का प्रमुख लक्षण क्या है ?
(1) असतर्कता
(2) कम परिज्ञानता/बोधगम्यता
(3) अपसारी चिंतन
(4) अतिसक्रियता
Show Answer/Hide
26. विविध पृष्ठभूमियों के अधिगमकर्ताओं को संबोधित करने हेतु, एक अध्यापक को –
(1) ऐसे कथनों का इस्तेमाल करना चाहिए जा नकारात्मक रूढिबद्ध धारणाओं का मजबूत करें।
(2) विविधता संबंधी मुद्दों पर बातचीत टालनी चाहिए।
(3) विविध विन्यासों से उदाहरण लेने चाहिए।
(4) सभी के लिए मानकीकृत आंकलनों का इस्तेमाल करना चाहिए।
Show Answer/Hide
27. एक अध्यापिका को, दिये गए किसी कार्यकलाप में छात्रों की विभिन्न त्रुटियों का विश्लेषण करना चाहिए, क्योंकि
(1) अधिगम केवल त्रुटियों के शोधन पर निर्भर है।
(2) इसके आधार पर वह दंड की मात्रा निर्धारित कर सकती है।
(3) त्रुटियों की समझ, अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया के लिए अर्थपूर्ण है।
(4) इसके आधार पर वह ज्यादा त्रुटियाँ करने वाले छात्रों को दूसरे छात्रों से अलग कर सकती है।
Show Answer/Hide
28. अधिगम की अभिप्रेरणा को किस प्रकार कायम रखा जा सकता है ?
(1) यंत्रवत याद करने पर जोर देकर।
(2) बच्चे को दंड देकर।
(3) प्रवीणता-अभिमुखी लक्ष्यों पर जोर देकर।
(4) बच्चों को बहुत आसान क्रियाकलाप देकर।
Show Answer/Hide
29. शर्मिंदगी _____
(1) के भाव को अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया में बारंबार पैदा करना चाहिए।
(2) का संज्ञान से कोई संबंध नहीं है।
(3) का संज्ञान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
(4) बच्चों को अधिगम हेतु अभिप्रेरित करने के लिए बहुत प्रभावशाली है।
Show Answer/Hide
30. निम्न में से अध्यापन-अधिगम का सबसे प्रभावशाली माध्यम कौन सा है ?
(1) अनुकरण/नकल और दोहराना
(2) विषय-वस्तु को यंत्रवत याद करना
(3) संकल्पनाओं के बीच संबंध खोजना
(4) बिना विश्लेषण के अवलोकन करना
Show Answer/Hide
Read Also : |
---|