Union Budget 2020

केन्‍द्रीय बजट (Union Budget) 2020

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वित्तीय क्षेत्र (Financial Sector)

सार्वजनिक बैंकों में सुधार

  • 10 बैंकों को 4 बैंकों में परिणत किया गया।
  • 3,50,000 करोड़ रुपये की पूंजी दी गई।
  • सार्वजनिक बैंकों में पारदर्शिता लाने तथा बेहतर पेशेवरवाद के लिए शासन में सुधार लाने पर जोर दिया गया।
  • कई सार्वजनिक बैंकों को अतिरिक्त पूंजी जुटाने के लिए पूंजी बाजार में पहुंच के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  • जमा बीमा तथा क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीडीसी) ने जमा बीमा दायरे को प्रति जमाकर्ता 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की अनुमति दी।
  • जमाकर्ताओं के धन को सुरक्षित रखते हुए, एक सशक्त प्रणाली द्वारा अनुसूचित वाणिज्यकि बैंकों के स्वास्थ्य की निगरानी ।

ऋण वसूली के लिए एनबीएफसी की पात्रता सीमा घटाई गई

  • 500 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये का संसाधन।
  • 1 करोड़ रुपये से 50 लाख रुपये का ऋण।

बैंकिंग प्रणाली में निजी पूंजी (Private Capital in Banking System)

  • सरकार स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से आईडीबीआई बैंक में अपनी शेष हिस्सेदारी को निजी, खुदरा तथा संस्थागत निवेशकों को बेचेगी।
  • MSME के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट के माध्यम से पूरी गारंटी होगी।
  • सरकार द्वारा तदनुसार SGTMSE के लिए धन जुटाया जाएगा।
  • भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एमएसएमई की ऋण पुनर्संरचना हेतु विन्डो को 31 मार्च तक एक वर्ष के लिए बढ़ाया जाएगा।
  • अब तक 5 लाख से अधिक एमएसएमई को लाभ मिला
  • एमएसएमई के लिए ऐप आधारित इनवायस फाइनांसिंग लॉन प्रोडक्ट की शुरूआत।

वित्तीय बाजार (Financial Market)

  • कुछ विनिर्दिष्ट सरकारी प्रतिभूतियों की श्रेणियों को गैर निवासी निवेशकों के लिए भी पूरी तरह खोला जाएगा।
  • कारपोरेट बांडों में एफपीआई की सीमा को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया।

राजकोषीय प्रबंधन (Fiscal Management)

  • 15वां वित्‍त आयोग (15th Finance Commission)
    • 15वें वित्‍त आयोग ने वित्‍त वर्ष 2020-21 से संबंधित अपनी पहली रिपोर्ट दे दी है।
    • इसकी सिफारिशें महत्‍वपूर्ण प्रयास के रूप में स्‍वीकार कर ली गई है।
    • 2020-21 से शुरू होने वाले 5 वर्षों के लिए आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट वर्ष के बाद वाले हिस्‍से में प्रस्‍तुत करेगा।
  • GST क्षतिपूर्ति  निधि
    • वर्ष 2016-17 और 2017-18 के संग्रहण में से देय बकाया राशि दो किस्‍तों में कोष में हस्‍तांतरित की जानी है।
    • इसके पश्‍चात, इस निधि में स्‍थानतरित जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर के द्वारा संग्रहण तक ही सीमित होगा।
  •  वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए
    • व्‍यय के संशोधित अनुमान- 26.99 लाख करोड़ रुपये।
    • प्राप्तियों के संभावित अनुमान- 19.32 लाख करोड़ रुपये।
  •  वर्ष 2020-21 के लिए
    • जीडीपी की मामूली वृद्धि 10 प्रतिशत अनुमानित है।
    • प्राप्ति– 22.46 लाख करोड़ रुपये अनुमानित।
    • व्‍यय- 30.42 लाख करोड़ रुपये।
  • संशोधित बजट अनुमान में 2019 राजको‍षीय घाटा 3.8 प्रतिशत और बजट अनुमान 2020-21 में 3.5 प्रतिशत होने का अनुमार। इसमें दो प्रमुख कारक है।
  • वर्ष 2019-20 के लिए 3.3 प्रतिशत और 2020-21 बजट अनुमान के लिए 3 प्रतिशत।
  • बाजार ऋण- निवल बाजार ऋण- 4.99 लाख करोड़ रुपये वर्ष 2019-20 के लिए और 5.36 लाख करोड़ रुपये 2020-21
  • वित्‍त वर्ष 2020-21 के लिए सुधारों का एक बड़ा हिस्‍सा पूंजीगत व्‍यय के लिए चला जाएगा जो 21 प्रतिशत से भी अधिक हो गया है।

