मध्यकालीन भारत के प्रमुख राजवंश
सोलंकी राजवंश (Solanki Dynasty)
मूलराज I (Mulraaj – I)
- चालक्य अथवा सोलंकियों ने गुजरात तथा काठियावाड में लगभग साढ़े तीन सौ वर्षों तक (950-1300 ई०प०) शासन किया।
- मूलराज ने एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की जिसकी राजधानी अनहिलपटक थी।
- परमार राजा मुंज के हाथों पराजित होने के बाद मूलराज ने स्वयं को मारवाड में सीमित कर लिया।
- उनका राज्य उत्तर में जोधपर तक तथा दक्षिण में नर्मदा तक फैला हुआ था।
- वे एक कटटर शैव थे तथा उन्होंने अनहिलपटक में दो मंदिरों का निर्माण करवाया।
- मूलराज की मृत्यु तथा भीम I के बीच के 25 वर्ष अकीर्तिकर थे।
भीम I (Bheem – I)
- उनके राज्य को गजनी के महमूद के आक्रमण ने हिला दिया जिसने सोमनाथ के मंदिर से अथाह सम्पत्ति लूटी।
- महमूद के आक्रमण के साथ भीम कच्छ भाग गए तथा हमलावरों के लौटने के बाद ही अपनी राजधानी वापस आए।
- भीम I का शासनकाल भारत की वास्तुकला के इतिहास में महत्त्वपूर्ण है।
- आबू के प्रसिद्ध दिलवारा मंदिरों का निर्माण उसके शासनकाल में हुआ।
- उन्होंने अपने पुत्र कर्ण के लिए गद्दी को छोड़ दिया।
कर्ण (Karna)
- अपने तीस साल के लंबे शासन काल के बाद भी कर्ण कुछ खास नहीं कर पाए।
- उन्होंने अनेक मंदिरों का निर्माण करवाया तथा अपने नाम पर एक शहर बनवाया जिसे अब अहमदाबाद के नाम से जाना जाता है।
जयसिम्ह सिद्धराजा (Jaysimh Sidharaja)
- जयसिम्हा अपने पिता कर्ण के बाद गद्दी पर आए तथा उन्होंने सिद्धराजा की पदवी धारण की।
- उन्होंने लगभग पचास वर्षों तक शासन किया।
- उन्होंने अपने राज्य के विस्तार के लिए विजय यात्राएं कीं।
- उत्तर में, परमारों को पराजित कर उन्होंने भीनमल पर कब्जा कर लिया। उसके बाद उन्होंने शाकंभरी के चाहमनों को पराजित किया।
- उन्होंने चंदेल राज्य पर भी आक्रमण किया तथा कालिंजर और महोबा तक पहुंच गए।
- दक्षिण में उन्होंने कल्याण के चालुक्य राजा विक्रमादित्य VI को पराजित किया।
- जयसिम्ह की साहित्य में भी रुचि थी।
- उनके समय गुजरात अध्ययन तथा साहित्य का केन्द्र बन गया।
- उन्होंने आसपास अनेक कवियों एवं विद्वानों को जमा किया जिनमें हेमचंद्र भी थे जो व्याकरण की प्रसिद्ध पुस्तक सिद्ध हेमचंद्र के रचयिता थे।
- वे एक शैव थे तथा उन्होंने अनके मंदिरों का निर्माण करवाया जिसमें सद्धपुर का प्रसिद्ध रुद्र महाकाल मंदिर सबसे भव्य है।
- उनकी मृत्यु के बाद गद्दी पर उनके एक दूर के रिश्तेदार कुमारपाल ने कब्जा कर लिया।
कुमारपाल (Kumarpal)
- हेमचंद्र के प्रभाव में आकर कुमारपाल जैन बन गए तथा पशुबलि पर रोक लगा दी।
- जैन धर्म के प्रति अपनी आस्था के बाद भी अपने पारिवारिक देव शिव के प्रति भी उन्होंने श्रद्धा का प्रदर्शन किया तथा जैन एवं ब्राह्मण, दोनों धर्मों के मंदिर बनवाए।
मूलराज II (Mulraaj II)
- 1178 ई०पू० में मोइजुद्दीन मुहम्मद गोरी ने गुजरात पर आक्रमण किया परंतु मूलराज की माता के नेतृत्व में सोलंकियों ने मुसलमानों का विरोध किया तथा माउंट आबू के निकट उन्हें पराजित कर दिया।
- भारत पर तुर्की विजय के बाद कुतुबुद्दीन ने 1197 में गुजरात पर आक्रमण किया तथा अनहिलपटक को लूटा।
भीम II (Bheem – II)
- भीम के समय गुजरात को पड़ोसियों से बचाने के लिए लवणप्रसंद तथा उनके योग्य पुत्र वीरधवल द्वारा इंतजाम किया गया।
बाद के शासक
- भीम II के बाद त्रिभुन पाल आए तथा उनके बाद वीरमा जो वीरधवल के पुत्र थे।
- सांगदेव तथा उनका भतीजा कर्ण अगले दो शासक थे।
- कर्ण गुजरात का अंतिम हिंदू राजा था।
- शीघ्र ही अलाउद्दीन खिलजी ने गुजरात पर अधिकार कर लिया। कर्ण देवगिरी भाग गया परंतु उसकी रानी कमला देवी तथा पुत्री देवला देवी अलाउद्दीन के हाथ लग गईं।
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