UTET Exam 26 Nov 2021 Paper II Answer Key

UTET Exam 26 Nov 2021 Paper – 2 (Language II – Hindi) (Official Answer Key)

August 26, 2022

76. भाषा के चार कौशल हैं –
(A) बोलना, सुनना, पढ़ना, समझना
(B) पढ़ना, बोलना, रटना, समझना
(C) सुनना, लिखना, बोलना, रटना
(D) सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना

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Answer – (D)

77. निबन्ध का विधागत वैशिष्ट्य है –
1. विषय का तर्कसंगत प्रतिपादन
2. निर्वैयक्तिकता
3. कलात्मक एकान्विति
4. व्यक्तित्व की व्यंजना
(A) केवल 1 एवं 2
(B) केवल 1, 2 एवं 3
(C) केवल 1, 3 एवं 4
(D) उपरोक्त चारों

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Answer – (C)

78. निम्नलिखित में से कौन मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा है?
(A) प्राकृत
(B) संस्कृत
(C) फारसी
(D) तमिल

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Answer – (A)

79. य, र, ल, व किस प्रकार के व्यंजन हैं?
(A) अन्तस्थ
(B) स्पर्श
(C) ऊष्म
(D) सानुनासिक

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Answer – (A)

80. निम्न को सुमेलित कीजिए –
.   शब्द    –   संधि
(क) महर्षि – 1. वृद्धि
(ख) तथैव – 2. अयादि
(ग) प्रत्येक – 3. गुण
(घ) पवन – 4. यण
(क) (ख) (ग) (घ)
(A) 4 2 1 3
(B) 3 1 4 2
(C) 2 1 3 4
(D) 1 3 4 2

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Answer – (B)

81. निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य शुद्ध है?
(A) सारा राज्य उसके लिए एक थाती था।
(B) जापान तब तक न मानेगा, जब तक उनकी फौजें लड़ सकती हैं।
(C) उन्होंने मुझे बम्बई घुमाई।
(D) काव्य, नाटक और कहानी पर्याप्त संख्या में प्रकाशित हुए हैं।

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Answer – (A)

निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न संख्या 82 से 86 तक) के सर्वाधिक उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए।

कविता ही मनुष्य के हृदय को स्वार्थ-सम्बन्धों के संकुचित मण्डल से ऊपर उठाकर लोक-सामान्य भाव-भूमि पर ले जाती है, जहाँ जगत की नाना गतियों के मार्मिक स्वरूप का साक्षात्कार और शुद्ध अनुभूतियों का संचार होता है। इस भूमि पर पहुँचे हुए मनुष्य को कुछ काल के लिए अपना पता नहीं रहता। वह अपनी सत्ता को लोक-सत्ता में लीन किए रहता है। उसकी अनुभूति सबकी अनुभूति होती है या हो सकती है। इस अनुभूति-योग के अभ्यास से हमारे मनोविकार का परिष्कार तथा शेष-सृष्टि के साथ हमारे रागात्मक सम्बन्ध की रक्षा और निर्वाह होता है। जिस प्रकार जगत अनेक रूपात्मक है उसी प्रकार हमारा हृदय भी अनेक भावात्मक है। इस अनेक भावों का व्यापार और परिष्कार तभी समझा जा सकता है जबकि इन सबका प्रकृत सामंजस्य जगत के भिन्न-भिन्न रूपों, व्यापारों या तथ्यों के साथ हो जाए। जिन रूपों और व्यापारों से मनुष्य आदिम युगों से ही परिचित है, जिन रूपों और व्यापारों को सामने पाकर वह नर-जीवन के आरम्भ से ही लुब्ध और क्षुब्ध होता आ रहा है, उनका हमारे भावों के साथ मूल या सीधा संबंध है। अतः काव्य के प्रयोजन के लिए हम उन्हें मूल रूप और मूल व्यापार कह सकते हैं।

82. उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार उचित कथन है
(A) जगत अनेक भावात्मक है और हृदय अनेक रूपात्मक।
(B) जगत अनेक रूपात्मक है और हृदय अनेक भावात्मक।
(C) जगत और हृदय दोनों अनेक भावात्मक हैं।
(D) जगत और हृदय दोनों अनेक रूपात्मक हैं।

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Answer – (B)

83. जिन रूपों और व्यापारों से मनुष्य का परिचय आदिम युग से है, उसे क्या कहते हैं?
(A) मूल भाव
(B) मूल चरित्र
(C) मूल व्यापार
(D) मूल व्यक्तित्व

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Answer – (C)

84. काव्य का मुख्य प्रयोजन है
(A) यश की प्राप्ति करना।
(B) जीवन में सुख प्राप्त करना।
(C) धन-अर्जन करना।
(D) हृदय को लोक सामान्य भाव-भूमि पर अवस्थित करना।

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Answer – (D)

85. हमारे मनोविकारों का परिष्कार कैसे होता है?
(A) जब व्यक्ति-सत्ता लोक-सत्ता में लीन हो जाए।
(B) जब व्यक्ति रजोगुण और तमोगुण से मुक्त हो जाए।
(C) जब मनुष्य सांसारिक भोग-विलास से विमुख हो जाए।
(D) जब मनुष्य प्रकृति के सौंदर्य में डूब जाए।

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Answer – (A)

86. शुद्ध अनुभूतियों का संचार और अनेक गतियों के मार्मिक स्वरूप का साक्षात्कार किसके द्वारा होता है?
(A) निबंध
(B) कविता
(C) भाषण
(D) उपरोक्त सभी

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Answer – (B)

87. ‘गमला’ किस भाषा का शब्द है?
(A) अरबी
(B) फारसी
(C) पुर्तगाली
(D) फ्रेंच

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Answer – (C)

88. प्रकाशन-वर्ष के अनुसार जयशंकर प्रसाद की रचनाओं का सही क्रम है
(A) प्रेमपथिक, लहर, कामायनी, आँसू
(B) प्रेमपथिक, आँसू, लहर, कामायनी
(C) लहर, प्रेमपथिक, आँसू, कामायनी
(D) प्रेमपथिक, आँसू, कामायनी, लहर

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Answer – (B)

89. ‘लड़के ने पिता से कहा कि यदि आप आज्ञा दें तो मैं अपने साथी से मिल आऊँ।’ इस वाक्य में ‘आप’ है-
(A) निजवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, आदर सूचक
(B) पुरूषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरूष, आदर सूचक
(C) निश्चयवाचक सर्वनाम, अन्य पुरूष, संबंध सूचक
(D) पुरूषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरूष, ‘पिता’ संज्ञा के स्थान पर

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Answer – (B)

90. रीतिकाल को ‘शृंगार काल’ किसने कहा है?
(A) मिश्र बंधु
(B) विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
(C) रमाशंकर शुक्ल रसाल
(D) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल

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Answer – (B)

 

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