76. उपचारात्मक शिक्षण कितने प्रकार का होता है ?
(A) चार
(B) तीन
(C) दो
(D) एक
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निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्न संख्या 77 से 81 तक के उत्तर दीजिए :
क्रोध शांति भंग करने वाला मनोविकार है । एक का क्रोध दूसरे में भी क्रोध का संचार करता है । जिसके प्रति क्रोध प्रदर्शन होता है वह तत्काल अपमान का अनुभव करता है और इस दुःख पर उसकी भी त्योरी चढ़ जाती है । यह विचार करने वाले बहुत थोड़े निकलते हैं कि हम पर जो क्रोध प्रकट किया जा रहा है वह उचित या अनुचित । इसी से धर्म, नीति और शिष्टाचार तीनों में क्रोध के निरोध का उपदेश पाया जाता है । संत लोग तो खलों के वचन सहते ही हैं, दुनियादार लोग भी न जाने कितनी ऊँची-नीची पचाते रहते हैं । सभ्यता के व्यवहार में भी क्रोध नहीं, क्रोध के चिह्न दबाये जाते हैं । इस प्रकार का प्रतिबंध समाज की सुख-शांति के लिए बहुत आवश्यक है । पर इस प्रतिबंध की भी सीमा है । यह परपीड़कोन्मुख क्रोध तक नहीं पहुँचता । क्रोध के निरोध का उपदेश अर्थपरायण और धर्मपरायण दोनों देते हैं । पर दोनों में जिसे अति से अधिक सावधान रहना चाहिए वही कुछ भी नहीं रहता । बाकी रुपया वसूल करने का ढंग बताने वाला चाहे कड़े पड़ने की शिक्षा दे भी दे, पर धज के साथ धर्म की ध्वजा लेकर चलने वाला धोखे में भी क्रोध को पाप का रूप ही कहेगा । क्रोध रोकने का अभ्यास ठगों और स्वार्थियों को सिद्धों और साधकों से कम नहीं होता ।
77. ‘सुख-शांति’ शब्द में कौन सा समास है ?
(A) अव्ययीभाव समास
(B) तत्पुरुष समास
(C) द्वंद्व समास
(D) द्विगु समास
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78. ‘अनुचित’ शब्द में उपसर्ग है
(A) अन
(B) अनु
(C) अन्
(D) अ
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79. ‘स्वार्थियों’ शब्द का एकवचन होगा :
(A) स्वार्थित
(B) सुआर्थी
(C) सूआर्थी
(D) स्वार्थी
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80. ‘परपीड़कोन्मुख’ शब्द का सही संधि विच्छेद है :
(A) परपीड़ाक + उन्मुख
(B) परपीड़ा + ऊन्मुख
(C) परपीड़क + उन्मुख
(D) परपीड़क + ऊन्मुख
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81. ‘खल’ शब्द का अर्थ है :
(A) साधु
(B) दुष्ट
(C) चालाक
(D) सज्जन
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निम्नलिखित पद्यांश के आधार पर प्रश्न संख्या 82 से 86 तक के प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
दुर्योधन वह भी दे न सका, आशिष समाज की ले न सका,
उलटे, हरि को बाँधने चला, जो था असाध्य, साधने चला ।
जब नाश मनुज पर छाता है
पहले विवेक मर जाता है
हरि ने भीषण हुँकार किया, अपना स्वरूप विस्तार किया,
डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान कुपित होकर बोले ।
“जंजीर बढ़ाकर साध मुझे,
हाँ-हाँ दुर्योधन ! बाँध मुझे
यह देख गगन मुझमें लय है, यह देख पवन मुझमें लय है,
मुझमें विलीन झंकार सकल, मुझमें लय है संसार सकल ।
सब जन्म मुझी से पाते हैं –
फिर लौट मुझी में आते हैं।”
82. दुर्योधन क्या असाध्य कार्य करना चाह रहा था ?
(A) अपनी सम्पत्ति में से सब कुछ न्योछावर कर देने का।
(B) समाज से आशीर्वाद लेने का ।
(C) हरि को बाँधने का।
(D) विवेक को जाग्रत करने का ।
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83. मनुष्य पर नाश के छाने का क्या प्रभाव पड़ता है ?
(A) मनुष्य की मेधा प्रखर हो जाती है।
(B) मनुष्य सरल और सहज स्वभाव का हो जाता है।
(C) मनुष्य सही कर्म की तरफ उद्यत हो जाता है ।
(D) मनुष्य का विवेक मर जाता है ।
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84. निम्नलिखित पंक्तियों में से किस पंक्ति में नाद सौंदर्य है ?
(A) दुर्योधन वह भी दे न सका।
(B) डगमग-डगमग दिग्गज डोले ।
(C) भगवान कुपित होकर बोले ।
(D) फिर लौट मुझी में आते हैं।
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85. उपर्युक्त पद्यांश की भाषा है :
(A) संस्कृतनिष्ठ हिन्दी।
(B) तद्भवनिष्ठ हिन्दी।
(C) आम बोलचाल की हिन्दी ।
(D) देशज शब्दप्रधान हिन्दी ।
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86. इस पद्यांश में मुख्यत: वर्णित है
(A) कृष्ण का प्रेम ।
(B) दुर्योधन का विनय ।
(C) प्रकृति चित्रण।
(D) हरि की विराट शक्ति ।
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87. आश्रित उपवाक्य का भेद नहीं है :
(A) संज्ञा उपवाक्य ।
(B) क्रिया-विशेषण उपवाक्य ।
(C) विशेषण उपवाक्य ।
(D) प्रधान उपवाक्य ।
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88. निम्नलिखित में से मिश्र वाक्य है :
(A) मेरा भाई रोहन खेल पुस्तकें अधिक पढ़ता है।
(B) नाथद्वारा का श्रीनाथ मंदिर दर्शनीय है ।
(C) नंदिनी ने कहा कि मैं जयपुर नहीं जाऊँगी।
(D) सुबह हुई और भौरे गुनगुनाने लगे।
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89. “शालिनी घर से आती है।” वाक्य में कारक है :
(A) करण कारक
(B) अपादान कारक
(C) अधिकरण कारक
(D) सम्प्रदान कारक
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90. ‘थोथा चना बाजे घना’ लोकोक्ति का अर्थ है :
(A) छोटा आदमी बड़े पद पर पहुँचकर इतराकर चलता है ।
(B) मूर्ख को गुण की परख नहीं होती।
(C) गुणहीन व्यक्ति अधिक आडम्बर करता है ।
(D) सीधेपन से कोई कार्य नहीं होता ।
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