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Polity GK in Hindi

नगरपालिका कर्मी (Municipal Worker)

भारत में तीन प्रकार के नगरपालिका कार्मिक हैं। नगर सरकारों में कार्यरत कार्मिक इन तीनों में से किसी एक अथवा तीनों से संबंधित हो सकते हैं:

  1. पृथक् कार्मिक प्रणाली
  2. एकीकृत कार्मिक प्रणाली
  3. समेकित कार्मिक प्रणाली

पृथक् कार्मिक प्रणाली (Separate Personnel System)

इस प्रणाली में प्रत्येक स्थानीय निकाय अपने कार्मिकों की नियुक्ति प्रशासन एवं नियंत्रण स्वयं करता है। ये कार्मिक अन्य स्थानीय निकायों में स्थानांतरित नहीं किए जा सकते। यह व्यवस्था सबसे अधिक प्रचलित है। यह प्रणाली स्थानीय स्वायत्तता के सिद्धान्त को कायम रखती है। तथा अविभक्त निष्ठा को प्रोत्साहित करती है।

एकीकृत कार्मिक प्रणाली (Integrated Personnel System)

इस प्रणाली में राज्य सरकार नगरपालिका कार्मिकों की नियुक्ति, प्रशासन तथा नियंत्रण करती है। दूसरे शब्दों में, सभी नगर निकायों के लिए राज्य स्तरीय सेवाएँ (कैडर) सृजित की जाती हैं। इनमें कार्मिकों का विभिन्न स्थानीय निकायों में स्थानांतरण होता रहता है। यह व्यवस्था आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि में लागू है।

समेकित कार्मिक प्रणाली (Consolidated Personnel System)

इस प्रणाली में राज्य सरकार के कार्मिक तथा स्थानीय निकायों के कार्मिक एक ही सेवा का गठन करते है। दूसरे शब्दों में, नगरपालिका कार्मिक राज्य सेवाओं के सदस्य होते है। इनका स्थानांतरण केवल स्थानीय निकायों में ही नहीं बल्कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में भी हो सकता है। यह व्यवस्था ओडिशा, बिहार, कर्नाटक, पंजाब हरियाणा तथा अन्य राज्यों में लागू है। नगरपालिका कार्मिकों को प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय स्तर के अनेक संस्थान कार्यरत है, जैसेः

  • अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संस्थान (All India Institute of Local Self Government, Mumbai): इसकी स्थापना 1927 में हुई थी और यह एक निजी पंजीकृत सोसायटी है।
  • नगरीय एवं पर्यावरणीय अध्ययन केन्द्र (Studies Centre for Urban and Environmental, New Delhi): इसकी स्थापना 1967 में नगर पालिका कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए गठित नूरूद्दीन अहमद समिति (1963-65) की अनुशंसाओं पर की गई थी।
  • क्षेत्रीय, नगरीय एवं पर्यावरणीय अध्ययन केन्द्र (Regional, Urban and Environmental Studies Centre, Kolkata, Lucknow, Hyderabad and Mumbai): इसकी स्थापना 1968 में नगरपालिका कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए गठित नूरूद्दीन अहमद समिति (1963-65) की अनुशंसाओं पर की गई थी।
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (National Institute of Urban Affairs), 1976 में स्थापित।
  • ह्यूमन सेट्लमेन्ट मैनेजमेन्ट इंस्टीट्यूट (Human Settlement Management Institute), 1985 में स्थापित।

 

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नगरीय प्रशासन की स्थापना (Establishment of Urban Administration)

अगस्त 1989 में, राजीव गांधी सरकार ने लोकसभा में 65वां संविधान संशोधन विधेयक (नगरपालिका विधेयक) पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य नगरपालिका के ढांचे पर उनकी संवैधानिक स्थिति पर परामर्श कर उन्हें शक्तिशाली बनाना एवं सुधारना था। यद्यपि यह विधेयक लोकसभा में पारित हुआ किंतु अक्तूबर, 1989 में यह राज्यसभा में गिर गया और निरस्त हो गया।

वी. पी. सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा सरकार ने सितंबर, 1990 में लोकसभा में पुनः संशोधित नगरपालिका विधेयक पुरः स्थापित किया। फिर भी यह विधेयक पास नहीं हुआ और अंत में लोकसभा विघटित होने पर निरस्त हो गया।

प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिंह राव द्वारा इसे 74वें संविधान संशोधन विधेयक 1992 के रुप में पुनः लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। क्रमशः 22 एवं 23 दिसम्बर, 1992 को इसे लोकसभा एवं राज्यसभा द्वारा पारित कर दिये जाने पर 20 अप्रैल 1993 को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति प्रदान किया गया, तथा 1 जून 1993 से लागू कर दिया गया। इस अधिनियम द्वारा संविधान में एक नया भाग-9 ‘क’ तथा 243 त (P) से 243 य छ (ZG) तक 18 नये अनुच्छेद एवं एक नयी अनुसूची (बारहवीं अनुसूची) जोड़कर नगर प्रशासन के विषय में विस्तृत प्रावधान किया गया है। भाग – 9(क) के तहत नगरपालिका के सम्बंध में किये गये प्रमुख प्रावधान अधोलिखित है।

नगरीय शासन सम्बन्धी संवैधानिक उपबंध (भाग 9-क)
Constitutional Provisions Related to Urban Governance (Part 9-A)

  • अनुच्छेद 243 – त (P) – परिभाषा
  • अनुच्छेद 243 – थ (Q) – नगर पालिकाओं का गठन
  • अनुच्छेद 243 – द (R) – नगर पालिकाओं की संरचना
  • अनुच्छेद 243 – ध (S) – वार्ड समितियों आदि का गठन और संरचना
  • अनुच्छेद 243 – न (T) – स्थानों का आरक्षण
  • अनुच्छेद 243 – प (U) – नगर पालिकाओं की अवधि आदि
  • अनुच्छेद 243 – फ (V) – सदस्यता के लिए निरर्हताएँ
  • अनुच्छेद 243 – ब (W) – नगरपालिकाओं आदि की शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तदायित्व
  • अनुच्छेद 243 – भ (X) – नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियाँ
  • अनुच्छेद 243 – म (Y) – वित्त आयोग
  • अनुच्छेद 243 – य (Z) – नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा
  • अनुच्छेद 243 – य क (ZA) – नगरपालिकाओं के लिए निर्वाचन
  • अनुच्छेद 243 – य ख (ZB) – संघ राज्य क्षेत्रों को लागू होना
  • अनुच्छेद 243 – य ग (ZC) – इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
  • अनुच्छेद 243 – य घ (ZD) – ज़िला योजना के लिए समिति
  • अनुच्छेद 243 – य ङ (ZE) – महानगर योजना के लिए समिति
  • अनुच्छेद 243 – य च (ZF) – विद्यमान विधियों पर नगर पालिकाओं का बना रहना
  • अनुच्छेद 243 – य छ (ZG) – निर्वाचन सम्बन्धी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन

 

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