चक्रवात (Cyclone) सामान्य रूप से चक्रवात निम्न वायुदाब के केन्द्र होते हैं, जिनके चारों तरफ समकेन्द्रीय समवायुदाब रेखाएँ विस्तृत होती हैं तथा केन्द्र से बाहर की ओर वायुदाब बढ़ता जाता है। परिणामस्वरूप परिधि (बाहर से) केन्द्र की ओर हवाएँ चलने लगती है। हवाओं की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी के सुइयों के विपरीत तथा दक्षिणी…
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वृष्टि (Precipitation)
खुली स्वछन्द हवा में वायुमंडलीय जलवाष्प का लगातार होने वाला संघनन संघनित कणों की आकार-वृद्धि में सहायक होता है। जब ये कण बड़े हो जाते हैं और हवा का अवरोध उन्हें गुरूत्वाकर्षण बल के खिलाफ लटकाए रखने में असफल होता है तो आकार में बड़े संघनित कण पृथ्वी की धरातल पर गिरने लगते हैं। जल…
बादल (Cloud)
बादल (Cloud) मेघों का निर्माण वायु में उपस्थिति महीन धूलकणों के केन्द्रक के चारों ओर जलवाष्प के संघनित होने से होता है। अधिकांश दशाओं में मेघ जल की अत्यधिक छोटी-छोटी बँन्दों से बने होते हैं, लेकिन ये बर्फ कणों से भी निर्मित हो सकते हैं, बशर्ते कि तापमान हिमांक से नीचे हो। अधिकांशतः मेघ निर्माण…
वायुमंडल की आर्द्रता
वायुमंडल की आर्द्रता (Atmospheric Humidity) यद्यपि जलवाष्प वायुमंडल में कम ही अनुपात में (0-4%) मौजूद है, फिर भी यह मौसम और जलवायु के निर्णायक के रूप में हवा का सबसे प्रमुख घटक है। जल वायुमंडल में अपने तीनों रूपों में मौजूद रह सकता है। यह गैसीय अवस्था में जलवाष्प, तरल अवस्था में जल की बूंदों…
स्थानीय पवनें (Local wind)
स्थाई पवन के मार्ग में धरातल के स्थानीय तापांतर के कारण अनेक प्रकार के स्थानीय पवन उत्पन्न होते हैं। इनके अलग-अलग नाम हैं। स्थानीय गर्म हवाएँ (Local Hot Winds) 1. लू (L00) : उत्तरी भारत एवं पाकिस्तान के मैदानों में मई-जून में प्रवाहित होने वाली यह काफी गर्म एवं शुष्क वायु है। 2. फॉन (Fohn)…
पवन और उनके प्रकार
पृथ्वी के धरातल पर वायुदाब में क्षैतिज विषमताओं के कारण हवा उच्च वायुदाब क्षेत्र से निम्न वायुदाब क्षेत्र की ओर बहती है। क्षैतिज रूप में गतिशील हवा को पवन (Wind) कहते हैं। यह वायुदाब की विषमताओं को संतुलित करने की दशा में प्रकृति का प्रयास है। लगभग ऊर्ध्वावर दिशा में गतिमान हवा को वायुधारा कहते…
वायुमंडल की संरचना (Structure of Atmosphere)
वायुमंडल में हवा की अनेक संकेद्री पर्ते हैं जो घनत्व और तापमान की दृष्टि से एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं। हवा का घनत्व धरातल पर सर्वाधिक है और ऊपर की ओर तेजी से घटता जाता है। वायुमंडल को पांच मुख्य संस्तरों में बाँट सकते हैं – 1. क्षोभमंडल (Troposphere) वायुमंडल के सबसे निचली संस्तर का…
वायुमंडल एवं उनके संघटन
वायुमंडल (Atmosphere) पृथ्वी को चारों ओर से आवरण की तरह घेरे हुए हवा के विस्तृत भंडार को वायुमंडल (Atmosphere) कहते हैं। इसमें मनुष्य एवं जानवर के लिए ऑक्सीजन एवं पेड़-पौधों के लिए कार्बनडाईआक्साइड जैसी जीवनदायी गैसें उपस्थित हैं। सूर्य के खतरनाक विकिरण से यह पृथ्वी की रक्षा करता है। वायुमंडल जलवाष्प का भंडार है जिससे…
मैदान एवं उनका वर्गीकरण
मैदान (Plain) धरातल पर पायी जाने वाली समस्त स्थलाकृतियों में मैदान (Plain) सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। अति मंद ढाल वाली लगभग सपाट या लहरिया निम्न भूमि को मैदान कहते हैं। मैदान धरातल के लगभग 55 प्रतिशत भाग पर फैले हुए हैं। संसार के अधिकांश मैदान नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से बने हैं। मैदानों की…
पठारों का महत्त्व
पठारों का महत्त्व (Importance of Plateaus) लम्बे समय से लगातार अपरदन के कारण पठार के तल प्रायः असमतल हो गये हैं, जिसके कारण यहाँ, आवागमन के साधनों तथा जनसंख्या का पर्याप्त विकास नहीं हो पाता। फिर भी पठार मानव के लिए बहुत उपयोगी हैं। पठारों ने मानव जीवन को निम्न प्रकार से प्रभावित किया है…