राज्य विधानसभा (State Assembly) का गठन संविधान के अनुच्छेद 170 के तहत राज्य के व्यस्क मतदाताओं द्वारा चुने गए सदस्यों द्वारा होता है। इसी अनुच्छेद के तहत किसी राज्य की
संविधान के अनुच्छेद 168 के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए विधानमंडल (Legislature) की व्यवस्था की गयी है, परंतु प्रत्येक राज्य के विधानमंडल के संबंध में संविधान ने द्विसदनीय सिद्धांत स्वीकार
राज्य की मंत्रिपरिषद (State Cabinet) संविधान के अनुच्छेद 163 के अनुसार “उन बातों को छोड़कर जिनमें राज्यपाल स्वविवेक से कार्य करता है, अन्य कार्यों के निर्वहन में उसे सहायता प्रदान
संविधान के भाग 6 के अनुच्छेद 154 के अनुसार राज्य की समस्त कार्यपालिका संबंधी शक्ति राज्यपाल (Governor) में नीहित है, जिसका प्रयोग पर मंत्रीपरिषद् (Council of Ministers) की सहायता से
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत एक स्वतंत्र महालेखा परीक्षक की प्रावधान है जो भारत के लेखा-बही का प्रमुख होता है और समय-समय पर केंद्र और राज्य सरकारों के
भारत में महान्यायवादी का पद ब्रिटेन की नकल होते हुए भी उससे काफी भिन्न है। ब्रिटेन में विधिमंत्री ही महान्यायवादी होता है और वह विधिमंत्री होने के कारण मंत्रिमण्डल का
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की लिस्ट क्रमांक नाम अवधि नियुक्ति 1 एच जे कनिया 26 जनवरी 1950 6 नवम्बर 1951 राजेंद्र प्रसाद 2 एम पी शास्त्री 7 नवम्बर 1951 3
सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति तथा कार्य उच्चतम न्यायालय का अधिकार क्षेत्र अत्यंत विस्तृत है। इसका क्षेत्राधिकार प्रारंभिक, पुनर्विचार तथा मंत्रणा संबंधी है। इसके अतिरिक्त नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा
भारत के उच्चतम न्यायालय का उद्घाटन 28 जनवरी, 1950 को किया गया। यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 के तहत लागू संघीय न्यायालय का उत्तराधिकारी था। हालांकि उच्चतम न्यायालय का न्यायक्षेत्र,
भारतीय संविधान के भाग – 5 के अंतर्गत अनुच्छेद – 79 से अनुच्छेद – 122 तक संसद का गठन, संरचना, अवधि, अधिकारियों, प्रक्रिया व विशेषाधिकार का वर्णन किया गया है। संसद भारत
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