प्रत्‍यक्ष कर (Direct Tax)

विकास को गति प्रदान करने के लिए कर ढांचा सरल बनाया गयाअनुपालन सरल बनाया गया और मुकदमेंबाजी कम हुई।

  • व्‍यक्तिगत आय कर :‍
    • मध्‍यम कर के करदाताओं को बड़ी राहत।
    • नया और सरलीकृत व्‍यक्तिगत आय कर शासन प्रस्‍तावित।
कर योग्‍य आय के स्‍लैब (रुपये)मौजूदा कर दरेंनई कर दरें
0 से 2.5 लाखछूटछूट
2.5 से -5 लाख5%5%
5 से 7.5 लाख20%10%
7.5 से 10 लाख20%15%
10 से 12.5 लाख30%20%
12.5 से 15 लाख30%25%
15 लाख से ऊपर30%30%
  • मौजूदा छूट और कटौतियों (100 से अधिक) में से लगभग 70 को नये सरलीकृत प्रणाली में हटा दिया जाएगा।
  • नई प्रणाली से प्रति वर्ष 40,000 करोड़ रुपये की अनुमानित राजस्‍व फोरगोन होगा।

कॉरपोरेट कर 

  • 15 प्रतिशत कर दर नई बिजली उत्‍पादन कंपनियों को प्रदान किया जायेगा।
  • भारतीय कॉरपोरेट कर दर अब दुनिया में सबसे कम है।
  • होल्डिंग कंपनी को उसकी सहायक कंपनियों से प्राप्‍त लाभांश के लिए छूट की अनुमति।
  • 25,000 करोड़ रुपये का अनुमानित वार्षिक राजस्‍व परिव्‍यय

स्‍टार्ट अप

  • 100 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले स्‍टार्ट अप को 10 वर्षों में से लगातार तीन आकलंन वर्ष के लिए 100%  छूट का लाभ।
  • ई-सॉप्‍स पर कर भुगतान से राहत।

सहकारी संस्‍थाएं

  • सहकारी संस्‍थाओं और करोपोरेट क्षेत्र के बीच समानता लाने की कोशिश।
  • सहकारी संस्‍थाओं पर छूट/कटौती के बिना 10%  अधिभार और 4% उपकर के साथ 22%  कर भुगतान का विकल्‍प।
  • सहकारी संस्‍थाओं को वैकल्पिक न्‍यूनतम कर (एएमटी) से छूट मिलेगी जिस प्रकार कंपनियों को न्‍यूनतम वै‍कल्पिक कर (मैट) से छूट मिलती है।

विदेशी निवेश के लिए कर रियायत

  • प्राथमिताओं वाले क्षेत्र में विदेशी सरकारों के सॉवरिन धन कोष द्वारा निवेश को प्रोत्‍साहित करने के लिए उनके द्वारा 31 मार्च 2024 से पहले और न्‍यूनतम तीन वर्षों की लॉक-इन अवधि के साथ अवसंरचना और अन्‍य अधिसूचित क्षेत्रों में किए गए निवेश के संबंध में उनके ब्‍याज, लाभांश और पूंजीगत लाभों को 100% छूट देने का प्रस्‍ताव।

सस्‍ते मकान

  • सस्‍ते मकान की खरीद हेतु लिए गए ऋणों को देय ब्‍याज में 1.5 लाख रुपये तक अतिरिक्‍त छूट को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
  • 31 मार्च 2021 तक अनुमोदिन सस्‍ते मकान की परियोजना के विकासकर्ता द्वारा अर्जित लाभों पर टैक्‍स हॉलिडे का प्रावधान।

कर को सरल बनाने के उपाय

  • आधार के जरिए तुरंत पैन का ऑनलाइन आवंटन।
  • प्रत्‍यक्ष कर से संबधित मुकदमेबाजी को कम करने के लिए 30 जून 2020 की समय सीमा के साथ विवाद से विश्‍वास’ योजना।
  • ब्‍याज और जुर्माने में छूट- केवल 31 मार्च 2020 तक भुगतान के लिए विवाद कर का भुगतान।
  • 31 मार्च 2020 के बाद लाभ लेने पर अतिरिक्‍त रकम का भुगतान।
  • यदि किसी स्‍तर पर अपील लंबित हो तो करदाता को लाभ।
  • नई और मौजूदा सभी धर्मार्थ संस्‍थाओं को एक विशिष्‍ट पंजीकरण संख्‍या (यूआरएन) जारी की जाएगी।

