Fat

वसा (Fat)

वसा (Fat)

कार्बोहाइड्रेट की तरह ये यौगिक कार्बन, हाईड्रोजन व ऑक्सीजन से मिलकर बनते है। पर इनमें हाईड्रोजन व ऑक्सीजन का अनुपात 2 : 1 नही होता है। 

वसा जल में अघुलनशील तथा ईधन क्लोरोफार्म तथा बैन्जीन में धुलनशील है। रायायनिक रूप से वसा (Fat)या तो वसीय अम्ल के एस्टर (Ester) है या ऐसे एस्टर बनाने के योग्य है। 

ये कोशिका द्रव्य के कॉलाइडल उत्पन्न करती है। 1 ग्राम वसा से 9.3 कैलोरी (Calories) ऊर्जा उत्पन्न होती है, ये कार्बोहाईड्रेट से दुगनी से भी अधिक होती है। 

वसा के प्रकार:

वसा जैसे मक्खन, घी, तेल दृष्टिगत वसा कहलाती है। दाल अनाज आदि में पाई जाने वाली वसा छिपी हुई वसा कहलाती है। इन्हें नापना कठिन है। प्रतिदिन ली जाने वाली वसा की मात्रा में इस प्रकार की वसा की मात्रा दृष्टिगत वसा से अधिक होती है। वसा में पाये जाने वाले वसीय अम्ल दो प्रकार के होते हैं । यह वह वसा होती है जिसके जल अपघटन (Hydrolysis) से वसीय अम्ल व ग्लिसरॉल (Fatty acid & glycerol) प्राप्त होता है।

  1. संतृप्त वसीय अम्ल (Saturated Fat):- जैसे स्टिएरिक अम्ल, पामेटिक अम्ल, तथा एरेकिडिक अम्ल । यह वसा प्रकृति मे व्यापक रूप में पाई जाती है।
  2. असंतृप्त वसीय अम्ल (Unsaturated Fat):- यह वह वसा होती है। जिसके जल-अपघटन (Hydrolysis) से वसीय अम्ल (Fatty acid) और ग्लिसरॉल (Glycerol) के अतिरिक्त अन्य प्रदार्थ भी प्राप्त होते है। जैसे लिनोलेनिक अम्ल तथा एरेकिडोनिक अम्ल । 

वसा के कार्य (Function of fat):

  1. कार्बोहाइड्रेट की तरह वसा भी शारीरिक ऊर्जा उत्पन्न करती है। 
  2. अतिरिक्त वसा शरीर में त्वचा की बाहय सतह के नीचे संचित हो जाती है। व इससे शरीर हष्ट पृष्ट होता है। 
  3. शरीर के इन्सुलेशन के लिए। 
  4. अंगों के चारों ओर गड्डियो के रूप में उन्हें अपने स्थान पर बनाये रखने में एवे झटकों को सहने के लिए। 
  5. नर्व की सुरक्षा के लिए। 
  6. वसा में घुलनशील विटामिन A, D, E एवं K के वाहक के रूप में। 
  7. यह शरीर में स्टेरॉयड (Steroid) विटामिन व हार्मोन बनाने में सहायता देती है। 
  8. इसका उपयोग लिपिड (Lipid) के निर्माण में भी होता है। 

वसा के स्त्रोत (Source of fat):

भोजन की वसा दो स्त्रोत से प्राप्त होती है।

  1. वनस्पति स्त्रोतः- इसके अंर्तगत विभिन्न खाने योग्य तेल आते है जैसे मूंगफली का तेल, सरसों का तेल आदि।
  2. प्राप्ति स्त्रोत:- इसके अंतर्गत घी, मक्खन, मछली का तेल आदि आते है। 

वसा के प्रमुख स्त्रोत

भोजन% वसा
सोयाबीन 19.5
काजू 46
मछली 3.2
मॉस 13.3
मूंगफली40
घी81
मक्खन100
अण्डा13.3
गाय का दूध3.5

प्रतिदिन की आवश्यकता

मनुष्य को प्रतिदिन लगभग 50 ग्राम वसा की आवश्यकता होती है । मनुष्य कैलोरिफिक ऊर्जा का 10-12% वसा से प्राप्त होना चाहिए। 

वसा की कमी तथा अधिकण का प्रभाव 

वसा की कमी से भी शरीर का भार गिर जाता है। और शरीर के दैनंदिनी कार्यो के लिए भी वसा की आवश्यकता है। वहीं दूसरी तरफ वसा की अधिकता की वजह से मोटापा (Obesity) बढ़ता है। 

 

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