निर्देश (प्रश्न सं० 81 से 85): दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश–1
काशी संस्कृति की पाठशाला है। शास्त्रों में आनंदकानन के नाम से प्रतिष्ठित काशी में कलाधर हनुमान व नृत्य विश्वनाथ हैं। काशी में बिस्मिल्ला खाँ हैं। काशी में हजारों सालों का इतिहास है जिसमें पंडित कंठे महाराज हैं, विद्याधरी हैं, बड़े रामदास, जी हैं, मौजुद्दीन खाँ हैं व इन रसिकों से उपकृत होने वाला ‘अपार जनसमूह है। काशी में संगीत आयोजन एक प्राचीन एवं अद्भुत ‘परम्परा है। यह आयोजन पिछले कई बरसों से दक्षिण भाग में स्थित संकटमोचन मंदिर में होता आया है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते हैं। अपने मजहब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार है। वे जब भी काशी से बाहर रहते हैं तब विश्वनाथ व बालाजी मंदिर की दिशा में मुँह करके बैठते हैं, थोड़ी देर ही सही, मगर उसी ओर शहनाई का प्याला घुमा दिया जाता है और भीतर की आस्था मुखरित हो उठती है।
81. काशी किसकी पाठशाला है?
(A) कला
(B) नृत्य
(C) संस्कृति
(D) संगीत
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82. काशी की प्रतिष्ठा शास्त्रों में किस नाम से है?
(A) आनंदकानन
(B) अमरावती
(C) प्रयाग
(D) त्रिवेणी
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83. संकटमोचन मंदिर काशी में कहाँ स्थित है?
(A) शहर के दक्षिण में
(B) शहर के मध्य में
(C) शहर के पूर्व में
(D) शहर में संगम के पास
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84. काशी में संगीत-सभा में कौन अवश्य ही उपस्थित रहता है?
(A) बिस्मिल्ला खाँ
(B) विद्याधरी
(C) बड़े रामदास जी
(D) मौजुद्दीन खाँ
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85. बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई का प्याला किस ओर घुमा दिया जाता है?
(A) विश्वनाथ व बालाजी मंदिर की दिशा की ओर
(B) लंका की ओर
(C) पूर्व दिशा की ओर
(D) काशी विश्वविद्यालय की ओर
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निर्देश (प्रश्न सं० 86 से 90) : दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश-2
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का पाँचवाँ अधिवेशन 1889 में मुंबई में आयोजित हुआ था। खचाखच भरे हॉल में देशभर के नेता एकत्र हुए थे। एक सुंदर युवती अधिवेशन को संबोधित करने के लिए उठी। हॉल में लाउडस्पीकर न थे। पीछे बैठे हुए लोग उस युवती की आवाज नहीं सुन पा रहे थे। वे आगे की ओर बढ़ने लगे। यह देखकर युवती ने कहा, “भाइयों मुझे क्षमा कीजिए। मेरी आवाज आप तक नहीं पहुँच पा रही है। लेकिन इस पर मुझे आश्चर्य नहीं है। क्या आपने शताब्दियों तक कभी किसी महिला की आवाज सुनने की कोशिश की? क्या आपने उसे इतनी शक्ति प्रदान की कि वह अपनी आवाज को आप तक पहुँचने योग्य बना सके?’ प्रतिनिधियों के पास इन प्रश्नों के उत्तर न थे। इस साहसी युवती को अभी और बहुत कुछ कहना था। उनका नाम पंडिता रमाबाई था। उनके प्रयास से 1889 के उस अधिवेशन में 9 महिला प्रतिनिधि सम्मिलित हुई थीं। वे एक मूक प्रतिनिधि नहीं बन सकती थीं। विधवाओं को सिर मुंड़वाए जाने की प्रथा के विरोध में रखे गए प्रस्ताव पर उन्होंने एक जोरदार भाषण दिया। इस तरह उन्होंने नारी-मुक्ति आंदोलन की नींव रखी।
86. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का पाँचवाँ अधिवेशन कब आयोजित हुआ?
(A) 1989
(B) 1881
(C) 1889
(D) 1883
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87. उस सुन्दर युवती का क्या नाम था?
(A) पंडिता रमाबाई
(B) पंडिता सरोजिनी नायडू
(C) पंडिता लक्ष्मी सहगल
(D) पंडिता कमला नेहरू
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88. उस साहसी युवती के प्रयास से अधिवेशन में कितनी महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया?
(A) 7
(B) 8
(C) 9
(D) 10
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89. साहसी युवती ने किस प्रस्ताव पर जोरदार भाषण दिया?
(A) विधवाओं को सिर मुंड़वाए जाने की प्रथा के विरोध प्रस्ताव पर
(B) विधवाओं के पुनर्विवाह प्रस्ताव पर
(C) विधवाओं के सम्पत्ति के अधिकार प्रस्ताव पर
(D) विधवाओं के साथ दुर्व्यवहार के विरोध प्रस्ताव पर
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90. नारी-मुक्ति आंदोलन की नींव सर्वप्रथम किसने डाली?