अप्रत्‍यक्ष कर (Indirect Tax)

GST

  • इनवॉइस मांगने वाले ग्राहकों को प्रोत्‍साहित करने के लिए नकद प्रोत्‍साहन व्‍यवस्‍था।
  • 1 अप्रैल 2020 से परीक्षण के तौर पर सरलीकृत विवरणी का क्रियान्‍वयन किया जाएगा। इस विवरणी को फाइल करना आसान बनाया जाएगा। इसकी विशेषताओं में शून्‍य विवरणी के लिए एसएमएस आधारित फाइलिंगविवरणी पूर्व फाइलिंग उन्‍नत इनपुट कर क्रेडिट प्रवाह और समग्र सरलीकरण संग्रह।
  • ग्राहक इनवॉइस के लिए जीएसटी के प्रस्‍तावित मानदंडों पर आधारित डायनमिक क्‍यूआर कोड केंद्रीकृत प्रणाली में महत्‍वपूर्ण सूचनाओं को रखने के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक इनवॉइस को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
  • गैर मौजूद इकाइयों की छटनी के लिए करदाताओं का आधार आधारित सत्‍यापन।
  • उल्‍टे कर ढांचे से निपटने के लिए जीएसटी दर ढांचे को युक्तिसंगत बनाया जाएगा।

सीमा शुल्‍क

  • सीमा शुल्‍क को फुटवियर पर 25% से बढ़ाकर 35% करने और फर्निचर वस्‍तुओं पर 20% से बढ़ाकर 25% करने का प्रावधान।
  • न्‍यूज प्रिंट और हल्‍के कोटेड पेपर के आयात पर बुनियादी आयात शुल्‍क को 10% से घटाकर 5% किया गया।
  • इलेक्ट्रिक वाहन और मोबाइल के पुर्जों पर सीमा शुल्‍क की दरों में संशोधन।
  • चिकित्‍सा उपकरणों के आयात पर 5% स्‍वास्‍थ्‍य उपकर जो बीसीडी से छूट से अतिरिक्‍त होगा।
  • फ्यूज, रसायन और प्‍लास्टिक जैसे कच्‍चे माल पर सीमा शुल्‍क में कटौती।
  • वाहनों के कलपूर्जे, रसायन आदि कुछ वस्‍तुएं जिनका घरेलू उत्‍पादन भी होता है, पर सीमा शुल्‍क में वृद्धि।

व्‍यापार नीति के उपाय

  • एफटीए के तह‍त आयात की उचित जांच के लिए सीमा शुल्‍क अधिनियम में संशोधन।
  • कुछ संवेदनशील वस्‍तुओं के लिए मूल उद्गम की आवश्‍यकताओं संबंधी नियमावली की समीक्षा होगी।
  • आयात में वृद्धि को एक व्‍यवस्थित तरीके से विनियमित करने के लिए सेफगार्ड ड्यूटी  संबंधी प्रावधान।
  • वस्‍तुओं की डंपिंग को रोकने और सब्सिडीयुक्‍त वस्‍तुओं के आयात पर लगाम लगाने के लिए प्रावधानों को सुदृढ़ किया जाएगा।
  • क्राउड सोर्सिंग के लिए सीमा शुल्‍क से छूट की समीक्षा का सुझाव।
  • सिगरेट एवं अन्‍य तम्‍बाकू उत्‍पादों पर उत्‍पाद शुल्‍क बढ़ाने का प्रस्‍तावबीडी पर शुल्‍क दरों में कोई बदलाव नहीं।
  • कपड़ा क्षेत्र को लाभ देने के लिए पीटीए पर डंपिंगरोधी शुल्‍क खत्‍म।

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की उपलब्धियां

  • भारत और विश्‍व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है।
  • वर्ष 2014 से 2019 के दौरान करीब 4.5% की औसत मुद्रास्‍फीति के साथ 7.4% की औसत वृद्धि रही।
  • वर्ष 2006 से 2016 के दौरान 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लाया गया।
  • भारत का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश 2014-19 के दौरान बढ़कर 284 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा, जो वर्ष 2009-14 के दौरान 190 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था।
  • केंद्र सरकार का ऋण घटकर जीडीपी के 48.7% (मार्च 2019) पर, जो मार्च 2014 में 52.2% था।

 

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