कंप्यूटर का परिचय

कंप्यूटर का परिचय (Introduction of Computer)

कम्प्यूटर एक स्वचालित तथा निर्देशों के अनुसार कार्य करने वाला इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो डेटा ग्रहण करता है तथा सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के अनुसार, किसी परिणाम के लिए डेटा को प्रोसेस, संग्रहीत अथवा प्रदर्शित करता है।

‘कम्प्यूटर’ शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘COMPUTARE’ शब्द से हुई है। परन्तु कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ‘कम्प्यूटर’ शब्द की उत्पत्ति ‘COMPUTER’ शब्द से हुई है। सामान्यतः दोनों का ही अर्थ ‘गणना करना’ है।

एक कम्प्यूटर सिस्टम ‘कम्प्यूटर’ शब्द अंग्रेजी के आठ अक्षरों से मिलकर बना है, जो इसके अर्थ को और भी अधिक व्यापक बना देते हैं।

C – Commonly (कॉमनली)
O – Operated (ऑपरेटिड)
M – Machine (मशीन)
P – Particularly (पर्टिक्युलर्ली)
U – Used for (यूस्ड फॉर)
T – Technical (टैक्निकल)
E – Education and (एजुकेशन एण्ड)
R – Research Research (रिसर्च)

अतः ‘कम्प्यूटर का तात्पर्य एक ऐसे यन्त्र से हैं, जिसका उपयोग गणना, प्रक्रिया, यान्त्रिकी, अनुसन्धान, शोध आदि कार्यों में किया जाता है। कम्प्यूटर, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संयोजन है, जो डेटा (Data) को सूचना (Information) में बदलता है।

कम्प्यूटर प्रणाली की कार्यपद्धति (Functioning of a Computer System)

कम्प्यूटर के द्वारा निम्न चार कार्य किए जा सकते हैं।

  1. इनपुट (Input) :  कम्प्यूटर में डेटा या सूचना को भेजना, इनपुट कहा जाता है। यह सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) के लिए डेटा और निर्देश भेजता है।
  2. प्रोसेसिंग (Processing) : सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कम्प्यूटर के निर्देशों को एक्जिक्यूट करता है।
  3. आउटपुट (Output) :  यह उपयोगकर्ता को संसाधित डेटा उपलब्ध करता हैं।
  4. स्टोरेज (Storage) :  यह डेटा और प्रोग्राम को स्थायी रूप से स्टोर करते  हैं।
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कम्प्यूटर की विशेषताएँ (Features of Computer)

कम्प्यूटर की मुख्य विशेषताएँ निम्न हैं –

  1. गति (Speed) :  कम्प्यूटर एक सेकण्ड में लाखों गणनाएँ करता है। वर्तमान समय में, कम्प्यूटर नैनो सेकण्ड (10-9 सेकण्ड) में भी गणनाएँ कर सकता है।
  2. त्रुटि रहित कार्य (Accuracy) : कम्प्यूटर कठिन-से कठिन प्रश्न का बिना किसी त्रुटि (Error) के परिणाम निकाल देता है। गणना के दौरान अगर कोई त्रुटि पाई भी जाती है तो वह प्रोग्राम या डेटा में मानवीय गलतियों के कारण होती है।
  3. भण्डारण क्षमता (Storage Capacity) :  कम्प्यूटर अपनी मैमोरी में सूचनाओं का विशाल भण्डार संचित कर सकता है। इसमें अथाह आँकड़ों एवं प्रोग्रामों के भण्डारण की क्षमता होती है। कम्प्यूटर के बाह्य (External) तथा आंतरिक (Internal) संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, मैग्नेटिक टेप, सीडी रॉम) में असीमित डेटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है।
  4. बहुउद्देशीय (Versatile) : कम्प्यूटर की सहायता से विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। आधुनिक कम्प्यूटरों में, अलग-अलग प्रकार के कार्य एक साथ करने की क्षमता है।
  5. गोपनीयता (Secrecy) : पासवर्ड (Password) के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है।
  6. सक्षमता (Diligence) : एक मशीन होने के कारण कम्प्यूटर पर बाहरी वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। वह किसी भी कार्य को बिना रुके लाखों-करोड़ो बार कर सकता है।
  7. स्वचालित (Automatic) : कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है जिसमें गणना के दौरान मानवीय हस्तक्षेप की संभावना नगण्य रहती है। हालाँकि कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए निर्देश मनुष्य द्वारा ही दिए जाते हैं।

कम्प्यूटर से सम्बन्धित शब्द (Terms Related to Computer)

हार्डवेयर (Hardware) :  कम्प्यूटर के सभी भाग (Parts), जिन्हें हम हाथों से छू सकते हैं एवं देख भी सकते हैं, उन्हें हार्डवेयर कहते हैं। यान्त्रिक, विद्युत तथा इलेक्ट्रॉनिक भाग कम्प्यूटर हार्डवेयर के नाम से जाने जाते हैं। आधुनिक कम्प्यूटर के हार्डवेयर मदर बोर्ड, मॉनीटर, की-बोर्ड, माउस, प्रिण्टर आदि होते हैं।

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सॉफ्टवेयर (Software) :  एक निश्चित कार्य को सम्पन्न करने के लिए निर्देशों का समूह प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कहलाता है। प्रोग्राम कम्प्यूटर को इनपुट क्रियाओं, डेटा की प्रक्रिया और परिणामों को दर्शाने का निर्देश देता है;
जैसे- नोटपैड, एम एस ऑफिस, गेम आदि।

सूचना (Information) :  जब डेटा को उपयोगी बनाने के लिए इसे संसाधित (व्यवस्थित), संगठित तथा संरचित किया जाता है, तो प्राप्त डेटा सूचना कहलाता है।

डेटा (Data) :  डेटा तथ्यों और अव्यवस्थित ऑकड़ों का समूह है। डेटा को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।

  1. संख्यात्मक डेटा (Numerical Data) इसमें 0 से 9 तक के अंको का प्रयोग किया जाता है; जैसे-परीक्षा में प्राप्त अंक, रोल नम्बर आदि।
  2. चिह्नात्मक डेटा (Alphanumeric Data) इसमें अंको, अक्षरों तथा चिन्हों का प्रयोग किया जाता है; जैसे-कर्मचारियों का पता, पैन कार्ड नम्बर आदि।

प्रोसेसिंग (Processing) :  डेटा पर की जाने वाली उन क्रियाओं को जिनसे सूचना प्राप्त होती है, प्रोसेसिंग कहा जाता है। डेटा प्रोसेसिंग (Data Processing) का मुख्य लक्ष्य अव्यवस्थित डेटा (Raw Data) से व्यवस्थित डेटा (Information) प्राप्त करना है, जिसका उपयोग निर्णय लेने के लिए होता है ।

 

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13 Comments

  1. Good sir i really appreciate to you
    Please carry on it
    Upsssc exam ke liye kuch gs material aur provide karaye sir

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