(A) अरुणा नेहरू
(B) कमला नेहरू
(C) पंडिता रमाबाई
(D) सरोजिनी नायडू
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निर्देश (प्रश्न सं० 91 से 95) : दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश – 3
एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज करता है; किन्तु उसकी संतान को वह अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो । जाती है। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज की। वह संस्कृत मानव था। हम आज के भौतिक-विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अधिक सभ्य भले ही कह सकें; पर न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते। भौतिक-प्रेरणा, ज्ञानेप्सा-क्या ये दो ही मानव-संस्कृति के माता-पिता हैं? सुनते हैं रूस का भाग्य-विधाता लेनिन अपनी डेस्क में रखे हुए डबलरोटी के सूखे टुकड़े स्वयं न खाकर दूसरों को खिला दिया करता था। वह आखिर ऐसा क्यों करता था? संसार के मजदूरों को सुखी देखने का स्वप्नं देखते हुए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया। और इन सबसे बढ़कर आज नहीं, आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व सिद्धार्थ ने अपना घर केवल इसलिए त्याग दिया कि किसी तरह तृष्णा के वशीभूत लड़ती-कटती मानवता सुख से रह सके। हमारी समझ से मानव-संस्कृति की जो योग्यता आविष्कार कराती है, खोज कराती है, नवीन जानकारी कराती है। और किसी महामानव से सर्वस्व त्याग कराती है, वह संस्कृति
91. संस्कृति वह योग्यता है, जो :
(A) नवीन आविष्कार कराती है।
(B) नवीन खोज, जानकारी कराती है।
(C) सर्वस्व त्याग कराती है।
(D) उपर्युक्त सभी
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92. गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत विज्ञान की किस शाखा से संबंधित है?
(A) जीव-विज्ञान
(B) रसायन-विज्ञान
(C) भौतिक-विज्ञान
(D) वनस्पति-विज्ञान
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93. रूस का भाग्य-विधाता किसे कहा जाता है?
(A) लेनिन
(B) न्यूटन
(C) माओ-त्से-तुंग
(D) कार्ल मार्क्स
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94. कार्ल मार्क्स ने किसे सुखी देखने का स्वप्न देखा?
(A) जमींदारों को
(B) राजाओं को
(C) मजदूरों को
(D) राजनीतिज्ञों को
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95. सिद्धार्थ ने अपना घर क्यों त्याग दिया?
(A) ईश्वर-आराधना के लिए
(B) संन्यास ग्रहण करने के लिए
(C) मानवता के सुख के लिए
(D) राजनीतिक मुक्ति के लिए
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निर्देश (प्रश्न सं० 96 से 100) : दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
गद्यांश – 4
हमारी हिन्दी सजीव भाषा है। इसी कारण, यहं पहले अरबी, फारसी आदि के संपर्क में आकर उनके व अब बाद में अंग्रेजी के भी शब्द ग्रहण करती जा रही है। इसे दोष नहीं, गुण ही समझना चाहिए; क्योंकि अपनी इस ग्रहणं शक्ति से हिन्दी अपनी वृद्धि कर रही है, हास नहीं। ज्यों-ज्यों इसका प्रचार बढ़ेगा, त्यों-त्यों इसमें नए शब्दों का आगमन होता जाएगा। क्या भाषा की विशुद्धता के किसी भी पक्षपाती में यह शक्ति है कि वह विभिन्न जातियों के पारस्परिक संपर्क को न होने दें या भाषाओं की सम्मिश्रण-क्रिया में रुकावट पैदा कर दे? यह कभी सम्भव नहीं। उपर्युक्त प्रक्रियाएँ स्वाभाविक हैं। हमें तो केवल इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस सम्मिश्रण के कारण हमारी भाषा अपने स्वरूप को तो नष्ट नहीं कर रही-कहीं अन्य भाषाओं के बेमेल शब्दों के मिश्रण से अपना रूप तो विकृत नहीं कर रही। अभिप्राय यह है। कि दूसरी भाषाओं के शब्द, मुहावरे आदि ग्रहण करने पर भी हिन्दी, हिन्दी ही बनी रही है या नहीं, बिगड़कर कहीं वह कुछ और तो नहीं होती जा रही?
96. इस अवतरण का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है?
(A) भाषा की सजीवता
(B) हिन्दी भाषा
(C) हिन्दी-सजीव भाषा
(D) भाषा-सम्मिश्रण
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97. हिन्दी में नये शब्दों को अपनाते समय किस बात को ध्यान में रखना चाहिए?
(A) हमारी भाषा इस सम्मिश्रण से अपना स्वरूप तो नष्ट नहीं कर रही
(B) अन्य भाषाओं के बेमेल शब्दों से हमारी भाषा का रूप तो विकृत नहीं हो रहा
(C) दूसरी भाषाओं के शब्दों, मुहावरों आदि के ग्रहण से हिन्दी बिगड़कर कहीं कुछ और तो नहीं होती जा रही
(D) उपर्युक्त सभी
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98. हिन्दी में नए शब्दों का आगमन क्यों उचित है?
(A) सीमित शब्दकोष के कारण
(B) प्राचीन भाषा होने के कारण
(C) हिन्दी का प्रचार बढ़ने के कारण
(D) देवनागरी लिपि के कारण
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99. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
(A) हिन्दी में अरबी, फारसी के शब्द हैं।
(B) हिन्दी में अंग्रेजी के शब्द हैं।
(C) हिन्दी में और भी अनेक देशी-विदेशी भाषाओं के शब्द हैं।
(D) उपर्युक्त सभी
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100. हिन्दी भाषा की वह कौन-सी विशेषता है जिसे लेखक ने गुण माना है, दोष नहीं?
(A) अन्य भाषाओं के शब्द ग्रहण की शक्ति
(B) भाषा की विशुद्धता का आग्रह
(C) हिन्दी को रोमन लिपि में लिखना
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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