181. सन्त तुलसीदास का सम्बन्ध किस आचार्य परम्परा से है ?
(A) रामानुजीय
(B) वल्लभाचार्गीय
(C) मध्वाचार्गीय
(D) रामानन्दीय
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निर्देश : निम्नलिखित अवतरण को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों (प्रश्न संख्या 182-185) के उत्तर दीजिये।
अपठित पद्य
सच है, मनुज बड़ा पापी है, नर का वध करता है।
पर, भूलो मत, मानव के हित मानव ही मरता है ॥
लोभ, द्रोह, प्रतिशोध, वैर, नरता के विघ्न अमित है।
तप, बलिदान, त्याग के सम्बल भी न किन्तु परिमित हैं ॥
मत सोचो दिन रात पाप में मनुज निरत होता है।
हाय, पाप के बाद वही तो पछताता रोता है ॥
यह क्रन्दन, यह अश्रु मनुज की आशा बहुत बड़ी है।
बतलाता है, यह मनुष्यता अब तक नहीं मरी है ॥
नहीं एक अवलम्ब, जगत का आभा पुण्यव्रती की।
तिमिर व्यूह में फँसी किरण भी आशा है धरती की ॥
182. उपर्युक्त अवतरण में ‘नरता’ के कौन-कौन से विघ्न माने गये हैं ?
(A) वैर, प्रतिशोध
(B) वैर, प्रतिशोध, द्रोह, लोभ
(C) द्रोह, मोह
(D) मद, मोह, प्रतिशोध
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183. उपर्युक्त अवतरण में ‘यह क्रन्दन, यह अश्रु ……’ पंक्ति में किस प्रकार के आँसुओं की बात कही गयी है ?
(A) पश्चात्ताप के आँसू
(B) क्रोध के आँसू
(C) खुशी का आँसू
(D) सहानुभूति के आँसू
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184. उक्त अवतरण में ‘…… मानव के हित मानव ही मरता है’ का भावार्थ है
(A) अपने हित साधन हेतु आदमी ही मारता है
(B) जीत किसी की भी हो, मरता तो मनुष्य ही है
(C) मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है
(D) उपरोक्त में कोई नहीं
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185. उक्त अवतरण में ‘तिमिर व्यूह में फँसी किरण भी …..’ पंक्ति में किरण का भावार्थ है
(A) अंधेरी रात में टिमटिमाते दीपक का क्षीण प्रकाश
(B) तूफानी रात में संघर्षरत प्रकाश की किरण
(C) पश्चात्ताप और हताशा से घिरे मन में नवजीन की आशा का संचार
(D) उपरोक्त में कोई नहीं
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186. किस प्रगतिशील कवि ने एक से अधिक भाषाओं में काव्य रचना की ?
(A) रांगेय राघव
(B) मुक्तिबोध
(C) नागार्जुन
(D) त्रिलोचन
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187. भवानीप्रसाद मिश्र की कविताओं को किस सप्तक में स्थान मिला है ?
(A) तार सप्तक
(B) दूसरा सप्तक
(C) तीसरा सप्तक
(D) चौथा सप्तक
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188. ‘कल्पवृक्ष गमले में’ किस नवगीतकार की कृति है ?
(A) राजेन्द्र प्रसाद सिंह
(B) सोम ठाकुर
(C) असीम शुक्ल
(D) चन्द्र सेन विराट
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189. नवगीतकार ठाकुर प्रसाद सिंह की रचना कौन सी है ?
(A) कॉपती बाँसुरी
(B) वंशी और मादल
(C) किरन के पाँव
(D) आओ खुली बयार
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190. ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ उपन्यास के रचयिता कौन हैं ?
(A) धर्मवीर भारती
(B) प्रेमचन्द
(C) जैनेन्द्र कुमार
(D) अमृतलाल नागर
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191. इनमें से आंचलिक उपन्यासकार कौन हैं ?
(A) अमृतराय
(B) महेन्द्र भल्ला
(C) यशपाल
(D) फणीश्वर नाथ शर्मा ‘रेणु’
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192. ‘रत्नावली’ हर्षवर्द्धन द्वारा रचित की नायिका हैं
(A) सागरिका
(B) उर्वशी
(C) रत्नावली
(D) वसुन्धरा
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193. ‘विक्रमोर्वशीयम्’ नाटक के रचयिता हैं
(A) सूरदास
(B) तुलसीदास
(C) कालिदास
(D) कुम्भनदास
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194. ‘रघुवंशम्’ महाकाव्य में विशेष है
(A) 31 राजाओं का वर्णन
(B) पृथिवी का वर्णन
(C) बादलों का वर्णन
(D) इनमें से कोई नहीं
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195. ‘वेणीसंहारम्’ नाटक में रस प्रधान है
(A) वीर
(B) रौद्र
(C) भक्ति
(D) करुण
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196. ‘किरातार्जुनीय’ में किरात कौन है ?
(A) शिव
(B) राम
(C) इन्द्र
(D) ब्रह्म
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निर्देश : निम्नलिखित गद्यावतरण को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों (प्रश्न संख्या 197-200) के उत्तर दीजिये।
अपठित गद्य
गौतम ने ठीक ही कहा, कि मनुष्य की मनुष्यता यही है कि वह सबके सुख-दुःख को सहानुभूति के साथ देखता है। यह आत्मनिर्मित बंधन ही मनुष्य को मनुष्य बनाता है। अहिंसा सत्य और अक्रोधमूलक धर्म का मूल उत्स यही है। मुझे आश्चर्य होता है कि अनजान में भी हमारी भाषा में यह भाव कैसे-कैसे रह गया है, लेकिन मुझे नाखून के बढ़ने पर आश्चर्य हुआ था। अज्ञान सर्वत्र आदमी को पछाड़ता है और आदमी है कि सदा उससे लोहा लेने को कमर कसे हैं।
197. गौतम ने मनुष्यता किसे कहा है ?
(A) मानव द्वारा मानव की सेवा करने को
(B) मनुष्य के तदनुभूति भाव को
(C) मानव द्वारा कर्तव्य पालन को
(D) उपरोक्त में कोई नहीं
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198. ‘आत्मनिर्मित बंधन’ से क्या अभिप्राय है ?
(A) अपने द्वारा बनाये गये नियमों से दूसरों को बाँधना
(B) स्वच्छंदतापूर्वक व्यवहार करना
(C) अपने ऊपर नियंत्रण रखना
(D) सबको जीने के लिए प्रेरित करना
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199. ‘अक्रोधमूलक धर्म’ का उत्स यी है’ पंक्ति में आये उत्स शब्द का अर्थ है
(A) अहिंसा
(B) प्रारम्भ
(C) झरना
(D) स्रोत
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200. नाखनू बढ़ने का भाव है
(A) हिंसक होना
(B) निरंतर वृद्धि होना
(C) नाखून के काटना
(D) नाखून का महत्व स्वीकार करना
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