Rashtrpati shasan

उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन (1952 से अब तक)

उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन
(President Rule in Uttar Pradesh)

अनुच्छेद-356

अनुच्छेद भारतीय संविधान की धारा 356 के तहत केंद्र सरकार को किसी भी राज्य की सरकार को भंग करने का अधिकार है, बशर्ते राज्य में सांविधानिक तंत्र विफल हो गया हो। यदि किसी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत न मिला हो तो राज्यपाल भी विधानसभा को भंग कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में राज्यपाल विधानसभा को छह महीने के लिए निलंबित अवस्था में रख सकते हैं। उसके बाद भी यदि कोई दल स्पष्ट बहुमत न जुटा पाए तो फिर चुनाव कराए जाते हैं। इसे राष्ट्रपति शासन कहा जाता है, क्योंकि मुख्यमंत्री की जगह भारत के राष्ट्रपति शासन संभालते हैं और प्रशासनिक सत्ता राज्यपाल के हाथों में होती है।

क्रम संख्या अवधि समयावधि
पहली बार25 फरवरी 1968 से 26 फरवरी 1969 तक
विधान सभा निलम्बित तथा 15 अप्रैल 1968 को विधान सभा भंग
1 वर्ष 02 दिन
दूसरी बार1 अक्टूबर, 1970 से 18 अक्टूबर, 1970 तक
विधान सभा निलम्बित
18 दिन
तीसरी बार 13 जून, 1973 से 8 नवम्बर, 1973 तक
विधान सभा निलम्बित
4 माह 25 दिन
चौथी बार30 नवम्बर, 1975 से 21 जनवरी, 1976 तक
विधान सभा निलम्बित
1 माह 22 दिन
पाचवीं बार30 अप्रैल, 1977 से 23 जून, 1977 तक
विधान सभा भंग
1 माह 24 दिन
छठी बार17 फरवरी, 1980 से 9 जून, 1980 तक
विधान सभा भंग
3 माह 21 दिन
सातवीं बार6 दिसम्बर, 1992 से 4 दिसम्बर, 1993 तक
विधान सभा भंग
11 माह 29 दिन
आठवीं बार18 अक्टूबर, 1995 से 17 अक्टूबर, 1996 तक
18 अक्टूबर, 1995 को निलम्बित 27 अक्टूबर, 1995 को विधान सभा भंग
11 माह 29 दिन
नौवीं बार17 अक्टूबर, 1996 से 21 मार्च, 1997 तक
विधान सभा निलम्बित
5 माह 04 दिन
दसवीं बार08 मार्च,2002 से 03 मई 2002 तक
विधान सभा निलम्बित
1 माह 25 दिन

 

Read Also :

 

error: Content is protected !!